देहरादून
सिक्योरिटी सर्विसेज कंपनी ने कर दिया 30 लाख का फर्जीवाड़ा, ईपीएफओ ने की बैंक खाते से 11 लाख 90 हजार की वसूली
देहरादून। कोरोना के दौरान केंद्र सरकार की योजना का लाभ लेकर सिक्योरिटी सर्विसेज कंपनी ने 30 लाख रुपये के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। मामला पकड़ में आने के बाद ईपीएफओ ने कंपनी के बैंक खाते अटैच कर 11.90 लाख रुपये की वसूली कर ली है। बाकी रकम की रिकवरी के लिए आरसी काटी जा रही है। कंपनी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जा रहा है।
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान रोजगार के अवसर कम हो गए थे। ऐसे में सरकार ने सितंबर 2020 में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) को लागू किया। इसके तहत कंपनियों को रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित किया गया। देशभर में डेढ़ लाख संस्थानों से करीब 60 लाख कर्मचारियों ने इस योजना का लाभ उठाया।
योजना के तहत केंद्र सरकार ने 15 हजार रुपये से कम वेतन वाले कर्मचारियों का 24 महीने तक पीएफ अशंदान खुद जमा कराया। योजना का लाभ उन कर्मचारियों को दिया गया, जिन्हें एक अक्तूबर 2020 से 31 मार्च 2022 की अवधि में नौकरी मिली थी। इस योजना में कुछ फर्मों ने फर्जी कर्मचारी दिखाकर फर्जीवाड़ा किया। कंपनी संचालकों ने अपने परिवार के सदस्यों को कर्मचारी दिखाकर पीएफ अंशदान की रकम ली। शिकायत पर एबीआरवाई का लाभ लेने वाली फर्मों का सत्यापन किया गया। इसी में देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय ने बड़ा मामला पकड़ा।
इस संबंध में पीएफ कमिश्नर विश्वजीत सागर ने बताया कि सनराइज सिक्योरिटी प्लेसमेंट सर्विसेज ने गलत तरीके से 30 लाख 34 हजार रुपये प्राप्त किए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में 17 अप्रैल को कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।