उत्तराखण्ड
##Rishikesh Ganga Ghat: पर्यटक सावधान, ऋषिकेश में कई गंगा घाट हैं खतरनाक, लापरवाही की डुबकी पड़ सकती है भारी
ऋषिकेश: योग और अध्यात्म के लिए पहचान रखने वाली तीर्थनगरी में बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान तथा गंगा के सुंदर और शांत तटों पर समय बिताने के लिए भी पहुंचते हैं।
मगर, तीर्थनगरी में गंगा के सभी घाट उतने सुरक्षित नहीं हैं, जितना यह घाट देखने में शांत लगते हैं। ऋषिकेश, मुनिकीरेती, लक्ष्मणझूला तथा रायवाला थाना क्षेत्र में कई घाट ऐसे हैं, जहां लापरवाही की डुबकी और छोटी सी चूक कई जिंदगियों को लील चुकी हैं।
तीर्थनगरी आने वाले पर्यटक तथा श्रद्धालु अक्सर गंगा के ऐसे घाटों पर स्नान के लिए पहुंच जाते हैं, जो घाट सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत खतरनाक हैं। दरअसल, यहां पानी का ऊपरी बहाव बेहद धीमा प्रतीत होता है, मगर सतह के नीचे बहाव बेहद तेज होता है। कई स्थानों पर घाटों पर गहरी चट्टानें और तेज भंवर हैं, जिन्हें सामान्य रूप से महसूस नहीं किया जा सकता। कई बार गंगा में टिहरी व श्रीनगर डैम से छोड़े जाने वाले पानी से भी जलस्तर में अचानक वृद्धि हो जाती है और कुछ ही मिनटों में गंगा का घाट दिखने वाला क्षेत्र टापू की शक्ल ले लेता है। गंगा घाटों पर लगातार बढ़ते हादसों को देखते हुए पुलिस और प्रशासन भी खासा चिंतित हैं। मगर, कई-कई किलोमीटर तक विस्तार लिए गंगा के घाटों पर पहरेदारी कर पाना संभव नहीं है। पुलिस ने ऐसे घाटों को जाने वाले रास्तों पर चेतावनी बोर्ड भी लगाए हैं। मगर, पर्यटक इनकी अनदेखी कर घाटों तक पहुंच जाते हैं। ऋषिकेश, मुनिकीरेती, लक्ष्मणझूला तथा रायवाला थाना क्षेत्रांतर्गत गंगा घाटों पर लगातार डूबने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इनमें से अधिकांश गंगा घाट ऐसे हैं, जो सामान्य रूप से गंगा स्नान के लिए चिहि्नत नहीं हैं। ऐसे में प्रशासन के समक्ष अब ऐसे घाटों पर सुरक्षात्मक कदम उठाने की जरूरत है।
चिहि्नत पक्के घाट ही हैं स्नान के लायक
मुनिकीरेती और लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में कुछ पक्के घाट ही स्नान की दृष्टि से सुरक्षित हैं। यहां स्नान के लिए जंजीरें लगी हैं और घाट भी अधिक गहरे नहीं हैं। मगर, इनके अलावा अधिकांश घाट खतरे से भरे हैं, जहां अक्सर प्रतिबंध के बावजूद पर्यटक जाने-अनजाने में पहुंच ही जाते हैं। लक्ष्मणझूला क्षेत्र में मस्तराम बाबा घाट, किरमोला घाट, नाव घाट, बांबे घाट, गोवा बीच, गरुड़ चट्टी, फूल चट्टी घाट जबकि मुनिकीरेती क्षेत्र में नाव घाट, तपोवन, नीम बीच, बह्मपुरी व शिवपुरी जबकि ऋषिकेश के बहत्तर सीढ़ी व साईं घाट तथा रायवाला में हरिपुर क्षेत्र के गंगा घाटों पर अक्सर पर्यटकों के डूबने की घटनाएं सामने आती हैं।
सूचना और चेतावनी को पर्यटक करते हैं अनसुना
गंगा के घाटों पर सभी जगह पुलिस तथा सुरक्षाकर्मियों की तैनाती वास्तव में संभव नहीं है। इसके लिए पुलिस व प्रशासन ने ऐसे खतरनाक घाटों पर चेतावनी बोर्ड भी लगाए हैं। कई जगह पत्थरों पर भी चेतावनी के संकेत और सूचनाएं लिखी गई हैं। मगर, अक्सर पर्यटक इन सूचनाओं को नजरअंदाज कर बैठते हैं।
कांवड़ यात्रा में और भी बढ़ गई चुनौती
वर्तमान में कांवड़ यात्रा आरंभ हो चुकी है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में कांवड़ यात्री ऋषिकेश पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि यह कांवड़ यात्री यहां जहां-तहां खतरनाक घाटों पर जल भरने और स्नान के लिए उतर जाते हैं। हालांकि प्रशासन ने कांवड़ यात्रा को देखते हुए ऐसे खतरनाक घाटों पर चेतावनी बोर्ड और संकेत लगाए हैं। मगर, अक्सर यात्री इन संकेतों की अनदेखी कर गंगा घाटों पर पहुंच ही जाते हैं।

