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मानसून की वापसी में अभी देरी, सितंबर के महीने में और होगी बारिश
देहरादून। देश में आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाएं 17 सितंबर के आस-पास उत्तर-पश्चिमी भारत से वापस जाना शुरू कर देती हैं, लेकिन इस सीजन में अभी वापसी की कोई संभावना नहीं दिख रही है और बारिश अक्तूबर तक बढ़ सकती है। यह लगातार ऐसा 13वां साल है जब मानसून की वापसी देरी से हो रही है।
मौसम विज्ञान विभाग ने 21 सितंबर को संकेत दिया था कि मानसून की वापसी 21 से 27 सितंबर के अंत तक शुरू हो सकती है। वहीं, अनुमान है कि 30 सितंबर तक देश में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। हालांकि, यह 90 से 95 फीसदी के बीच रहेगी। मानसून सीजन जून से सितंबर के दौरान सामान्य औसत 868.8 मिमी है। आईएमडी के अनुसार, 21 सितंबर तक देश में कुल मिलाकर सात फीसदी बारिश कम हुई। 36 फीसदी जिलों में या तो कम (सामान्य से 20 से 59 फीसदी) या ज्यादा कम (सामान्य से 59 फीसदी से अधिक कम) बारिश हुई है।
जर्मनी में पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च की जलवायु वैज्ञानिक एलेना सुरोव्याटकिना के पूर्वानुमान के अनुसार, उत्तर पश्चिम भारत से मानसून की वापसी 30 सितंबर से नौ अक्टूबर के बीच शुरू हो सकती है। यानी देश के उत्तर-पश्चिम में मानसून की वापसी 13 से 22 दिन की देरी से होगी।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बॉम्बे के जलवायु अध्ययन से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार आर्कटिक समुद्री बर्फ को काफी नुकसान हुआ है। इसके अलावा उत्तरी गोलार्ध विशेष रूप से ऊष्णकटिबंधीय अटलांटिक काफी गर्म रहा। इन हालातों ने आईटीसीजेड को उत्तर की ओर खींच लिया है और अल नीनो पैटर्न पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में ग्लोबल वार्मिंग का संकेत है।