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उत्तराखंड: दून में नशामुक्ति केंद्रों पर प्रशासन के दावे हकीकत से जुदा, केस स्टडी पर डालें नजर; खुलेगी पोल
देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून में जिला और पुलिस प्रशासन भले ही नशामुक्ति केंद्रों पर शिकंजा कसने के दावे करता रहता है, लेकिन हकीकत इससे जुदा है। बीते तीन महीने में नशामुक्ति केंद्र में भर्ती युवक की मौत का दूसरा मामला इसका ताजा उदाहरण है। जिले में आज भी कई नशामुक्ति केंद्र बिना रजिस्ट्रेशन से चल रहे हैं, लेकिन इनकी जिम्मेदारी लेने के लिए कोई विभाग तैयार नहीं है।
केस स्टडी: 1
28 जनवरी को गुजराड़ा स्थित नशामुक्ति केंद्र न्यू फ्यूचर सोसाइटी में दाखिल 20 वर्षीय युवक की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। राजपुर थाना पुलिस ने सोसाइटी के प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
24 अक्टूबर को रिस्पना पुल के निकट लाइफ केयर फाउंडेशन रिहेब सेंटर में भर्ती युवक इशांत शर्मा निवासी गुजराड़ा की तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई। इस मामले में नेहरू कालोनी पुलिस ने केंद्र संचालक समेत अन्य पांच के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
केस-2
23 अगस्त को वसंत विहार स्थित जीवन परिवर्तन नशामुक्ति केंद्र से 12 युवक फरार हो गए। केंद्र में कोई सुरक्षाकर्मी न होने के कारण यह घटना हुई।
केस-3
पांच अगस्त को क्लेमेनटाउन क्षेत्र में प्रकृति विहार स्थित नशामुक्ति केंद्र के संचालक पर एक युवती के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा। पुलिस ने केंद्र संचालक विद्यादत्त रतूड़ी व विभा सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
अस्पताल में हंगामा करने के मामले में मुकदमा दर्ज
नशामुक्ति केंद्र में युवक की मौत के बाद कोरोनेशन अस्पताल में हंगामा करने, डाक्टरों से मारपीट, सरकारी काम में बाधा डालने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर डालनवाला कोतवाली पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। डालनवाला कोतवाली के इंस्पेक्टर एनके भट्ट ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से आरोपितों की पहचान की जाएगी