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भारत को एस-400 की बिक्री पर अमेरिका का रूस पर निशाना, विदेश मंत्रालय ने दूर की नाराजगी, कही यह बात
भारत को एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की बिक्री पर अमेरिका ने नाराजगी जताई है। अमेरिका ने कहा है कि भारत को एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की बिक्री रूस की अस्थिर करने की भूमिका को दर्शाती है जो वह क्षेत्र में और संभवत: उसके बाहर भी निभा रहा है। वहीं अमेरिका की नाराजगी पर भारत ने दोनों देशों से अपने द्विपक्षीय रिस्तों की अहमियत बताते हुए ताजा कटुता को दूर करने की कोशिश की है।
विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया रुख
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है। वहीं भारत और रूस के बीच भी विशेष रणनीतिक साझेदारी है। हम हमेशा से एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाते रहे हैं। यह नीति हमारे रक्षा अधिग्रहण और रक्षा सौदों पर भी लागू होती है।
अमेरिका ने कही यह बात
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने गुरुवार को अपनी दैनिक प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही। मालूम हो कि भारत ने तत्कालीन ट्रंप प्रशासन की चेतावनी के बावजूद पांच एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए अक्टूबर, 2018 में रूस के साथ पांच अरब डालर का समझौता किया था।
काटसा पर अभी कोई फैसला नहीं
प्राइस ने कहा कि जहां तक काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (काटसा) के तहत भारत पर प्रतिबंधों की बात है तो मैं पहले ही कह चुका हूं कि इस बारे में हमने अभी कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन इस सौदे के लिए काटसा के तहत प्रतिबंध के खतरे के मद्देनजर भारत सरकार से बातचीत जारी है।
क्या है काटसा एक्ट
काटसा अमेरिका का 2017 का कानून है जिसके तहत रूस से बड़ी रक्षा खरीद करने वाले देशों पर अमेरिका प्रतिबंध लगा सकता है। रूस से एस-400 प्रणालियां खरीदने पर 2020 में अमेरिका ने काटसा के तहत तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिए थे। प्राइस ने कहा कि भारत हो या कोई अन्य देश, हम सभी देशों से अनुरोध करते रहेंगे कि वे रूस से बड़ी रक्षा खरीद करने से परहेज करें।