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बड़ी खबर: चौसला में जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक, अवैध प्लाटिंग की रिपोर्ट शासन को भेजी प्रशासन ने

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हल्द्वानी शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर चौसला गांव में डेमोग्राफी चेंज के प्रयासों पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रशासन ने दोनों खातों से जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। यही नहीं अवैध रूप से की जा रही प्लॉटिंग किए जाने की जांच रिपोर्ट प्रशासन ने रेरा सचिव को भेज दी है। अब इस मामले में शासन स्तर से कार्रवाई होगी।

पिछले दिनों भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश मंत्रिविपिन पाण्डेय ने यह मुद्दा उठाया था। बताया गया था कि एक समुदाय का व्यक्ति गांव में अवैध रूप से प्लॉटिंग कर तीन सौ से लेकर नौ सौ वर्ग फुट तक के प्लॉट अपने ही समाज के लोगों को बेच रहा है। संबंधित व्यक्ति ने यूपी के अलग-अलग शहरों के 68 लोगों को छोटे-छोटे प्लॉट बेचकर उनकी रजिस्ट्री और दाखिल खारिज तक करा दिया है। इस मामले में विपिन ने तहसील में जोरदार प्रदर्शन भी किया था। मामला संज्ञान में आने के बाद मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने भी मामले में नाराजगी जताते हुए उपजिलाधिकारी और तहसीलदार को जांच कर कार्रवाई करने के लिए कहा था।

अमर उजाला ने दो अप्रैल को इस मामले को ‘चौसला में डेमोग्राफी चेंज की साजिश, 68 लोगों ने खरीदे प्लॉट’ शीर्षक से प्रकाशित किया था। खबर छपने के बाद राजस्व विभाग के अधिकारी हरकत में आए। बृहस्पतिवार को एसडीएम के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने चौसला गांव पहुंचकर वस्तुस्थिति की जांच की। उपजिलाधिकारी परितोष वर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन ने चौसला गांव में उन दोनों खातों (जमीन के खाते) से जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है, जिनसे अभी तक छोटे-छोटे प्लॉट बेचे जा रहे थे। उन्होंने बताया कि अवैध कॉलोनी काटकर बेचने की जांच रिपोर्ट भी जिला प्रशासन की ओर से शासन में सचिव रेरा को भेजी जा चुकी है।

अनियमितताएं मिलने पर फोम फैक्टरी सील की

डेमोग्राफी चेंज मामले से चर्चा में आए चौसला गांव की फोम फैक्टरी को बृहस्पतिवार को प्रशासन की टीम ने सील कर दिया। जांच के दौरान फैक्टरी में कई तरह की अनियमितताएं मिलने पर यह कार्रवाई की गई। फैक्टरी प्रबंधन को सरकारी जमीन पर कब्जा खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।एसडीएम परितोष वर्मा के नेतृत्व में बृहस्पतिवार को प्रशासन, राजस्व, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पुलिस, अग्निशमन, राज्य कर और श्रम विभाग के अधिकारियों ने चौसला गांव पहुंचकर मैसर्स हलीमा इंडस्ट्रीज फैक्टरी पर छापा मारा। इस फैक्ट्री में फोम बनाया जाता है। जांच के दौरान फैक्टरी में कई अनियमितताएं मिलने पर अधिकारियों ने फैक्ट्री को सील कर दिया गया।

उपजिलाधिकारी वर्मा ने बताया कि फैक्टरी का कारखाना एक्ट और बॉयलर एक्ट में पंजीकरण नहीं था। जांच के दौरान फैक्टरी की आड़ में सरकारी जमीन पर भी कब्जा मिला। उन्होंने बताया कि फैक्टरी स्वामी बरेली रोड निवासी मो. आबिद को नोटिस जारी कर 15 दिन में अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

टीम में तहसीलदार सचिन कुमार, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अनुराग नेगी, एफएसओ मिंदर पाल सिंह, एएलसी अरविंद सैनी व राज्य कर अधिकारी कैलाश चंद आदि शामिल थे।

बंद फैक्टरी की भी होगी जांच

विभिन्न विभागों के अधिकारियों को चौसला गांव में एक फैक्टरी और मिली, लेकिन वह बंद थी। एमके इंटरप्राइजेज नामक इस फैक्टरी के बारे में बताया गया कि यह तीन चार साल से बंद है। उपजिलाधिकारी वर्मा ने बताया कि बंद फैक्टरी के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। इसकी भी जांच कराई जाएगी। अमर उजाला साभार

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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