उत्तराखण्ड
इस वर्ष भारी बर्फबारी के कारण हिमखंड टूटने का सिलसिला शुरू, केदारनाथ पैदल मार्ग बना खतरनाक
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में हुई इस वर्ष भारी बर्फबारी के कारण हिम खंडों के टूटने का सिलसिला शुरू हो गया है। इन दिनों बड़ी संख्या में केदारनाथ की ऊंची पहाड़ी से बड़ी संख्या में हिमखंड टूटकर पैदल मार्ग की ओर गिर रहे हैं, जिससे पैदल मार्ग को खोलने में जुटे मजदूरों को जान का खतरा बना हुआ है।
100 से अधिक मजदूर बर्फ हटाने का कार्य कर रहे
पिछले एक सप्ताह से केदारनाथ पैदल मार्ग को खोलने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण केदारनाथ के 100 से अधिक मजदूर बर्फ हटाने का कार्य कर रहे हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवाल ने बताया कि लगातार हिमखंडों के गिरने का सिलसिला बना हुआ है। केदारनाथ पैदल मार्ग से इन दिनों बर्फ हटाने का कार्य चल रहा है। लिनचोली तक बर्फ हटा दी गई है।
आठ किमी पैदल मार्ग से बर्फ हटाई जानी
अभी भी आठ किमी पैदल मार्ग से बर्फ हटाई जानी है। बताया कि जिस पहाड़ी में पैदल मार्ग है, वहां आठ से दस ग्लेशियर प्वाइंट हैं, जहां से लगातार हिमखंडों के टूटने का खतरा बना हुआ है। कहा कि मजदूर काफी सावधानी से बर्फ हटा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हिम खंडों के टूटकर गिरने का सिलसिला अप्रैल व मई महीने में भी जारी रहेगा। गर्मी बढऩे के साथ ही ऊंची पहाडिय़ों से हिम खंड टूटते रहते हैं।
यात्रियों को हो सकती है परेशानी
केदारनाथ कपाट आगामी 6 मई को आम दर्शनार्थियों के लिए खोले जाने हैं। इस बार अधिक बर्फबारी से यात्रियों को भी ग्लेशियरों से हिमखंड टूटने की समस्या से जूझना पड़ेगा। केदारनाथ पैदल मार्ग पर पांच ग्लेशियर प्वाइंट पर हिम खंडों के टूटने का खतरा बना रहता है। पूर्व में भी हिमखंडों के टूटने से यात्रियों को अपनी जान खोनी पड़ी थी।