उत्तराखण्ड
बचपन के दोस्त ने ही पानी में डुबाकर मार डाला शशांक डोभाल को, पैसों की उधारी पर विवाद
काशीपुर में आईटीआई थाना क्षेत्र में तीन दिन पहले पानी भरे एक खाली प्लॉट से शशांक डोभाल के शव मिलने के मामले में पुलिस ने उसके बचपन के दोस्त सहित दो लोगों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने बताया कि रुपये को लेकर हुए विवाद के चलते धक्का देने से शशांक की मौत हो जाने के बाद वह लोग भाग गए थे।
सोमवार को आईटीआई थाना क्षेत्र में सुबह लगभग साढ़े छह बजे पुलिस को खड़कपुर देवीपुरा रेलवे क्रॉसिंग के पास पानी भरे खाली प्लॉट में शशांक डोभाल पुत्र कृष्ण कुमार निवासी आवास विकास का शव पड़ा मिला। पास ही में खेत में बने गड्ढे में फंसी एक लॉक कार भी खड़ी थी। परिजनों से जानकारी करने पर पता चला कि शशांक गाजियाबाद में नौकरी करता था। नशे का आदी शशांक अवसाद का शिकार था और करीब दो महीने से घर पर ही रह रहा था। रविवार सुबह दस बजे वह घर से निकला और फिर नहीं लौटा।
पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि मौके से बरामद कार राकेश कुमार सक्सेना निवासी सुभाषनगर के नाम पंजीकृत है। मृतक के परिजनों ने बताया कि राकेश कुमार सक्सेना का बेटा शिखर सक्सेना शशांक का दोस्त है। वह भी नशे का आदी है। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
सीओ अनुषा बडोला ने घटनाक्रम का खुलासा करते हुए बताया कि विवेचना अधिकारी थाना प्रभारी प्रवीण कोश्यारी को पता चला कि घटना के समय कार शिखर सक्सेना चला रहा था। घटना के बाद वह अपने पड़ोसी दीपक यादव के साथ फरार है। पुलिस ने शिखर और दीपक को मुरादाबाद रोड स्थित फ्लाई ओवर के पास से गिरफ्तार कर लिया।
विवाद के बाद पानी भरे प्लॉट में दिया था धक्का, नशे के कारण उठ नहीं पाया शशांक
पुलिस के अनुसार पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे नशे के आदी हैं। 25 अगस्त की शाम को शिखर पिता से कार मांगकर शशांक और दीपक के साथ खड़कपुर देवीपुरा की ओर गए। खड़कपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास खाली प्लॉट में जाकर तीनों ने स्मैक का नशा किया। इसी दौरान शिखर ने शशांक से उधार दिए रुपये मांगे, जिस पर विवाद हो गया। तभी शिखर और दीपक ने शशांक को पानी भरे खाली प्लॉट में धक्का दे दिया। अधिक नशा होने के कारण शशांक पानी से निकल नहीं पाया और उसकी डूबने से मौत हो गई। इसके बाद दोनों आरोपी शशांक का मोबाइल लेकर भागने लगे लेकिन कार का अगला पहिया कीचड़ में फंस गया। काफी प्रयासों के बाद भी जब कार नहीं निकली तो उसे वहीं छोड़कर वे चले गए। उन्होंने शशांक का मोबाइल श्मशान घाट के पास छिपाया, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया। टीम में एसआई प्रकाश सिंह बिष्ट, कांस्टेबल नीरज शुक्ला और अनुज त्यागी शामिल रहे।
पिता बोले-क्या शिखर के हाथ जरा भी नहीं कांपे
शशांक डोभाल के पिता कृष्ण कुमार ने बताया शिखर सक्सेना उनके बेटे का बचपन का दोस्त था। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि जिसके साथ उनका बेटे खेलते-कूदते हुए बड़ा हुआ, वह ही उसके खून से अपने हाथ रंग देगा। भावुक पिता के लिए इस बात पर यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि बेटे का लंगोटिया दोस्त ने उधारी के रुपये मांगने को लेकर हुए विवाद में उसकी इस तरह हत्या कर दी। वह बार-बार यही कह रहे हैं कि शशांक की हत्या करने में शिखर के हाथ जरा भी नहीं कांपे।