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बिग ब्रेकिंग: बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड में तीनों आरोपियों को हत्या में दोषी करार दिया कोर्ट ने

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बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को हत्या के मामले में दोषी करार दिया है।अदालत के फैसले पर पूरे उत्तराखंड और देश के लोगों की निगाहें टिकी थी। कोटद्वार में इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए है। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से पुलिस फोर्स कोटद्वार बुलाई गई है। अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है।

बीती 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस व दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तिथि निर्धारित की है। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी, 2023 को मामले की पहली सुनवाई शुरू हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया।तीनों हत्यारोपियों वनंत्रा रिजाॅर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च, 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई। करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से विवेचक समेत 47 गवाह अदालत में परीक्षित कराए गए। हालांकि एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश कराया गया।

अदालत परिसर के चारों ओर व्यापक सुरक्षा प्रबंध रहेंगेहत्यारोपियों को सजा दिलाने की मांग को लेकर कोटद्वार, पौड़ी, ऋषिकेश और देहरादून समेत कई जगहों पर लोग आंदोलित रहे। ऐसे में यह संभावना है कि फैसले को सुनने के लिए राज्य के साथ ही अन्य शहरों से भी लोग यहां पहुंच सकते हैं। खुफिया इनपुट के आधार पर वरिष्ठ अधिकारी व्यवस्थाएं बनाने में जुटे हैं।कोतवाल रमेश तनवार ने बताया कि अदालत परिसर में पुख्ता सुरक्षा प्रबंध करने के लिए पौड़ी जिले के साथ ही देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी जनपदों से बड़ी संख्या में पुलिस बल, अधिकारी और डेढ़ कंपनी पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं।अदालत परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं होगी। पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा प्रबंधों को लेकर कई दौर की बैठक और मॉक ड्रिल की जाती रही। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार सुबह से ही अदालत परिसर छावनी में तब्दील हो जाएगा। वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी खुद सुरक्षा व्यवस्था पर निगाह बनाए रखेंगे।कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू, चार मजिस्ट्रेट तैनातअदालत के फैसले को देखते हुए एसडीएम कोटद्वार सोहन सिंह सैनी ने अदालत परिसर के 200 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर दी है। जिला प्रशासन ने कोटद्वार में चार और पौड़ी में एक मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी है। कोई भी व्यक्ति समूह में अदालत के 200 मीटर के दायरे में प्रवेश नहीं कर सकेगा। इसके साथ ही नारेबाजी, धरनाप्रदर्शन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

कोटद्वार के सिमलचौड़ स्थित अदालत परिसर के चारों ओर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई हैं। एसडीएम ने शांति, सुरक्षा और कानून व्यवस्था के दृष्टिगत अदालत से देवीरोड, कोर्ट परिसर से सुखरो पुल, बीईएल मार्ग व पदमपुर सुखरो मार्ग पर चारों रूटों पर चार मजिस्ट्रेट तहसीलदार साक्षी उपाध्याय, एआरटीओ ज्योति शंकर मिश्रा, अजय अष्टवाल व मनोहर सिंह नेगी तैनात कर दिए हैं। एसडीएम सोहन सिंह सैनी ने बताया कि निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।अदालत परिसर में अधिवक्ता व कर्मचारियों पर यह लागू नहीं होगा। एसडीएम ने कहा कि शांति, सुरक्षा व कानून व्यवस्था से खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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