उत्तर प्रदेश
टीएमयू एजुकेशन के स्टुडेंट्स ने जानीपरमाणु विद्युत के निर्माण की प्रक्रिया
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की ओर से बीएसएसी-बीएड के स्टुडेंट्स का शैक्षिक भ्रमणतीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की ओर से बीएसएसी-बीएड के स्टुडेंट्स को शैक्षिक भ्रमण पर यूपी के नरौरा, परमाणु शक्ति केन्द्र गए। परमाणु शक्ति केन्द्र पर स्टुडेंट्स ने एक लघु फिल्म के जरिए परमाणु शक्ति के निर्माण की प्रक्रिया को समझा। इसके बाद छात्रों ने विद्युत उत्पादन की प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देखा और वहां के अधिकारियों से उसके बारे में विस्तार से चर्चा की।
केन्द्र के अधिकारी श्री रामदास ने बताया, इस विद्युत उत्पादन केन्द्र में 220 मेगावाट विद्युत उत्पादन की दो इकाई संचालित हैं। इसके संचालन के लिए गंगा नदी के जल का शोधन और परिशोधन करके विद्युत उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा केन्द्र के अधिकारियों- श्री भाष्कर शर्मा, श्री राजेश और श्री सत्येन्द्र कुमार साहू ने भी स्टुडेंट्स के प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया। शैक्षिक भ्रमण में डीन स्टुडेंट वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह की उल्लेखनीय भूमिका रही। नरौरा भ्रमण में स्टुडेंट्स ने जाना, नाभिकीय विखंडन की प्रक्रिया कैलेंड्रिया नाम के उपकरण में यूरेनियम-235 के नाभिक से शुरू होती है। नाभिकीय विखंडन की प्रक्रिया से निकलने वाली ऊर्जा को जल को वाष्प बनाने में प्रयोग किया जाता है। इस वाष्प की मदद से टरबाइनों को घुमाया जाता है। घुमने पर टरबाइन विद्युत का उत्पादन करती है। इसके बाद टरबाइन की विद्युत ऊर्जा को तारों के जरिए ग्र्रिड तक भेजा जाता है। ग्रिड से फिर दीगर पावर हाउसों को सप्लाई की जाती है।
स्टुडेंट्स ने यूरेनियम की प्राप्ति, नाभिकीय विखंडन को नियंत्रण करने की विधि, दैनिक जीवन में इसके प्रभाव आदि के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त की। शैक्षिक भ्रमण में डॉ. विनोद जैन, डॉ. जीवितेश राजपूत, डॉ. अर्पिता त्रिपाठी के संग-संग फैकल्टी ऑफ एजुकेशन के 35 स्टुडेंट्स शामिल रहे।