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एनयूजेआई की राष्ट्रीय बैठक में भोपाल से उठी आवाज: चौथे स्तंभ की गरिमा बनाए रखने और बदलते परिवेश में पत्रकार हितों के लिए मीडिया काउंसलिंग वक्त की मांग

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भोपाल। बदलते वक़्त में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की गरिमा बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि देश में मीडिया काउंसिल का अनिवार्य रूप से गठन किया जाना चाहिए। सही मायनों में तभी पत्रकारिता को चौथे स्तम्भ का स्थान मिलकर उसके साथ न्याय हो सकेगा। यह आवाज उठी है देश के मध्य स्थान से, वह स्थान जहां से इसकी गूंज हिंदुस्तान के हर कोने तक पहुंचेगी और यह मांग जल्द धरातल पर उतरेगी। इस महत्वपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी ली है देश के सबसे जिम्मेदार और पत्रकार हितों के लिए गंभीरता से काम करने वाले संगठन नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया (NUJ-I) ने।

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (IFJ) से संबद्ध नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया (NUJ-I) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की भोपाल में आयोजित की गई बैठक में 13 राज्यों के प्रतिनिधियों ने मीडिया के बदलते परिदृश्य में पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके सुरक्षा उपायों पर चर्चा की।

बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने की, जबकि राष्ट्रीय महामंत्री प्रदीप तिवारी ने इसका संचालन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मध्य प्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन एवं संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राधा सिंह थी। संगोष्ठी का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें डॉ. रीना और ब्रह्मकुमारी मंचासीन भी शामिल थीं।

कार्यक्रम में मीडिया के बदलते परिदृश्य और उसके कारण पत्रकारों के सामने आ रही चुनौतियों पर विशेष चर्चा की गई। मुख्य अतिथि कैलाश विजयवर्गीय ने पत्रकारिता की जिम्मेदारियों और इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आज के समय में मीडिया की विश्वसनीयता बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। पत्रकारों को अपनी भूमिका को समझते हुए परिपक्वता और निष्पक्षता के साथ काम करना होगा। विश्वसनीयता और पारदर्शिता ही पत्रकारिता की पहचान है।”उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल युग में पत्रकारिता का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है, ऐसे में पत्रकारों को नए माध्यमों के साथ कदमताल करना जरूरी हो गया है। इस चुनौतीपूर्ण समय में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत और ठोस व्यवस्था की आवश्यकता है।

इस अवसर पर राष्ट्रीय महामंत्री प्ररीष तिवारी ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पत्रकार सुरक्षा कानून को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए ताकि चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारिता को वास्तविक रूप में सम्मान और सुरक्षा मिल सके।इसके साथ ही, उन्होंने मीडिया में काम करने वाले पत्रकारों के लिए उचित मान्यता और उनकी रक्षा के लिए नियमों को सरल बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “पत्रकारों की मान्यता की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सरल किया जाना चाहिए। समाचार पत्र के मालिकों की स्वीकृति पर आधारित वर्तमान प्रक्रिया को समाप्त किया जाना चाहिए, ताकि स्वतंत्र रूप से काम करने वाले पत्रकारों को भी मान्यता प्राप्त हो सके।”

‘Article 32’ पुस्तक का विमोचन

इस संगोष्ठी के दौरान उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी दुबे लिखित ‘Article 32’ पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस पुस्तक में संविधान की धारा 32 के तहत पत्रकारों के अधिकारों, उनके कर्तव्यों और सुरक्षा उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई है। इस अवसर पर वक्ताओं ने पत्रकारों की स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संविधान की महत्ता पर भी जोर दिया।

नए युग की पत्रकारिता के लिए तैयार होने की अपील

मुख्य अतिथि कैलाश विजयवर्गीय ने पत्रकारों को नए युग की पत्रकारिता के लिए तैयार होने की अपील की। उन्होंने कहा, “तकनीक और डिजिटल विकास के इस युग में पत्रकारों को तेजी से बदलते परिदृश्य के साथ कदमताल करनी होगी। पत्रकारिता के क्षेत्र में विश्वसनीयता और परिपक्वता को बनाए रखने के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन भी आवश्यक है।”

संगठन की मांगें और भविष्य की योजना

संगठन की ओर से पत्रकारों की मान्यता की प्रक्रिया को सुधारने की मांग की गई। साथ ही, पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू करने की दिशा में तेजी से कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि संगठन का उद्देश्य पत्रकारों की सुरक्षा, सम्मान और उनके हितों की रक्षा करना है। इस दिशा में संगठन ने कई महत्वपूर्ण योजनाएँ बनाई हैं, जिनमें पत्रकारों की आर्थिक सुरक्षा के साथ-साथ उनकी प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए प्रयास शामिल हैं।

प्रमुख उपस्थिति

बैठक में उत्तराखंड से राष्ट्रीय सचिव कैलाश जोशी, प्रदेश संरक्षक संजय तुलवार, प्रदेश अध्यक्ष सुनील पांडे, प्रदेश महामंत्री डॉ. नवीन जोशी, कोषाध्यक्ष राहुल वर्मा, दिनेश जोशी, मनोज लोहनी, धर्मेंद्र चौधरी, अनीता चोपड़ा और वीरेंद्र सक्सेना (पूर्व सूचना आयुक्त, उत्तराखंड) जैसे प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन दूरदर्शन की पूर्वी ने किया।

निष्कर्ष

बैठक के अंत में यह निर्णय लिया गया कि पत्रकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। साथ ही, डिजिटल युग में पत्रकारों के समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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