हल्द्वानी
हल्द्वानी की ढोलक बस्ती में फैली अज्ञात बीमारी, दो बच्चों की मौत, 10 का चल रहा इलाज
हल्द्वानी : ढोलक बस्ती समेत आसपास क्षेत्र में अज्ञात बीमारी का खतरा बना हुआ है। एक सप्ताह से वहां पर 10 से अधिक नौनिहाल बीमार हैं। बुखार व खांसी की शिकायत पर ही दो बच्चों की मौत हो गई है। शुक्रवार को जांच के लिए पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को बीमारी का पता नहीं चला सका।ढोलक बस्ती व आसपास क्षेत्रों के बच्चे प्राथमिक विद्यालय व गैर सरकारी संगठन की ओर से संचालित शिक्षण केंद्रों में जाते हैं। जब वीरांगना संस्था के सदस्यों को बीमारी का पता चला तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सूचित किया।अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रश्मि पंत के नेतृत्व में टीम दोपहर में ढोलक बस्ती, किदवई नगर क्षेत्र में पहुंची। उन्हें पता चला कि चार मई को एक ही दिन में एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत हुई है। इसमें छह वर्षीय लक्ष्मी व चार वर्षीय दीप है। दीप की सुबह घर पर ही मौत हो गई थी और स्वजन लक्ष्मी को पहले निजी अस्पताल ले गए और फिर डा. सुशीला तिवारी चिकित्सालय, लेकिन वह नहीं बच सकी। इसके बाद क्षेत्र में भय का माहौल है। अज्ञात बीमारी को लेकर लोग संशय में हैं।स्वजन छोटी माता की भी आशंका जता रहे हैं और उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से इलाज की मांग की। इस समय 10 से अधिक बच्चे बीमार हैं। इनकी उम्र शून्य से से पांच वर्ष तक है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरे मामले को लेकर लीपापोती में जुटी है। बीमारी की स्पष्ट जानकारी तक नहीं है। एससीएमओ डा. पंत ने बताया कि बच्चों को बुखार व खांसी है। कुछ बच्चों में दाने निकले हैं।
ये बच्चे हैं बीमार
डेढ़ वर्षीय कार्तिक, साजन, दो वर्षीय रूबी, अंश व कुसुम व फैज हैं। तीन वर्षीय मेहताब के अलावा अन्य बच्चों के शरीर में भी दाने हुए हैं।
पैरासिटामोल की दवा पिलाई
स्वास्थ्य विभाग की टीम में डा. पंत के अलावा जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अजय शर्मा व डाक्टर व आशा कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। टीम ने बस्ती के लोगों से बातचीत की। मृत बच्चों के स्वजनों से भी बीमारी को लेकर बातचीत की। टीम ने अधिकांश बच्चों को पैरासिटामोल की दवा पिलाई गई। डा. पंत ने बताया कि सभी बच्चों का टीकाकरण हुआ है। सभी के कार्ड भी चेक किए गए।एसीएमओ डा. रश्मि पंत ने बताया कि बच्चों के मौत का कारण पता नहीं चला है। सामान्य बुखार ही बताया गया। अन्य बच्चों को भी बुखार व खांसी है। फिर भी बीमारी का पता लगाने के लिए बच्चों की जांच कराई जाएगी। क्षेत्र में 150 से 200 घरों की जांच की गई है। आशा व एएनएम को लगाया गया है। दवाइयां भी दी गई हैं।

