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उत्तर प्रदेश

80 साल की सुशीला की जान लेने वाला पिटबुल अब पिंजरे में, 4 एक्सपर्ट करेंगे रिसर्च

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                                   स्टोरी हाइलाइट्स
                           1.पिटबुल का लाइसेंस किया गया कैंसिल
                           2.स्वभाव पर रिसर्च के लिए पैनल गठित

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिटबुल के हमले में 80 वर्षीय महिला की मौत का मामला तूल पकड़ चुका है. देर-सवेर लखनऊ नगर निगम भी एक्टिव हुआ और पिटबुल को जब्त कर लिया गया है. अब पिटबुल को नगर निगम के एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में रखा जाएगा. इसके साथ ही पिटबुल के लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया है.

गुरुवार सुबह-सुबह लखनऊ के बंगाली टोला इलाके में नगर निगम की टीम पहुंची. इसके बाद पिटबुल को जब्त करने की कवायद शुरू की गई. मालिक अमित ने पिटबुल के चेहरे को ढका और उसे नगर निगम की गाड़ी तक पहुंचाया. इसके बाद उसे नगर निगम के एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में लाया गया और स्पेशल केज में रखा गया है.

लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि हमने पिटबुल के लाइसेंस को कैंसिल करके उसे जब्त कर लिया है और उसे स्पेशल केज में रखा गया है, साथ ही उसके स्वभाव पर रिसर्च करने के लिए चार लोगों के पैनल का गठन किया गया है, जो यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि आखिर पिटबुल ने अपनी मालकिन को क्यों मार डाला.

पिटबुल के हमले में उसकी मालकिन 80 साल की सुशीला की मौत के बाद पूरा माहौला दशहत में था. मृतका सुशीला की पड़ोसी नलिनी ने कहा था कि पिटबुल के हमले की घटना इतनी खतरनाक है कि अब हम लोगों को डर लग रहा है, हम दहशत में जी रहे हैं, हम मांग करते हैं कि नगर निगम कार्रवाई करें.

क्या है पूरा मामला

लखनऊ के बंगाली टोला की रहने वाली सुशीला त्रिपाठी पर उनके ही पिटबुल ‘ब्राउनी’ ने मंगलवार सुबह हमला कर दिया था. हर रोज की तरह रिटायर शिक्षिका सुशीला त्रिपाठी अपने पिटबुल ‘ब्राउनी’ और लेब्राडोर को लेकर टहलाने के लिए गई थीं. इसी बीच पिटबुल ने अचानक सुशीला त्रिपाठी पर हमला कर दिया. 

पिटबुल ने पूरा जोर लगाकर सुशीला त्रिपाठी पर हमला किया और शरीर के कई जगह को काट डाला. पड़ोसियों का कहना है कि हमले के बाद पिटबुल ने महिला की मांस को नोच-नोचकर खा रहा था. एक पड़ोसी ने कहा, ‘चीख सुनकर बाहर आए तो देखा कि पिटबुल ने सुशीला त्रिपाठी पर हमला किया और वह खून से लथपथ गिरी पड़ी हैं.’

पड़ोसी ने आगे कहा, ‘सुशीला त्रिपाठी चीख रही थी, हम लोग पिटबुल पर पत्थर मारने लगे, लेकिन वह रुका नहीं और मांस को खाता रहा. करीब एक घंटे तक हम लोग पत्थर मारते रहे, इसके बाद वह सुशीला की बॉडी को खींचकर अंदर ले गया. तकरीबन एक घंटे तक बुजुर्ग महिला को कुत्ता नोचता रहा.’

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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