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दुनिया सुनेगी टीएमयू की खनक

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तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के निदेशक हॉस्पिटल श्री अजय गर्ग की अंग्रेजी में लिखी किताब-मैनुअल ऑफ हॉस्पिटल एंड डिजाइनिंग दुनिया के टॉप पब्लिकेशन-स्प्रिंगर नेचर ने प्रकाशित की है। 532 पेज की यह किताब अमेजॉन पर 18,458 रुपए की है। यह कीमत किसी को भी अखर सकती है, लेकिन सोना खरीदने की चाह हो तो जेब ढीली करनी ही पड़ेगी। यह किताब मेडिकल स्टुडेंट्स, आर्किटेक्चर्स, प्लानर्स और प्रमोटर्स के लिए बेहद ही उपयोगी है। पुस्तक को हॉस्पिटल निर्माण और प्लानिंग की बाइबिल बताते हुए किताब के लेखक श्री गर्ग कहते हैं, सरल अंग्रेजी में लिखी गई इस किताब में हॉस्पिटल के इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर इंटीरियर डिजाइनिंग तक हर बात को बारीकी से समझाया गया है।

प्रो़. श्याम सुंदर भाटिया

जैसा नाम, वैसा काम… तीर्थंकर महावीर हॉस्पिटल में बतौर निदेशक हॉस्पिटल प्रशासन श्री अजय गर्ग को यूं तो तीन दशकों का लंबा अनुभव है, लेकिन एक दशक प्लस से टीएमयू चिकित्सालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। श्री गर्ग इंडिया के अलावा लगभग आठ मुल्कों- यूके, फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, इटली, नीदरलैंड्स, सिंगापुर, मलेशिया, बैंकॉक आदि में नामचीन अस्पतालों का भ्रमण कर चुके हैं। इन हॉस्पिटल्स की विज़िट करते वक़्त उनके जेहन में केवल दो शब्द- प्लानिंग और डिजाइन ही रहे। ये सवाल उनके दिमाग में हमेशा कौंधते रहे, क्या अमुक अस्पताल प्लांड-वे में बना है? क्या अमुक चिकित्सालय का डिजाइनिंग आवश्यकता के मुताबिक है? कोविड महामारी, प्राकृतिक आपदा, मानव जनित आपदा के समय क्या और कैसे इसे विस्तारित किया जा सकता है? वरिष्ठ प्रशासक श्री गर्ग की साफ मान्यता है, दुनिया का कोई भी हॉस्पिटल केवल भवन नहीं है, क्योंकि प्रायः देखने में आया है कि बड़े-से-बड़े अस्पताल भी अन्प्लांड बन जाते हैं।

बुक ड्राफ्टिंग का सुविचार कैसे आया ?

बकौल श्री गर्ग सामान्यतः आर्किटेक्चर्स डॉक्टरों के अकॉर्डिंग अस्पताल को तैयार कर देते हैं, लेकिन कड़वा सच यह है, खामियां-ही खामियां रह जाती हैं। कोविड-19 के दौरान सवाल-दर-सवाल दिल और दिमाग में कौंधते रहे कि आनन-फानन में कैसे अस्पतालों का विस्तार किया जाए? विशेषकर कोविड साल में ये सवाल उन्हें सोने नहीं देते थे। जुलाई, 2020 में मेडिकल एडमिनिस्ट्रेटर्स, आर्किटेक्चर्स और प्लानर्स बेस्ड इस किताब- ‘मैनुअल ऑफ हॉस्पिटल प्लानिंग एंड डिजाइनिंग’ का बीजारोपण हुआ। भोर होते ही बुक ड्राफ्टिंग का संकल्प ले लिया। बकौल श्री गर्ग दुनिया के टॉप फॉर पब्लिशर्स को प्रकाशन के अवलोकनार्थ भेज दिए। अंततः सात माह के अथक प्रयासों के बाद यह पुस्तक अस्तित्व में आ गयी। श्री अजय गर्ग की यह पहली बुक है। अमूमन तो स्प्रिंगर किसी भी पुस्तक को 3 से 4 महीनों में अप्रूवल देता है, लेकिन इस किताब की गुणवत्ता को देखते हुए मात्र 15 दिनों में ही स्वीकृति दे दी गई। स्प्रिंगर ने इसे लाइब्रेरी रिफरेंस बुक के रूप में पब्लिश किया है।

क्या हैं किताब की विशेषताएं?

मैनुअल ऑफ हॉस्पिटल प्लानिंग एंड डिजाइनिंग किताब में कुल 532 पेज हैं, जो 49 चौर्प्ट्स में विभाजित हैं। दुनिया के बेस्ट प्रकाशक- स्प्रिंगर नेचर की ओर से प्रकाशित इस पुस्तक की अमेजॉन पर कीमत 18,458 रूपए है। यह कीमत आपको अखर सकती है, लेकिन सोना खरीदने की चाह हो तो जेब ढीली करनी ही पड़ेगी। श्री गर्ग के अनुसार यह किताब मेडिकल स्टुडेंट्स, आर्किटेक्चर्स, प्लानर्स और प्रमोटर्स के लिए बेहद ही उपयोगी है। पुस्तक को हॉस्पिटल निर्माण और प्लानिंग की बाइबिल बताते हुए श्री गर्ग कहते हैं, सरल अंग्रेजी में लिखी गई इस किताब में हॉस्पिटल के इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर इंटीरियर डिजाइनिंग तक हर बात को बारीकी से समझाया गया है। अंतर्राष्ट्रीय स्टैंडर्ड पर लिखी इस किताब में हर छोटी से छोटी बात जैसे- भविष्य में अस्पताल की कैपेसिटी को कैसे बढ़ा सकते हैं? कमरों में लाइट के बोर्ड, गैस के पाइप, पर्दे, बेड आदि कहां-कहां और कैसे लगाने चाहिए? कमरों का तापमान कितना रखना चाहिए आदि को सरल तरीके से समझाया गया है। श्री गर्ग ने अपनी पुस्तक की प्रति टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन, एमजीबी श्री अक्षत जैन को भी सौंप दी है। श्री गर्ग की इस बड़ी उपलब्धि पर इन्होंने एक स्वर में कहा कि गर्ग साहब, बधाई हो… बधाई।

झोली में बेशुमार उपलब्धियां

श्री गर्ग को अगस्त, 2020 में कॉन्सेप्ट ऑफ मेडिकल सिटी का इण्डियन पेटेंट भी मिल चुका है। इनके इस पेटेंट में मेडिकल सिटी में 25,000 बेड का अस्पताल, 50,000 कर्मचारियों के घर, स्कूल, थियेटर, बाजार, प्ले ग्राउंड, फ्यूल पंप, पुलिस थाना, मेट्रो आदि की सुविधाएं होंगी । इस सिटी में सभी मेडिकल सुविधाओं से लैस एक मेडिकल ट्रेन भी होगी, जो किसी भी इमरजेंसी में ऑन दा स्पॉट पहुंच जाएगी। इस सिटी की प्रमुख विशेषता जीरो वेटिंग टाइम होगी।

भविष्य की प्लानिंग भी जबर्दस्त

फ्यूचर में चार और किताबों को लेकर लेखक जोश से लबरेज हैं। सीनियर प्रशासक हॉस्पिटल कहते हैं, डिपार्टमेंट ऑफ इमरजेंसी, आईसीयू, ओटी, ओपीडी, मॉनिटरिंग टूल्स पर भी किताबें ड्राफ्ट करने और दुनिया के जाने- माने प्रकाशकों से ये किताबें छपवाने का इरादा है। मैनुअल ऑफ हॉस्पिटल प्लानिंग एंड डिजाइनिंग किताब के श्री अनिल दीवान सह-लेखक हैं। मेधावी पिता की दोनों संतान भी शार्प हैं। श्री गर्ग की वाइफ तो गृहिणी हैं, लेकिन बड़ी बेटी मेधा गर्ग भी बहुप्रतिभा की धनी हैं। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी से फार्मा डी में गोल्ड मेडलिस्ट मेधा आजकल यूनाइटेड किंगडम में 40 लाख पैकेज के उच्च पद पर तैनात हैं। वह बतौर क्लीनिकल रिसर्च एनालिसिस्टिक जॉब कर रही हैं। छोटा बेटा पार्थ गर्ग बंगलुरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।

(लेखक सीनियर जर्नलिस्ट और रिसर्च स्कॉलर हैं।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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