उत्तराखण्ड
किरायेदारों ने ही हत्या कर दी सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त बुजुर्ग की
हरिद्वार । सिंचाई विभाग से रिटायर बुजुर्ग की बेरहमी से हत्या उन्हीं के दो किरायेदारों ने लूट के लिए दोस्तों के साथ मिलकर की थी। किरायेदारों समेत चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दो आरोपी फरार हैं। आरोपियों की निशानदेही पर खून से सने कपड़े, हत्या में प्रयुक्त धारदार हथियार, लूटे गए सात हजार रुपये, एक चेक बुक बरामद हुए।
एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि 11 सितंबर की देर शाम बैरागी कैंप में एक संस्था का संचालन करने वाले अशोक चड्ढा (77) की गला रेत हत्या कर दी गई थी। वह सिंचाई विभाग से रिटायर हुए थे। खून से सना शव शौचालय के पास बरामद हुआ। केयर टेकर नरेंद्र की सूचना पर हत्या कर देने की बात सामने आई थी। जांच में ई-रिक्शा चलाने वाले दो किरायेदार फरार मिले। रिटायर कर्मी ने पहचान पत्र न देने पर उनसे कमरा खाली कराकर ताला लगा दिया था। सीआईयू और कनखल पुलिस ने एक ई-रिक्शा चालक का नाम मिलने पर करीब 3500 ई रिक्शाओं का सत्यापन किया। जिसके बाद किरायेदार ई-रिक्शा चालक भानु प्रताप पुत्र कटार सिंह, निवासी हस्तिनापुर मेरठ, हाल निवासी मायाविहार जगजीतपुर और संदीप कुमार पुत्र जवाहर सिंह निवासी पंडितपुरी रायसी लक्सर को पकड़ा। उन्होंने अपने दोस्त अभिजीत उर्फ सुक पुत्र मनमोहन सिंह निवासी आर्यनगर ज्वालापुर, मनीष गिरी पुत्र जनेश्वर निवासी बैराज कालोनी मायापुर और दो अन्य दोस्तों के साथ मिलकर बुजुर्ग की हत्या करने की बात कबूली।
नशे के आदि किरायेदारों ने बुजुर्ग के पास मोटी रकम मिलने का अनुमान लगाते हुए दोस्तों के साथ लूट की योजना बनाई। बुजुर्ग को क्लोरोफॉर्म सुंघा बेहोश करने के बाद गला रेतकर हत्या कर दी। कमरा खंगालने पर वहां चंद रुपये ही मिले। बताया कि आरोपी किरायेदार नकली नोटों के कारोबार से भी जुड़े बताए जा रहे हैं।