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अजब गज़ब: बैंक कर्मी और उसके रिटायर्ड माता पिता मनरेगा मजदूर!!! ग्राम प्रधान का कारनामा, सास-ससुर और देवर से करवा दी मनरेगा मजदूरी
लक्सर ब्लॉक के रसूलपुर उर्फ कंकरखाता में नरेगा-मनरेगा के सर्व मौसम सड़क, पशुशेड व सूक्ष्म सिंचाई आदि योजनाओं में ग्राम प्रधान ने अपने सास-ससुर और देवर से मजूदरी करा दी। 69 वर्षीय पेंशनधारक ससुर और 65 वर्षीय सास ने 297 दिन तक लगातार मजदूरी की। वहीं देवर ने 126 दिन तक मजदूरी की। जबकि देवर कोआपॅरेटिव बैंक में कार्यरत है। यह आरोप ग्रामीणों ने सीडीओ से की।
मंगलवार को गांव के लोग ट्रैक्टर-ट्राॅली से रोशनाबाद सीडीओ कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने ग्राम प्रधान और सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर मुख्य विकास अधिकारी से मामले की जांच की मांग की है। ग्रामीणों ने पांच शिकायतें दी है। वहीं, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने खंड विकास अधिकारी को तत्काल मामले में रिपोर्ट मांगी है।
प्रदीप कुमार, वेदपाल सिंह, सुशील कुमार, मुनेश कुमार, यशपाल, सोनू, मोना, रीना, हिमांशु, कालेराम ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान के ससुर बड़े किसान और कॉ-ऑपरेटिव बैंक से रिटायर पेंशनधारक भी हैं। 69 वर्ष की आयु होने के साथ ही मजदूरी की पात्रता से दूर हैं। इनकी पत्नी भी 65 वर्ष की हैं दोनों ने 297 दिनों तक लगातार मजदूरी की है। आरोप है कि ग्राम प्रधान ने अपने देवर के नाम पर भी 126 दिनों की मजदूरी दर्शा कर बजट निकाल लिया। जबकि उनका देवर भी रायसी कोआपॅरेटिव बैंक में कार्यरत है।पूर्व ग्राम प्रधान, आशिष, ओमबीर, अनूप कुमार, रविंद्र कुमार, राजबीर आदि ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान ने अपने जेठ से 36 दिनों तक काम करना दिखाया है। इनकी पत्नी आंगनबाड़ी में कार्यरत हैं। उसने वर्ष 2018 में 10 दिनों तक नरेगा के तहत मजदूरी की है। ऐसे ही ग्राम प्रधान ने बिना मजदूरी कराए सरकारी कर्मचारी समेत परिवार के 853 लोगों को मजदूरी का पैसा दर्शाकर रुपये हड़प लिए गए।
आरोप है कि फर्जी तरीके से बिल व मस्ट्रोल आदि बनाकर नाला खुदाई करना बताकर उसका भुगतान हड़प लिया है। इसकी मजदूरी अपने सास-ससुर से दर्शायी है। आरोप है कि मेरी माटी मेरा देश योजना के तहत अमृत वाटिका पर भी कोई कार्य नहीं कराया गया। गांव के अन्य विकास कार्यो में धांधली कर गलत तरीके से विकास कार्य में आने वाले भुगतान का गबन करके अपने नीजी प्रयोग में लिया है। सरकारी धन का दुरुपयोग किया है।आरोप है कि रसूलपुर उर्फ ककरखाता में करीब 23 किसानों के खेतों में सुक्ष्म सिंचाई में पाइप लाईन डालने का कार्य बताया गया है। इसमें आधे से ज्यादा मजदूर गलत दिखाकर प्रधान ने भुगतान निकाल लिया है। आरोप है जिन खेतों में पाइप लाइनों को डाला ही नहीं गया उसका भी भुगतान ले लिया गया है।ग्राम प्रधान पर आरोप है कि सर्व मौसम सड़क दशांई गई है। मौके पर किसी प्रकार की मिट्टी या अन्य सामग्री रेत, बजरी आदि कोई निर्माण सामग्री नही डाली गई लेकिन, कागजों में फर्जी तरीके से मौके पर निर्माण दर्शाकर ग्राम प्रधान ओर संबंधित विकास अधिकारी ने सरकारी घन का गबन कर लिया। आरोप लगाया कि मनरेगा में जिन लोगों को मजदूरी करना दर्शाया गया है उनमें से करीब 450 मजदूरी प्रधान के परिवार के सदस्यों सास, ससुर व देवर जेठ आदि है।