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क्रिप्टोकरंसी के नाम पर साइबर ठगी का मास्टरमाइंड निकला पूर्व छात्र संघ उपसचिव करन अरोड़ा… बॉडीगार्ड लेकर चलता था उपसचिव
हल्द्वानी। बेकरी में काम करने वाले कर्मचारी रमेश चंद्र का चालू खाता खुलवाकर साइबर ठगी की रकम जमा कराने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड एमबीपीजी कॉलेज का छात्रसंघ का पूर्व उपसचिव करन अरोड़ा निकला। उसने दुबई में बैठे अपने भाई के साथ मिलकर यह खेल रचा। रमेश के खाते में 1.20 करोड़ का लेनदेन हुआ तो बात खुली। बनभूलपुरा थाने की टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए जुटी हुई है।
सरगना छात्र नेता करन अपने साथियों की मदद से बैंकों में चालू खाता खुलवाने का काम करता है। खाता खुलवाने के क्रम में ही रमेश चंद्र को भी इसने मोहरा बनाया। अन्य जगहों से धोखाधड़ी की रकम इन खातों में डाली जाने लगी। जब रमेश चंद्र को भी इस खाते से कमाई होने लगी तो उसे लगा कि क्रिप्टोकरेंसी की आय है। जब नोएडा पुलिस खातों से गायब धनराशि की जांच करते करते रमेशचंद्र के खाते तक पहुंची तो बनभूलपुरा थाना में पूरी कहानी सामने आ गई। पिछले दिनों घंटों तक चली पूछताछ में रमेश ने पूरी कहानी बताई। एक बड़े गिरोह का सच सामने आया। इस गिरोह का संचालन करने वाला करन अरोड़ा और दुबई में बैठे दो लोग इस गिरोह सबसे बड़े जालसाज निकले।
उधर मुकदमा दर्ज करने के बाद बनभूलपुरा थाने की पुलिस अब करन अरोड़ा के साथ ही उसके भाई प्रियांश और उन सभी 12 लोगों की तलाश में जुट गई, जिन्होंने साइबर ठगों के लिए स्थानीय स्तर पर सबसे बड़े गिरोह को संचालित कर रखा है।
..जिन 12 युवकों पर मुकदमा दर्ज हुआ है, वे गिरोह का संचालन करते हैं। विवेचना में यह भी देखा जा रहा है कि इन्होंने और कितने चालू खाता खुलवाए हैं। इन सबकी गिरफ्तारी के लिए टीम लग गई है। जल्द ही इन्हें गिरफ्तार कर पर्दाफाश किया जाएगा कि इन्होंने कितने अन्य लोगों को धोखे से अपने जाल में शामिल कर लिया। -नीरज भाकुनी, थाना प्रभारी बनभूलपुरा
यह था मामला
मंगलपड़ाव सावित्री कॉलोनी निवासी रमेश चंद्र बनभूलपुरा के एमएस बेकर्स पर 15 साल से कर्मचारी थे। कुछ माह बेकरी मालिक साजिद निवासी लाइन नंबर 17 ने क्रिप्टोकरेंसी में काम करने का झांसा रमेश चंद्र को दिया। साजिद ने ही हल्द्वानी निवासी व एमबीपीजी कॉलेज के छात्रसंघ के पूर्व उपसचिव करन अरोड़ा से मिलवाया। करन का भाई प्रियांशु दुबई में क्रिप्टोकरेंसी के खेल का मास्टर माना जाता था। क्रिप्टोकरेंसी की आड़ में करन अरोड़ा, उसका भाई प्रियांशु, बेकरी मालिक साजिद, अनस, हसनान, कैफ, रमीज, सिकंदर हुसैन, यूसुफ, वाजिद, मोनिस और नितिन अटवाल मिलकर साइबर ठगी का बड़ा गिरोह चलाते हैं। पुलिस ने रमेश की तहरीर पर इन सभी के खिलाफ बीएनएस की धारा 318 (4) और 61 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

