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इस ट्रैकिंग रूट के बनने से प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर विकसित होंगे।

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उत्तराखंड: IAS आशीष का शानदार काम, तैयार हो रहा है ऐतिहासिक ऋषिकेश-बदरीनाथ पैदल ट्रैक

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चमोली: ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए एक अच्छी खबर है। उत्तराखंड आने वाले पर्यटक जल्द ही ऋषिकेश-बदरीनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर ट्रैकिंग का लुत्फ उठा सकेंगे। यह ट्रैक 16 किमी लंबा है। इन दिनों 8 लाख की लागत से ट्रैक की मरम्मत का काम चल रहा है। लगभग 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। एक वक्त था जब इस पैदल मार्ग पर खूब चहल-पहल दिखती थी।

साधु-संत ऋषिकेश से पैदल चलकर बदरीनाथ-केदारनाथ की यात्रा करते थे, लेकिन करीब 25 साल पहले इस मार्ग पर पैदल आवाजाही लगभग बंद हो गई। डीएम पौड़ी डॉ. आशीष चौहान की पहल पर अब इसे ट्रैकिंग रूट के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इस ट्रैकिंग रूट के तहत पहाड़ पर रास्ता बनाया गया है। जिस पर कई डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी हैं।

एक वाटर फॉल भी यहां पर है। 16 किलोमीटर पैदल ट्रैक में से करीब 12 किलोमीटर ट्रैक तैयार हो गया है। ट्रैकिंग रूट में सिमालू, रामपाठी वाटर फॉल, महादेव चट्टी, विजयपुर (बलोगी) ढांगूगढ़, बंदरचट्टी और नांद गांव जैसी जगहें शामिल हैं। ट्रैकिंग रूट तक पहुंचने के लिए ऋषिकेश की ओर से नौडखाल तक टैक्सी से आना होगा, जबकि देवप्रयाग से सिमालू तक ट्रैक्सी से पहुंचना होगा, यहां से पैदल यात्रा शुरू होगी।

बता दें कि डीएम पौड़ी डॉ. आशीष चौहान ने रूट को ट्रैकिंग के लिए विकसित करने के उद्देश्य से 24 मार्च को निरीक्षण किया था। उनकी पहल पर ट्रैकिंग रूट की मरम्मत के लिए 8 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे। इस ट्रैकिंग रूट के बनने से प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर विकसित होंगे।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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