Connect with us

others

नैनीताल: असिस्टेंट कमिश्नर राज्य कर के फर्जी हस्ताक्षरों से दो फर्मों की कर वसूली स्थगित करने का आदेश बनाने के आरोपी अधिवक्ता को तीन वर्ष का कारावास

खबर शेयर करें -

नैनीताल। न्यायिक मजिस्ट्रेट/सिविल जज जूनियर डिवीजन तनुजा कश्यप की अदालत ने असिस्टेंट कमिश्नर राज्य कर के फर्जी हस्ताक्षरों से दो फर्मों की कर वसूली स्थगित करने का आदेश बनाने के आरोपी अधिवक्ता राकेश तिवारी को तीन वर्ष के कारावास और 10,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

धीरेंद्र कुमार की ओर से 13 दिसंबर 2017 को भवाली थाने में नैनीताल कोर्ट के अधिवक्ता राकेश तिवारी के खिलाफ तहरीर दी गई थी। इसमें कहा गया था कि उन्होंने असिस्टेंट कमिश्नर राज्य कर नैनीताल के फर्जी हस्ताक्षरों से उत्तराखंड टेक्सटाइल डेवलपर्स कार्पोरेशन घोड़ाखाल रोड भवाली के फर्म स्वामी रामकुमार झा के विरुद्ध वर्ष 2012-13 की वाणिज्य कर देयता राशि 2,57,100 रुपये और कुमाऊं इलेक्ट्रॉनिक खैरना गरम पानी के फर्म स्वामी बहादुर सिंह के विरुद्ध 2010- 11 की वाणिज्य कर देवता राशि 1,30,500 सरकारी राजकोष में निर्धारित अवधि में जमा न करने के खिलाफ जारी वसूली प्रमाणपत्र (आरसी) को स्थगित करने का आदेश बनाया।

जब डीएम के आदेश के क्रम में राजस्व विभाग के उचित प्राधिकारी की ओर से बकाया वसूली के लिए उक्त फर्मों से संपर्क किया गया तो उक्त फर्मों ने वकील की ओर से जारी किया गया उक्त वसूली रोकने का असिस्टेंट कमिश्नर राज्य कर के जाली हस्ताक्षरों वाला स्थगन आदेश प्रस्तुत किया। इसके बाद राज्य कर विभाग की ओर से आरोपी के खिलाफ धारा 420, 465, 467, 468, 471 भारतीय दंड संहिता, 1860 में मुकदमा दर्ज हुआ।

मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस चार्जशीट व गवाहों के बयानों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी राकेश तिवारी को भादंस की धारा 420 के अंतर्गत आरोप से दोषमुक्त कर दिया, लेकिन धारा 465, 467, 468 एवं 471 के आरोप में दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष के कारावास और 10,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in others

Advertisiment

Recent Posts

Facebook

Trending Posts

You cannot copy content of this page