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मजार मामला: 24 घंटे के भीतर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, ऊपर से वाहनों की आवाजाही पर रोक
नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के रुद्रपुर में एनएच पर मजार ध्वस्तीकरण के खिलाफ मेंशन की गई पुरानी याचिका पर सुनवाई के बाद एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वे 24 घंटे के भीतर दो सदस्यों और मिट्टी शिफ्ट करने की भूमि का पूर्ण ब्यौरा मुहैया कराए। न्यायालय ने यूएस नगर जिला प्रशासन से कहा कि तब तक मजार के ऊपर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए। मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल की दोपहर में होगी।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में इंदिरा चौक के समीप बनी सैय्यद मासूम शाह मिया और सज्जाद मिया की मजार को प्रशासन ने सोमवार तड़के बुलडोजर की मदद से हटा दिया। यह कदम प्रस्तावित आठ लेन हाईवे परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए बताया जा रहा है। एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने पहले ही संबंधित पक्ष को नोटिस जारी कर जानकारी दी थी। मजार को हटाने के लिए बुलडोजर लगाए गए।
आज मामले को लेकर याचिकाकर्ता वक्फ अल्लाह ताला की तरफ से अधिवक्ता ने मेंशन किया, जिसे न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने लंच के बाद सुना। सुनवाई के दौरान ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी और एसएसपी ऑनलाइन उपस्थित हुए। जिलाधिकारी ने न्यायालय को बताया कि इस दरगाह का नाम हजरत मासूम साह दरगाह था। ये भूमि वक्फ की भूमि नहीं है। उन्होंने कहा कि बीती दस फरवरी को एनएच ने नोटिस दिया था और फिर दोबारा नोटिस देकर ये कार्यवाही की। ये 1960 से सड़क की दरगाह के रूप में दर्ज है। खसरा बनाने पर ये मजार दर्ज की गई थी। इसका नियमानुसार मुआवजा दिया गया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से कहा कि वो दो लोगों के आधार कार्ड, फोटो, ईमेल, फोन नंबर सहित सम्पूर्ण जानकारी दें जो मिट्टी लेकर जाएंगे। इसके अलावा 24 घंटे में शपथपत्र देकर बताएं कि वो इस मिट्टी को कहां स्थापित करेंगे। अमर उजाला साभार

