उत्तर प्रदेश
Umesh Pal Murder: अतीक अहमद ने भाई अशरफ को दी थी जिम्मेदारी, चौथे प्रयास में उमेश को उतारा मौत के घाट
हाइलाइट्स
- अतीक अहमद ने बरेली जेल में बंद भाई अशरफ को उमेश पाल की हत्या की जिम्मेदारी सौंपी
- तीन बार नाकाम होने के बाद चौथी बार के प्रयास में उमेश पाल को मौत के घाट उतारा गया
प्रयागराज. राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो गनर की हत्या के 15 वें दिन बाद भी पुलिस को साजिशकर्ता और शूटर्स की तलाश है. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि
अतीक अहमद ने बरेली जेल में बंद भाई अशरफ को उमेश पाल की हत्या की जिम्मेदारी सौंपी थी. इतना ही नहीं तीन बार नाकाम होने के बाद चौथी बार के प्रयास में उमेश पाल को मौत के घाट उतारा गया.
सूत्र के मुताबिक अशरफ ने 11 फरवरी को बरेली जेल में हत्या की साजिश रची. इसके बाद अशरफ के इशारे पर शूटर्स ने 14 फरवरी को उमेश पाल को मारने की कोशिश की थी, लेकिन नाकाम रहे. दूसरी कोशिश 18 फरवरी को की गई थी, लेकिन महाशिवरात्रि होने के चलते उमेश पाल के घर के बाहर गली में ज्यादा भीड़ थी. ऐसे में शूटर्स वारदात को अंजाम नहीं दे पाए और लौट गए. तीसरी कोशिश 21 फरवरी को कचहरी के बाहर हुई थी. इसके बाद 24 फरवरी को उमेश पाल और 2 सरकारी गनर को घेरकर शूटर्स ने मौत के घाट उतार दिया.
कचहरी के बाहर लगे सीसीटीवी में शूटर्स आए नजर
21 फरवरी को कचहरी के बाहर सीसीटीवी फुटेज में शूटर्स नजर आ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक जिस क्रेटा कार का इस्तेमाल शूटर्स ने 24 फरवरी किया था वह कार भी नजर आई है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार से उतरकर घूमने वाले लोगों की पहचान की जा रही है. दावा किया जा रहा है कि इससे पुलिस को कई सुराग हाथ लगे हैं. कचहरी से लेकर पुलिस कमिश्नर कार्यालय तक क्रेटा कार सीसीटीवी फुटेज में घूमती नजर आई है. कचहरी के बाहर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस शूटर्स की पहचान करने में जुटी है. पुलिस और एसटीएफ की 15 से ज्यादा टीमें लगातार शूटर्स की तलाश में छापेमारी कर रही है.