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विमी के साथ वंदना और दीया का प्रकाश फैला रहा स्वाभिमान की रोशनी… महिला दिवस पर विशेष
- महिला सृष्टि की ऐसी कृति है जो जिस घर में खुश रहती है, वह घर सदा सुख ,शांति और समृद्धि से लगता है महकने ।
गणेश दत्त पांडे, चंपावत
महिला सृष्टि की रचयिता ही नहीं परिवार की सेतु होती है। ममता, प्यार, दुलार , ममत्व एवं अपनत्व की एक ऐसा निश्चल स्रोत है जो व्यक्ति जिस रूप में उसे देखता है वह उसकी अपनी सोच है। महिला घर का एक ऐसा आभूषण है जो लगातार संघर्षमय जीवन के झंझाबातों में उलझे रहने के बावजूद भी उसकी आभा व चमक कभी कम नहीं होती है। वास्तव में महिला श्री एवं लक्ष्मी का साक्षात ऐसा रूप है जिस घर में वह सुख और सम्मान से रहती है वह घर सदा आनंद एवं खुशियों से महकता रहता है। महिला दिवस पर जिले की ऐसी कुछ संस्कारवान महिलाएं हैं जिनका काम करने का अपना अलग ही अंदाज है।
जिला ग्राम विकास विभाग की परियोजना निदेशक विम्मी जोशी ऐसी महिला हैं जो इस सिद्धांत पर काम करती हैं कि सरकार द्वारा उन्हें जन सेवा के लिए जो मान और सम्मान दिया है उसके एवज में वे लोगों के लिए क्या कर रही है? कभी काम से ना थकने एवं जिम्मेवारियों से दूर न भागने का इनमें नैसर्गिक गुण है । उनकी निष्ठा व समर्पण भाव से महिलाओं को सशक्त एव स्वावलंबी बनाने के लिए उनके प्रयासों को देखते हुए इन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर धामी द्वारा इन्हें राज्य स्तर पर पुरुस्कृत कर सम्मानित किया जा चुका है। विम्मी आज की व्यवस्था में ऐसी ईमानदार अधिकारी हैं जिनके जज्बे को सभी सलाम करते रहते है।
चंपावत जिले की पहली महिला पुलिस सर्किल ऑफिसर वंदना वर्मा के कार्य व्यवहार व शालीनता एवं कार्य करने की लगन को देखकर यह नहीं कहा जा सकता की आधा दर्जन महत्वपूर्ण थाने व कोतवाली की इंचार्ज ने अपने कार्य से ऐसा अपना इकबाल बनाया है कि अपराध एवं अपराधी उनकी परछाई से दूर भागते हैं। इनके नेतृत्व में नशे के सामान की रिकॉर्ड रिकवरी होने के साथ साइबर अपराधों की चपेट में आये सैकड़ो लोगों की करोड़ों रुपए की धनराशि उन्हें लौटाकर कर यह निराश एवं हताश चेहरों में मुस्कान ला रही है। बंदना इस सिद्धांत पर काम करती हैं कि पुलिस के पास लोग जिस भरोसे के साथ आते हैं हमें अपने कार्य, व्यवहार से उनका भरोसा बरकरार रखना है।
लधियाघाटी क्षेत्र की दिया गुरुरानी ऐसी जीवट महिला हैं जो दूसरों की खुशी में अपनी खुशी तलाशती हैं। जिनमे समाज सेवा का ऐसा जुनून है कि महिला जागरण हो या बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , वनों को दावाग्नि से बचाने ,नशे के खिलाफ जागरूकता पैदा करने में पुलिस का सहयोग करने एवं महिलाओं को विभिन्न हुनर सिखाकर उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में ऐसा काम कर रही है कि सभी इन्हें दिया दीदी के नाम से जानते हैं । दिया गुरुरानी का कहना है कि महिला का दर्द एक महिला ही समझती है । यह पहाड़ी उत्पादों की ऐसी ब्रांड एंबेसडर है कि इन्होंने कई उत्पादों के जरिए महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर तलाशे हैं।

