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धनतेरस पर अनावश्यक जांच, छापेमारी और कार्रवाई न करें अधिकारी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के कड़े निर्देश

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य कर विभाग की राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोनल अधिकारियों से सीधा संवाद भी किया।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य कर विभाग में तैनाती का आधार केवल ‘परफॉर्मेंस’ होगा। फील्ड में वही अधिकारी तैनात किए जाएं, जो लक्ष्य प्राप्ति के प्रति प्रतिबद्ध हों और जिनकी छवि पूरी तरह साफ हो। मुख्यमंत्री जी ने विभागीय अधिकारियों को राजस्व सृजन की गति व पारदर्शिता, दोनों पर समान ध्यान देने तथा करदाता जनसहजता बढ़ाने के भी निर्देश दिए।’वर्ष 2047 तक विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश’ का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में राज्य कर विभाग की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

प्रत्येक अधिकारी सुनिश्चित करे कि कर संग्रह का प्रत्येक रुपया प्रदेश के विकास में योगदान देता हुआ दिखाई दे।करदाताओं की सुविधा और विश्वास अर्जन ही स्थायी राजस्व वृद्धि का आधार है। करदाता-मित्रवत वातावरण तैयार करते हुए ई-गवर्नेंस प्रणाली को और सुदृढ़ किया जाए।

राजस्व वृद्धि राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने का आधार है:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में देश में हुए GST के ‘नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म’ के पश्चात बाजार में तेजी देखी जा रही है। आने वाले महीनों में इसके सकारात्मक परिणाम निश्चित रूप से दिखाई देंगे।

धनतेरस और दीपावली पर्व पर अनावश्यक जांच अथवा छापेमारी की कार्रवाई से बचा जाए।

व्यापारियों और उद्यमियों के उत्पीड़न की शिकायत कहीं से भी नहीं आनी चाहिए: मुख्यमंत्री ने वाराणसी प्रथम व द्वितीय, गोरखपुर, प्रयागराज, अयोध्या, लखनऊ प्रथम व द्वितीय, कानपुर प्रथम व द्वितीय, इटावा, झांसी, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद प्रथम व द्वितीय, गौतमबुद्ध नगर और सहारनपुर सहित सभी जोनों की सम्भागवार और खण्डवार समीक्षा की।मुख्यमंत्री जी ने जोनल अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि 50 प्रतिशत से कम राजस्व संग्रह वाले खण्डों की स्थिति का कारण स्पष्ट करें और सुधार की कार्ययोजना तत्काल तैयार करें। बरेली, झांसी और कानपुर प्रथम जोन में कोई भी खण्ड 50 प्रतिशत से कम संग्रह वाला नहीं है, यह स्थिति संतोषजनक है। असंतोषजनक प्रदर्शन करने वालों की जवाबदेही तय की जाए।मुख्यमंत्री जी को जोनवार समीक्षा के तहत अवगत कराया गया कि बरेली (64.2 प्रतिशत), सहारनपुर (63.7 प्रतिशत), मेरठ (63.0 प्रतिशत), गोरखपुर(62.5 प्रतिशत) और झांसी (62.1 प्रतिशत) जैसे जोनों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा है। वहीं कुछ जोनों में लक्ष्य पूर्ति 55 से 58 प्रतिशत के बीच रही, जहां सुधार की आवश्यकता है।राजस्व वृद्धि राज्य की आर्थिक प्रगति का प्रमुख आधार है। सभी अधिकारी निर्धारित लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति का संकल्प लेकर कार्य करें। वरिष्ठ अधिकारी स्वयं मार्केट मैपिंग करें, सामान्य रूप से बाजार जाएं, व्यापारियों से मिलें और उनकी अपेक्षाओं को समझें।मण्डी शुल्क में कमी से किसानों को राहत और राजस्व में वृद्धि दोनों हुई हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि पारदर्शी और सरल कर प्रणाली हमेशा लाभकारी होती है।

व्यापारियों से संवाद बनाएं, GST पंजीकरण बढ़ाने और समय से रिटर्न फाइल कराने के लिए ठोस प्रयास किए जाए

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में सितम्बर माह तक राज्य कर विभाग को कुल ₹55,000 करोड़ की प्राप्ति हुई है। इसमें ₹40,000 करोड़ GST तथा ₹15,000 करोड़ वैट/नॉन-जी0एस0टी0 से प्राप्त हुए हैं। गत वित्तीय वर्ष की समान अवधि में ₹55,136.29 करोड़ की प्राप्ति हुई थी। चालू वित्तीय वर्ष के लिए राज्य कर विभाग का ₹1.75 लाख करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष के ₹1,56,982 करोड़ की तुलना में लगभग ₹18,700 करोड़ अधिक है।

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संपादक

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