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उत्तराखण्ड

बेपर्दा राजदार: खुली पोल तो खुल गया राजदार, कैसे खुली पोल और कैसे बेपर्दा हुई भर्ती, यहां समझें इस राजदार का लखनऊ कनेक्शन

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देहरादून। उत्तराखंड की किस सबसे बड़ी भर्ती का जो राजदार था उसका कनेक्शन लखनऊ भी हो सकता है यह जांच में खुलासा हुआ है। हालांकि इस पूरे मामले का कनेक्शन न केवल लखनऊ बल्कि कई अन्य राज्यों में भी हो सकता है यह अभी जांच का विषय है मगर आने वाले दिनों में इस भर्ती के बहाने कहीं और भर्तियों की कॉल करनी है यह तय है।

उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। आरएमएस कंपनी लखनऊ के मालिक राजेश चौहान को एसटीएफ उत्तराखंड ने पेपर लीक करने और केंद्रपाल व अन्य के माध्यम से सौदा करने के साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार कर लिया है। वहीं सचिवालय रक्षक भर्ती में हुई धांधली में भी पहली गिरफ्तारी के बाद अब और गिरफ्तारियों का रास्ता साफ हो गया है।शनिवार सुबह आरएमएस कंपनी लखनऊ के मालिक राजेश चौहान की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने प्रेस कांफ्रेस की। जिसमें एसटीएफ ने कई खुलासे किए। बताया कि कंपनी के मालिक राजेश को दो करोड़ रुपए दिए गए थे। कुछ उसके रिश्तेदारों को दिए गए थे।बताया कि देर रात मामले में केंद्रपाल की गिरफ्तारी से सारी पोल खुली। सचिवालय रक्षक भर्ती का पेपर आयोग की प्रिंटिंग प्रेस के कंप्यूटर से चुराया था। आयोग के कर्मचारियों और अधिकारियों की भी जांच हो रही है। एसटीएफ एसएसपी ने सचिव और अध्यक्ष की जांच के बारे में कहा कि अभी किसी को क्लीन चिट नहींं है। एसटीएफ की ओर से बताया गया कि 24 घंटे के अंदर चार से पांच लोगों की होगी गिरफ्तारी होगी। स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ हाकम सिंह रावत को धामपुर भी ले गई। वहां उससे कई घंटे पूछताछ की गई। अब उसके धामपुर निवासी साथी केंद्रपाल पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है।एसटीएफ ने हाकम सिंह रावत की तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) हासिल की थी। पहले उससे एसटीएफ कार्यालय में पूछताछ की गई। बुधवार को सांकरी स्थित उसके गेस्ट हाउस ले जाया गया। यहां कई दस्तावेज और साक्ष्यों को इकट्ठा किया गया। बृहस्पतिवार को एसटीएफ उसे धामपुर, बिजनौर ले गई थी। यहां उसके कई साथी भी रहते हैं। उसने नकल का सेंटर भी धामपुर में एक मकान को बनाया था। एसटीएफ उसे पूछताछ के लिए इस मकान में भी लेकर गई थी।एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि हाकम सिंह ने तीन दिन की पूछताछ में कई राज उगले हैं। जल्द ही कुछ और लोगों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। उसका एक साथी केंद्रपाल पहले ही बिजनौर कोर्ट में सरेंडर कर चुका है। सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ ने केंद्रपाल से भी बिजनौर में पूछताछ की है। वह इस मामले में अहम कड़ी माना जा रहा है। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि वह पेपर लीक का पूरा मास्टरमाइंड है। हाकम जैसे लोग अभ्यर्थियों को इकट्ठा करते थे। हाकम जैसे कई लोग हैं, मगर केंद्रपाल इस पूरे मामले के केंद्र में हो सकता है।उत्तरकाशी जिले में सबसे अधिक नकल करने के मामले सामने आए हैं। अकेले मोरी क्षेत्र में ही 80 अभ्यर्थी पास हुए हैं। इनमें से ज्यादातर ने हाकम सिंह और अन्य लोगों के माध्यम से हल किया गया पेपर हासिल किया था। उन्हें यह पेपर विभिन्न सेंटरों पर हल कराया गया। इस काम में हाकम ही नहीं बल्कि उसके समानांतर सत्ता चलाने वाले दो और लोग शामिल हैं। एसटीएफ जल्द ही इन्हें भी हिरासत में ले सकता है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ और संदिग्धों से एसटीएफ ने पूछताछ की है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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