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राज्य आंदोलनकारी, समाजसेवी नरेंद्र सिंह रौतेला का निधन
रानीखेत। राज्य आंदोलनकारी और समाजसेवी नरेंद्र रौतेला का शनिवार को निधन हो गया। नई दिल्ली स्थित फोर्टिस अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। पिछले दिनों ब्रेन हेमरेज होने के बाद उन्हें दिल्ली में भर्ती कराया गया था।
श्री रौतेला ने उत्तराखंड जन संघर्ष वाहिनी 1984 में नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन में डा. शमशेर सिंह बिष्ट, छात्र नेता दिनेश तिवारी, पीसी तिवारी, प्रदीप टम्टा, डा. शेखर पाठक, प्रताप बिष्ट आदि के साथ सक्रिय भूमिका निभाई। अन्य राजनीतिक सामाजिक कार्यों से जुड़े आंदोलनों मसलन पर्वतीय राज्यों में स्वास्थ्य व शिक्षा जैसे बुनियादी मुद्दों पर आंदोलनों में हिस्सा लिया। प्रखर कलमकार रहे। 1996 से उत्तराखंड राज्य आंदोलन में भी प्रमुख भूमिका निभाई।
उत्तराखंड क्रांति दल के टिकट पर वर्ष 2002 में विधानसभा चुनाव लड़ा। खंडूड़ी सरकार में उद्यमिता विकास परिषद के उपाध्यक्ष बनाए गए। बाद में 2016 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे और मुख्य प्रवक्ता बनाए गए। 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद वह दोबारा भाजपा में चले गए।
उनके करीबी रहे अधिवक्ता दिनेश तिवारी के अनुसार शव शनिवार देर रात रानीखेत पहुंचेगा। रविवार की प्रात: दस बजे आबकारी कालोनी स्थित आवास से शवयात्रा निकलेगी। प्रो. डा. शेखर पाठक, राजीवलोचन साह, अधिवक्ता दिनेश तिवारी, अतुल जोशी, पीसी तिवारी, नवीन बिष्ट, जगदीश जोशी, प्रयाग पांडे ने अपूर्णीय क्षति बताया। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेश सिंह रौतेला, प्रमोद पांडे, चंद्रप्रकाश पांडे, रघुनंदन वैला, महेंद्र बिष्ट, महेंद्र सिंह, महेश पांडे, हरीश सिंह मनराल, विजय पांडे, नवीन पंत, हिमांशु बिष्ट, ललितमोहन आर्या, फईम अंसारी ने भी गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

