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सौभाग्य श्री: मुख्यमंत्री धामी के जीवन में परिवर्तन आने की राह तब और खुली जब उनके जीवन में प्रवेश हुआ गीता का… धामी सरकार के 3 वर्ष होने पर विशेष

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  • सीएम धामी के जीवन में परिवर्तन लाने में उनकी धर्मपत्नी का योगदान नहीं है किसी से कम
  • श्री और लक्ष्मी के रूप में दुल्हन बनकर आई गीता के आने के बाद धामी परिवार की बदली तस्वीर
  • धामी सरकार के 3 वर्ष पूरे होने पर विशेष

गणेश पाण्डेय, चंपावत। किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसकी धर्मपत्नी का साथ तमाम अवसर और समृद्धि लेकर आता है। यदि पत्नी के रूप में घर में श्री व लक्ष्मी का प्रवेश होता है तो वह घर स्वर्ग बन जाता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शायद यह एहसास राजनीति में प्रवेश करते वक्त नहीं रहा होगा कि वह कभी मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचेंगे तथा नए युग का सूत्रपात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उन्हें वरदहस्त मिलेगा। लेकिन सौभाग्य,श्री एवं लक्ष्मी के रूप में संस्कारों में पली गीता के उनके जीवन में प्रवेश करने के बाद धामी के घर-परिवार का माहौल ही बदल गया। चारों ओर से खुशियां मिलने का दौर शुरू हुआ।

भगतदा के सानिध्य में रहते राजनीतिक बारीकियां सीखी और व्यवहार में घुली मिठास से सबको अपनी ओर खींच लिया। तीसरी बार विधायक बनने के लिए खेत तैयार करने में लगे धामी को नियति ने जमीन से आसमान में पहुंचा दिया और मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें उत्तराखंड में बीजेपी को जिताने की जिम्मेदारी मिली, जिसमें वे पूरी तरह सफल तो हुए लेकिन अपने ही घर से उन्हें निराशा मिली। यह घटनाक्रम ऐसा था जिसमें नियति को कुछ नया करना था और राजनीतिक क्षितिज में ऐसे मजबूत हुए कि उनके सर में मोदी जैसे तपस्वी प्रधानमंत्री का साया मिलने से उनके जीवन का चक्र ही बदल गया और वह प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुसार उत्तराखंड के लोगों के चेहरों में खुशहाली व समृद्धि की मुस्कान लाने के कार्य में उनके लिए हनुमान बनकर सामने आए।

धामी के जीवन में परछाई की तरह चल रही उनकी जीवनसंगिनी गीता इतनी संस्कारवान महिला हैं कि दुल्हन के रूप में उनके घर में प्रवेश करने के बाद वह अपनी सासू मां बिशना देवी के चरणों का स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लेने के बाद ही अपने दिन की शुरुआत करती हैं। उनके कारण ही परिवार में सद्बुद्धि व सद्विचारों ने घर में डेरा डाल लिया है। वैसे सनातन संस्कृति में कहा भी जाता है कि जिस घर में सृष्टि की रचना करने एवं जन्म देने वाली मां प्रसन्न रहती है, वह घर स्वर्ग से कम नहीं होता है। लोग मान रहे हैं कि मुख्यमंत्री को हर क्षेत्र में मिल रही सफलता के पीछे श्री एवं सरस्वती के रूप में उनके साथ परछाई की तरह चल रही गीता का साथ है। धामी परिवार के नजदीक रहने वाले लोगों का कहना है कि पुष्कर धामी की सफलता का राज ही उनकी धर्मपत्नी हैं।

फोटो – गरीब एवं बेसहारा बच्चों को अपने बच्चों की तरह प्यार व दुलार बांटती गीता धामी।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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