उत्तराखण्ड
रैगिंग मामले में सामने आयी चौंकाने वाली बात, जांच को पहुंचे कमिश्नर व डीआइजी तो नदारद मिले 40 छात्र
हल्द्वानी : हाई कोर्ट के निर्देश पर राजकीय मेडिकल कालेज में सोमवार को रैगिंग प्रकरण की जांच को पहुंचे कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत व डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे को कुछ और ही नजारा देखने को मिला। जिन जूनियर छात्रों के बयान लिए जाने थे, उसमें से एमबीबीएस के 40 छात्र बिना बताए कालेज से गायब थे। इस मामले में कमिश्नर ने नाराजगी जताई। उन्होंने तत्काल नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इस दौरान छात्रों के अलावा डाक्टर, वार्डन, मेस संचालकों के भी बयान लिए गए।
हाई कोर्ट ने नौ मार्च को एक जनहित याचिका की सुनवाई में रैगिंग प्रकरण पर दो सप्ताह में रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए जांच अधिकारी कुमाऊं कमिश्नर व डीआइजी को बनाया गया है। इसी क्रम में सोमवार को दोनों अधिकारी पूरी टीम के साथ मेडिकल कालेज पहुंचे। टीम के मौके पर पहुंचते ही कालेज में खलबली मच गई। करीब तीन घंटे तक प्राचार्य कक्ष में डटे रहे। जब कमिश्नर ने जूनियर छात्रों को बुलाने के लिए कहा तो पता चला कि 40 से अधिक छात्र गायब हैं। वह बिना बताए छुट्टी पर चले गए हैं। इस तरह की स्थिति पर कमिश्नर ने गंभीर मामला बताया और कहा कि तत्काल स्पष्टीकरण मांगा जाए। प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने बताया कि सभी को नोटिस भेज दिया गया है।
कुछ जूनियर छात्रों ने लिए सीनियर छात्र का नाम
सूत्रों के अनुसार पता चला है कि कुछ जूनियर छात्रों ने सिर के बाल छोटे करने के मामले में सीनियर छात्रों का नाम लिया है। हालांकि इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की। वैसे भी स्पष्ट है कि जब 27 छात्र वायरल हुए वीडियो में सिर मुड़वाकर, हाथ पीछे कर एक लाइन में सिर झुकाकर चल रहे हैं तो रैगिंग का ही मामला हो सकता है। इसके बार मामला सुर्खियों में है। हालांकि टीम को कई अहम सबूत हाथ लगने की संभावना जताई जा रही है।
मेस व हास्टल का भी किया निरीक्षण
बयान लेने के बाद कमिश्नर व डीआइजी मेस में पहुंचे। इसके अलावा हास्टल में भी निरीक्षण किया। उपलब्ध सुविधाओं व सुरक्षा के बारे में प्राचार्य से जानकारी ली।
नए विद्यार्थियों के भी लिए बयान, कटे थे बाल
कई विद्यार्थी ऐसे थे, जिनका आज ही प्रवेश हुआ था। टीम ने उन विद्यार्थियों का भी बयान लिया। नए छात्रों के भी बाल छोटे थे। टीम ने इस बारे में भी जानकारी मांगी।
दो-तीन दिन तक और चलते रहेगी जांच
डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि मामले की जांच लंबी है। इसमें दो-तीन दिन का समय लगेगा। रैगिंग के प्रकरण में सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि प्राचार्य, छात्रों के बयान लिए गए हैं। डाक्टर व वार्डन से भी बात की है। सीसीटीवी को भी खंगाला गया है। कुछ सीनियर छात्र छूटे हैं। उनके भी बयान लिए जाएंगे। जांच पूरी कर हाई कोर्ट को सौंपी जाएगी। कैंपस से बिना बताए 40 छात्रों के जाने के मामले में भी प्राचार्य से स्पष्टीकरण लेने को कहा गया है। सुरक्षा के लिहाज से भी बिना बताए जाना गलत है।