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उदयपुर हत्याकांड का मकसद देश में दहशत का माहौल पैदा करना था’ : NIA की एफआईआर में खुलासा
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने अपनी प्राथमिकी में माना है कि उदयपुर की घटना राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा है. एफआईआर कॉपी के साथ गृह मंत्रालय का एक आदेश भी है, जिसमें इस बात का जिक्र है कि जांच एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक देशभर में दहशत का माहौल पैदा करने के लिए इस कृत्य को अंजाम दिया गया था और इसीलिए इस जघन्य मामले की संवेदनशील जांच जरूरी है. एनआईए ने 29 जून को आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के कहत मामला दर्ज किया था. कन्हैयालाल की 28 जून को उसकी दुकान के अंदर हत्या के मामले में राजस्थान पुलिस ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की मदद से अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है.
आरोपी ने बनाया था हत्या का वीडियो
दर्जी पर रियाज अख्तरी द्वारा किए गए हमले की घटना को गौस मोहम्मद द्वारा एक फोन में रिकॉर्ड किया गया था, और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. उन्होंने बाद में एक वीडियो में कहा था कि उन्होंने इस्लाम के कथित अपमान का बदला लेने के लिए कन्हैयालाल को मार डाला. इन दो आरोपियों के अलावा सुरक्षा एजेंसियों ने दो और लोगों – मोहसिन और आसिफ को भी पकड़ा है, जिन पर जनता के बीच आतंक फैलाने की साजिश का हिस्सा होने का आरोप है.
चाकू से हमला कर की थी कन्हैयालाल की हत्या
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की कथित विवादास्पद टिप्पणी का सोशल मीडिया पर समर्थन करने पर दर्जी कन्हैयालाल की 28 जून को रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद नाम के दो लोगों ने चाकू से हमला कर हत्या कर दी थी. दोनों आरोपियों को वारदात के कुछ घंटों बाद राजसमंद के भीम क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया था.
चारों आरोपी 12 जुलाई तक एनआईए की हिरासत में
बाद में 23 जून की रात को दर्जी कन्हैयालाल की दुकान की टोह लेने (रेकी) और हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया था. चारों आरोपी अभी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में हैं. एनआईने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 452, 302, 153A, 153B, 295A और 34 के अलावा यूएपीए के अंतर्गत मामला दर्ज किया है. चारों आरोपी 12 जुलाई तक राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में हैं.

