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उत्तराखंड : इस स्कूल ने किया जुम्मे की छुट्टी का ऐलान, विरोध के बाद मांगी माफ़ी…!

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देहरादून: हाल ही में झारखंड में एक स्कूल ने जुम्मे की छुट्टी का ऐलान किया था। जिसके बाद देहरादून में भी एक स्कूल ने जुम्मे की छुट्टी का ऐलान कर दिया। मामले की जानकारी लगते ही ये सूचना सोशल मीडिया में वायरल हो गई। वायरल होने के बाद प्रशासन से शासन तक मामले पहुंच गया।

लोगों ने भी मामले की शिकायत विकासनगर एसडीएम विनोद कुमार और डीएम सोनिका से की। मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल स्कूल के प्रबंधक को एसडीएम दफ्तर में बुलाया गया। जहां उन्होंने माफीनामा दिया और अपनी गलती के लिए खेद जताया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विकासनगर स्थित ब्राइट एंजेल्स पब्लिक स्कूल में जुमे (शुक्रवार को) पर तय समय से पहले छुट्टी का एलान करना स्कूल प्रबंधन को भारी पड़ गया। बताया गया कि गुरुवार दोपहर स्कूल की छुट्टी के बाद बच्चे घर पहुंचे तो उनकी डायरी में यह सूचना दर्ज थी। जिसमें स्कूल प्रबंधन ने हर शुक्रवार दोपहर साढ़े 12 बजे छुट्टी करने की बात कही थी।

अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर एक विशेष समुदाय को ध्यान में रखकर निर्णय लेने का आरोप लगा जिला प्रशासन से शिकायत की। शासन तक मामला पहुंचा तो जिलाधिकारी सोनिका ने उप जिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार को कार्रवाई के आदेश दिए। प्रशासन की तरफ से स्कूल प्रबंधन को तलब किया गया तो प्रबंधन ने जनदबाव में लिखित माफी मांगते हुए जल्दी छुट्टी करने का निर्णय वापस ले लिया।

यह मामला विकासनगर के जीवनगढ़ स्थित ब्राइट एंजेल्स सीनियर सेकेंड्री पब्लिक स्कूल का है। स्कूल का डेली टाइम सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक का है। लेकिन, गुरुवार को स्कूल प्रबंधन की ओर से सभी बच्चों की डायरी में नोट दर्ज कराया गया कि हर शुक्रवार को स्कूल दोपहर साढ़े 12 बजे बंद हो जाएगा। इस नोट को पढ़ते ही लोगों में आक्रोश फैल गया और देखते ही देखते स्कूल की मानमानी के खिलाफ प्रशासन से शिकायत कर दी गई। लोगों ने स्कूल की इस मनमानी को इस्लामिक कट्टरता से भी जोड़ा गया।

सोशल मीडिया में मैसेज वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। विकासनगर एसडीएम विनोद कुमार ने स्कूल प्रबंधक को तलब कर लिया। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए नोट को वापस ले लिया और स्कूल टाइम सामान्य कर दिया। रुद्र सेना के संस्थापक और हिंदू जागरण मंच समेत कई संगठनों के लोगों ने स्कूल के नोट पर नाराजगी जताई और कार्रवाई की मांग की है।

आरोप लगाया कि स्कूल के प्रबंधक विशेष समुदाय के हैं, इसलिए वह स्कूल में मनमानी कर रहे हैं, जबकि स्कूल में हर धर्म के बच्चे पढ़ते हैं। यह आरोप भी लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने इस निर्णय से कट्टरता को बढ़ावा देने के साथ ही देवभूमि की शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है।

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संपादक

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