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हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में लिपिक का जलवा: किसके ढोल की थाप पर नाच रहा मेडिकल कॉलेज प्रशासन… छात्रावास अधीक्षक डॉ. आरजी नौटियाल से अभद्रता
हल्द्वानी। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में इन दिनों एक लिपिक के जलवों की हर तरफ चर्चा है। जलवा ऐसा कि पूरा मेडिकल कॉलेज प्रशासन लिपिक के सामने लगभग नतमस्तक है। दूसरी तरफ मामले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की लिपिक की अभद्रता से नाराज मेडिकल कॉलेज के छात्रावास अधीक्षक ने अपना इस्तीफा तक प्राचार्य को सौंप दिया है। लिपिक को हटाने की मांग पर अब रेजिडेंट डॉक्टर भी छात्रावास अधीक्षक के समर्थन में आ गए हैं मगर मेडिकल कॉलेज प्रशासन कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं दिख रहा है। वह भी तब जब उपनल संवर्ग से आए लिपिक के मामले में उपनल के अधिकारी कह चुके हैं कि कार्रवाई का अधिकार मेडिकल कॉलेज प्रशासन के पास है।
मामला करीब एक सप्ताह पुराना है। मेडिकल कॉलेज के छात्रावास अधीक्षक इस वक्त डॉक्टर आरजी नौटियाल हैं। अनुशासन के मामले में काफी सख्त मिजाज डॉक्टर नौटियाल को माना जाता है। बताया जाता है कि छात्रावास अधीक्षक का चार्ज संभालने के बाद उन्होंने छात्रावास से संबंधित तमाम मामलों में जांच पड़ताल की। इसी वक्त छात्रावास से संबंधित एक लिपिक का मामला सामने आया इसके बारे में डॉक्टर नौटियाल ने जानकारी प्राप्त की। बताया जा रहा है कि लिपिक कम सामाजिक कार्यकर्ता वह व्यक्ति एक विधायक के भी खासम खास माने जाते हैं। डॉक्टर नौटियाल द्वारा किसी मामले में तलब किए जाने का मामला जब लिपिक के सामने आया तो उन्होंने फोन पर ही कथित तौर पर छात्रावास अधीक्षक से अभद्रता की। उन्होंने ऐसी भाषा शैली का भी इस्तेमाल किया बताया जाता है जो हूबहू डॉक्टर नौटियाल ने शिकायती पत्र में मेडिकल कॉलेज प्रशासन को लिख दी। छात्रावास अधीक्षक में कॉलेज प्रशासन से कहा की लिपि को तत्काल सेवा से हटाया जाए अन्यथा वह इस्तीफा दे देंगे। मगर कॉलेज प्रशासन ऐसा करने में असमर्थ रहा। इसके बाद छात्रावास अधीक्षक पद से डॉक्टर नौटियाल ने इस्तीफा प्राचार्य को सौंप दिया। तब भी माग यही थी कि लिपिक को हटाया जाए। टीवी एवं स्वास्थ्य रोग विशेषज्ञ छात्रावास अधीक्षक डॉक्टर नौटियाल की इस मार्ग के सामने कॉलेज प्रशासन की ही सांस फूलने लगी।
अब ताजा घटनाक्रम में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने उपनल के अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया है की लिपि को सेवा से हटाया जाए या उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। मगर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कह दिया है कि कार्रवाई उपनल करेगा जबकि उपनल अधिकारियों का कहना है की कार्रवाई का अधिकार मेडिकल कॉलेज प्रशासन के पास है। ऐसे में यह सांप है कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन यह तय कर पाने की स्थिति में नहीं है कि इस पूरे मामले में क्या किया जाए जबकि दूसरी तरफ रेजिडेंट डॉक्टर भी छात्रावास अधीक्षक के समर्थन में हड़ताल पर उतर आने का फैसला कर चुके हैं।
बताया जा रहा है कि उपनल से यहां सेवा कर रहे लिपिक का एक विधायक जी से खास संपर्क है। अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करने के बीच मेडिकल कॉलेज के छात्रावास को वह कितना समय दे पाते हैं यह भी समझने की बात है। बताया जाता है कि सामाजिक सेवा के मामले में लिपिक साहब की खास रुचि रहती है और ज्यादातर समय वह अपने क्षेत्र में ही व्यतीत करना पसंद करते हैं। छात्रावास की उपस्थिति पंजिका में जब इस बारे में मालूमात हुई तो यहीं से इस पूरे झगड़े की शुरुआत हुई। छात्रावास अधीक्षक ने इसी मामले में लिपिक को तलब किया बताया जा रहा है। अब आगे देखना यह दिलचस्प होगा कि इस पूरे मामले में जो पेंच मेडिकल कॉलेज प्रशासन वर्सेस उपनल अधिकारियों और खुद लिपिक और छात्रावास अधीक्षक के बीच का है उसे कैसे निकाला जाता है।