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उत्तराखण्ड

पांचवीं विधानसभा के चुनाव में मिली हार के बाद दो बड़े नेताओं की ‘टशन’ ने बढ़ाई पार्टी की टेंशन

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देहरादून :  प्रदेश में लगातार दो विधानसभा चुनावों में हार के बाद सांगठनिक मजबूती के लिए हाथ-पांव मार रही कांग्रेस की मुश्किलें एक बार फिर गुटबाजी ने बढ़ा दी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के बीच खिंची तलवारें म्यान में लौटने से पहले ही अब विधायक मदन सिंह बिष्ट ने संगठन के भीतर कमियों का हवाला देते हुए पार्टी पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।

नए सिरे से जनाधार को वापस पाने की चुनौती

कांग्रेस को प्रदेश में हताशा से उबरने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है, वहीं पार्टी के भीतर दिग्गजों के सुर नहीं मिल पा रहे हैं। इससे अंदरूनी असंतोष एक बार फिर सतह पर आ गया है। दरअसल पांचवीं विधानसभा के चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी के सामने नए सिरे से जनाधार को वापस पाने की चुनौती है।

हार के कारणों पर मंथन के लिए पार्टी हाईकमान के निर्देश पर गठित समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में संगठन को मजबूती से खड़ा करने की पैरवी की थी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही कांग्रेस हाईकमान ने सांगठनिक स्तर पर बड़े परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाए। इस परिवर्तन को लेकर शुरुआती दौर में असंतोष को थामने के लिए पार्टी को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

पार्टी के भीतर संतुलन साधने की इस कवायद को संभलने का समय मिलने से पहले ही दिग्गजों की खींचतान ने नई परेशानी में डाल दिया है। चुनाव में हार को लेकर पार्टी के बड़े नेताओं हरीश रावत और प्रीतम सिंह आमने-सामने आ गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हार का ठीकरा उन पर फोड़े जाने से व्यथित हैं।

विशेष रूप से हरिद्वार जिले में पार्टी के कुछ नेताओं के साथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह उनके निशाने पर हैं। रावत की नाराजगी का अंदाजा इससे लग सकता है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा की पार्टी नेताओं से संयम बरतने की नसीहत पर उन्होंने पलटवार कर दिया। उन्होंने ऐसे नेताओं पर कार्रवाई की मांग कर दी है।

वहीं प्रीतम सिंह वर्ष 2016 में कांग्रेस में बगावत और इससे पार्टी के कमजोर होने के लिए परोक्ष रूप से हरीश रावत को ही जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। पार्टी में चल रही खींचतान में नई एंट्री द्वाराहाट विधायक विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मदन सिंह बिष्ट की हुई है।

बिष्ट ने एक बयान में प्रदेश में पार्टी संगठन का अभाव होने की बात कही। उन्होंने कहा कि पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने के लिए काम करना होगा। उन्होंने पार्टी हाईकमान से भी प्रदेश में संगठन को मजबूत करने की अपेक्षा की। विधायक मदन सिंह बिष्ट प्रदेश में सांगठनिक परिवर्तन के विरोध में मुखर रहे थे।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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