साहित्य-काव्य
युवा मन पटल का साहस है – भटका मुसाफिर
उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ सिटी के रहने वाले अंकित मौर्य फिलहाल सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एवं देश के विविध क्षेत्रों में काफी चर्चे में चल रहे हैं अपनी डेब्यू किताब ” भटका मुसाफिर ” को लेके। नये जमाने के लेखक अंकित मौर्य अहमदाबाद ( गुजरात) में स्थायी है और उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री प्राप्त की है। लेखन और यात्रा में रुचि होने से उन्होंने देश के विविध जगहो की यात्राएं की और वहां के रीती-रिवाजों, बोली , संस्कृति, सभ्यता को जाना लोगों से मिले और अपने अनुभव के आधार पर अपनी लेखन कला को मजबूत किया और फरवरी-2022 में अपनी पहली किताब लोंच की जो की युवाओं के बीच ,अपने घर से दुर रहनेवाले एवं तैयारी करनेवाले छात्रों के बीच काफी तारीफें बटोर रही है। दिल्ली , कोटा , लखनऊ , भोपाल एवं प्रयागराज के युवा इस किताब के कहानी संग्रह को काफी पसंद कर रहे हैं यह किताब हिंदी में है और एमेजोन एवं फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है। किताब के बारे में बात करते हुए अंकितजी ने बताया “भटका मुसाफिर कुछ एसी कहानीयों का सिलसिला है जो आपको नये तरीके से सोचने पर बेताब करता है। आपकी सोच को नये आयाम देता है , अक्सर बनी-बनाई कहानीयां आपको असल दुनिया से दुर ले जाती है मगर भटका मुसाफिर आपको यहां वहां भटकाये बीना सही राह पर , सही सोच के साथ ले जाने का प्रयास करेगी। इस किताब का मुल उद्देश्य ही बदलाव की पहल को अग्रसर रखता है। कैसे युवा अपने नजरीये से अपने आस-पास हो रही घटनाओं पर मंतव्य रख सकता है एवं सही सोच के साथ चीजों को समझ सकता है। यह किताब विशेषतः छात्र वर्ग के लिए है मगर किसी भी वर्ग का व्यक्ति इसे पढ़कर हमारे आसपास होनेवाली चीजों से अवगत हो सकता है। “भटका मुसाफिर” आपको ज्ञान , सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समझ एक साथ देगा। इसमें लिखी कहानियां हमारी असल दुनिया की है मगर हमारी सोच के पैमाने से काफी अलग है। अक्सर सही राह पर चलते कठीनाई बहोत होती है मगर कहते हैं ना के जिनके हौसलों में दम होता है उनके सामने पर्वत भी छोटा पड जाता है ! हमारी दुनिया में कई ऐसी दुनियांये है जिनसे हम अंजान है उस अंजान दुनिया को जानने की तरफ बढ़ा पहला कदम मतलब ” भटका मुसाफिर “।