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रूस और चीन ने नाटो पर बोला हमला, व्लादिमीर पुतिन ने दी अंजाम भुगतने की चेतावनी

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रूस को एक सीधा खतरा बताने और चीन से वैश्विक स्थिरता को गंभीर चुनौतियां पेश आने की चेतावनी देने को लेकर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) को बृहस्पतिवार को दोनों देशों की आलोचना का सामना करना पड़ा. नाटो ने मैड्रिड में एक सम्मेलन में यह चेतावनी दी कि विश्व बड़ी शक्तियों की प्रतिस्पर्धा के एक खतरनाक चरण में प्रवेश कर गया है और साइबर हमले से लेकर जलवायु परिवर्तन तक, कई खतरों का सामना कर रहा है. नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने बृहस्पतिवार को सम्मेलन के समापन पर कहा कि सदस्य देश ‘हमारी प्रतिरोध और रक्षा में’ एक बुनियादी बदलाव पर सहमत हुए हैं. स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, ‘हम अधिक खतरनाक विश्व और एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां यूरोप में एक भीषण युद्ध चल रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘साथ ही, हम यह भी जानते हैं कि यदि यह रूस और नाटो के बीच पूर्ण युद्ध में तब्दील हो गया तो स्थिति और भयावह हो जाएगी.’

उन्होंने कहा, “हम नाटो की प्रत्येक इंच जमीन की रक्षा के लिए अपनी तैयारियों के बारे में मास्को में किसी भी तरह के गलत आकलन, गलतफहमी को दूर करना चाहते हैं.” नाटो नेताओं ने स्पेन में अपनी तीन दिनों से अधिक समय तक चली वार्ता के दौरान औपचारिक रूप से फिनलैंड और स्वीडन को गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया. हालांकि, इस कदम का तुर्की विरोध करता रहा है. यदि फिनलैंड और स्वीडन को 30 देशों के सैन्य गठबंधन में शामिल कर लिया जाता है तो नाटो को रूस से लगी 1,300 किलोमीटर सीमा तक पहुंच मिल जाएगी. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि यदि दोनों नॉर्डिक देशों ने नाटो सैनिकों और सैन्य उपकरणों को अपनी जमीन पर आने की अनुमति दी तो वह जवाब देगा. एस्टोनिया की प्रधानमंत्री काजा कलास ने कहा, “बेशक हमें पुतिन को कुछ चुनौती देनी होगी. लेकिन मुझे संदेह है कि वह स्वीडन और फिनलैंड पर सीधा हमला करेंगे.”

नाटो के महासचिव ने सम्मेलन में कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद ‘शीत युद्ध के बाद हमारी सामूहिक रक्षा में सबसे बड़ा बदलाव आया है.’ चीन ने नाटो पर उसे बदनाम करने का आरोप लगाया है. यूरोपीय संघ में चीन के मिशन ने कहा कि नाटो दावा करता है कि अन्य देश चुनौतियां पेश करेंगे, लेकिन यह नाटो है जो पूरी दुनिया में समस्याएं पैदा कर रहा है. सम्मेलन को वीडियो लिंक के जरिये संबोधित करने वाले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने और मदद मांगी. उन्होंने नाटो से आधुनिक हथियार प्रणालियां देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, ‘सवाल यह है कि अगला कौन होगा? मोल्दोवा? या बाल्टिक देश? या पोलैंड? जवाब है: वे सभी.’

सम्मेलन में नाटो के नेता गठबंधन के पूर्वी हिस्से वाले क्षेत्र में सैनिकों की संख्या बढ़ाने पर सहमत हुए. यह घोषणा की गई कि उनकी योजना अगले साल तक गठबंधन के त्वरित प्रतिक्रिया बल को 40,000 से बढ़ा कर तीन लाख करने की है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडने ने यूरोप में अमेरिकी सेना की मौजूदगी बढ़ाने की घोषणा की. इसमें स्पेन के रोटा में दो और नौसेना विध्वंसक तैनात करने और ब्रिटेन में दो और एफ35 स्कवाड्रन रखना शामिल है. बाइडेन ने कहा कि पुतिन ने सोचा था कि नाटो के सदस्य देश यूक्रेन पर हमले के बाद बिखर जाएंगे, लेकिन उन्हें इसका ठीक विपरीत जवाब मिला. इस बीच, चीन ने पलटवार करते हुए कहा कि नाटो अस्थिरता का स्रोत है और उसने अपने हितों की रक्षा करने का संकल्प लिया.

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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