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मार्च की गर्मी ने तोड़ा 122 साल का रिकॉर्ड, बारिश भी वर्ष 1908 के बाद हुई सबसे कम

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भारतीय मौसम विभाग ने चेताया है कि गर्मी इस बार अपने भीषण रूप में है. अप्रैल का महीना और मुश्किलों से भरा हो सकता है. वहीं विभाग का कहना है कि मार्च में गर्मी और लू ने पिछले 122 सालो का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. भीषण गर्मी और कम बारिश के लिए मौसम विभाग ने उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति और दक्षिण भारत में कोई बड़ा सिस्टम नहीं बनने को जिम्मेदार ठहराया है.

देशभर में कुल 8.9 मिमी बारिश दर्ज की गई जो औसत से 71 फीसद कम है. इससे पहले मार्च महीने में बारिश का औसत 30.4 मिमी रहता था. इससे पहले इतनी कम बारिश 1901 (7.2 मिमी) और 1908 (8.7 मिमी) में हुई थी. इसी तरह देश भर के तापमान की बात की जाए तो अधिकतम तापमान का औसत 33.10 डिग्री सेल्सियस रहा, जो पिछले 122 सालों में सर्वाधिक है.

गर्मी ने तोड़े कई रिकॉर्ड

मौसम विभाग का कहना है कि मार्च महीने का औसत तापमान 26.67 डिग्री सेल्सियस रहता है. वहीं देश का मार्च महीने का औसत न्यूनतम तापमान 20.24 डिग्री सेल्सियस रहता है. यह साल पिछले 122 सालों में तीसरी बार है जब औसत तापमान सर्वाधिक पर पहुंचा है इससे पहले 1953 में 20.26 डिग्री सेल्सियस और 2010 में तापमान 20.25 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था.

इसी तरह उत्तर पश्चिम भारत की बात की जाए तो औसत अधिकतम तापमान 30.73 डिग्री सेल्सियस रहा जो 122 सालों में सबसे अधिक था. इससे पहले यहां पर मार्च में इतनी गर्मी देखी गई थी और औसत अधिकतम तापमान 30.67 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा था. वही अगर इस क्षेत्र के औसत न्यूनतम तापमान की बात की जाए तो 15.26 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है जो पिछले 122 सालों में दूसरी उच्चतम तापमान है. इससे पहले मार्च 2010 में औसत न्यूनतम तापमान 15.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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