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खनन से वित्तीय वर्ष में 1100 करोड़ की राजस्व वसूली अब तक का रिकॉर्ड, 2020 में मात्र 396 करोड़, खनन विभाग ने जारी की सूची, यहां देखें राज्य बनने से अब तक खनन में राजस्व वसूली
देहरादून। अवगत कराना है कि ई-निविदा सह ई-नीलामी के माध्यम से उपखनिज बालू, बजरी, बोल्डर्स का राज्य गठन के उपरान्त प्रथम बार कुल 159 खनन पट्टों का एवं 02 सिलिका सैण्ड खनन पट्टों का आवंटन हो चुका है। उत्तराखण्ड खनन विभाग ने राजस्व वृद्धि मे नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विभाग वित्तीय वर्ष 2024-25 मे अद्यतन तक लगभग 1025 करोड़ का राजस्व अर्जित कर चुका है। ऐसा अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण पर प्रभावी नियंत्रण एवं गतिमान कार्यवाही के चलते सम्भव हुआ है। ई-निविदा सह ई-नीलामी के माध्यम से खनन पट्टों का आवंटन सुनिश्चित किया गया है।वर्ष 2010-11 से अद्यतन तक खनन विभाग के द्वारा प्राप्त राजस्व का तुलनात्मक विवरण निम्नवत है :-
प्राप्त राजस्व
करोड 2010-11 में 90.24 करोड़
2011-12. 112.330
2012-13. 109.900
2013-14. 2480
2014-1. 5224.2706
2015-16. 2720
2016-17. 335.270
2017-18. 440.130
2018-19. 414.59
2019-20. 396.77
2020-21. 506.24
2021-22. 575.01
2022-23. 472.25
2023-24. 645.42
252024-25 (अद्यतन तक)वित्त विभाग के द्वारा खनन विभाग हेतु इस वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए रू0 875 करोड़ का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके सापेक्ष खनन विभाग के द्वारा अद्यतन तक लगभग 1025 करोड़ का राजस्व अर्जन कर लिया गया है तथा वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 1100 करोड़ से अधिक राजस्व का अर्जन किया जाना सम्भावित है, जो कि उत्तराखण्ड राज्य के उपरान्त प्रथम बार खनन विभाग के द्वारा राजस्व प्राप्ति एक बड़ी उपलब्धि है।
इस प्रकार उक्त से स्पष्ट है कि यह कथन कि राज्य में अवैध खनन / अवैध परिवहन / अवैध भण्डारण को बढ़ावा मिल रहा है, पूर्णतयः निराधार है। अवगत कराना है कि स्टोन क्रेशर्स / स्क्रीनिंग प्लांटों द्वारा तैयार माल रेता, बजरी, ग्रिट, डस्ट, आदि की निकासी अधिकांशतः रात्रि के समय ही मय रॉयल्टी प्रपत्रों के माध्यम से वाहनों से की जाती है। यह कथन कि बिना रॉयल्टी प्रपत्रों के उपखनिज की निकासी की जाती है, पूर्णतयः निराधार है व असत्य है। राज्य गठन के उपरान्त राजस्व की रिकॉर्ड वृद्धि इस बात की पुष्टि करती है कि खनन विभाग ने पारदर्शिता व प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम किये हैं ताकि अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सके। चूंकि उत्तराखण्ड एक पर्यटन और तीर्थाटन से जुड़ा राज्य है है लिहाजा बडी संख्या मे पर्यटक व तीर्थयात्री राज्य मे आते हैं जिसके चलते यातायात प्रबन्धन में दिक्कत न हो, दूर्घटना न हो, शहरों में भी भारी वाहनों की दिन मे आवागमन की अनुमति न होने के मद्देनजर ही रात्रि में ही स्टोन क्रेशर्स / स्क्रीनिंग प्लांटों द्वारा तैयार माल का मय अभिलेखों सहित परिवहन किया जाता है।
विगत 05 वर्षो मे राज्य अन्तर्गत अवैध खनन / अवैध परिवहन/अवैध भण्डारण से सम्बन्धित प्रकरणों पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए निम्नानुसार वसूली की गयी है :-क्र०सं०वर्षप्रकरणों की संख्यावसूल की गयी धनराशि करोड़ मे
01.2020-21. 275218.0502.2021-22181813.1703.2022-23225017.0404.2023-24251219.1705.2024-25217674.22उत्तराखण्ड शासन, औद्योगिक विकास अनुभाग-1 के कार्यालय ज्ञाप संख्या 469, दिनांक 22 मार्च 2023 के द्वारा राज्य के प्रत्येक जनपद मे अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला अवैध खनन निरोधक दल (District Anti Illegal Mining Force) का का गठन किया गया है, जिसमें राजस्व विभाग, वन विभाग, पुलिस विभाग, खनन विभाग के अतिरिक्त पर्यावरणीय विशेषज्ञ तथा स्थानीय ग्राम प्रधान को सदस्य के रूप मे नामित किया गया है।राज्य में अवैध खनन / परिवहन / भण्डारण पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने हेतु निदेशालय स्तर पर प्रवर्तन दल (Enforcement Cell) का गठन किया गया है, जिसके द्वारा अवैध खनन / अवैध परिवहन / अवैध भण्डारण पर औचक छापेमारी की कार्यवाही की जाती है।निदेशालय के द्वारा अवैध खनन से सम्बन्धित जनसाधारण से प्राप्त शिकायतों के त्वरित निस्तारण हेतु विभागीय ई-रवन्ना पोर्टल dgmappl.uk.gov.in मे ऑनलाईन Complaint Redressal Portal तैयार कर लागू किया गया है।जनसाधारण की शिकायतों हेतु राज्य स्तर पर वर्ष 2019 से C.M. Helpline 1905 एवं Centralised Public Grievance Redress and Monitoring System (CPGRAMS) विकसित (Develop) कर लागू किया गया है, जिसमे अवैध खनन से सम्बन्धित जनसाधारण की शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाता है तथा जिसकी मॉनिटरिंग सचिव महोदय खनन के द्वारा प्रत्येक सप्ताह तथा माननीय मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा प्रत्येक माह की जाती है।
उक्त के अतिरिक्त अवैध खनन की प्रभावी रोकथाम हेतु राज्य की समीपवर्ती क्षेत्रों मे 45 माईन चैक पोस्टों, जो कि ऑटोमेटिक सर्विलांस सिस्टम से लैस होंगे, की स्थापना की जा रही है जिसमें नाईट विजन कैमरा, आर०एफ०आई०डी० रिडर आदि की व्यवस्था की जा रही है।जनपद स्तर पर खनन विभाग, राजस्व विभाग के द्वारा अवैध खनन / परिवहन / भण्डारण की रोकथाम हेतु समय-समय पर औचक निरीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। साथ ही यह भी अवगत कराना है कि राज्य अन्तर्गत अवैध खनन / अवैध परिवहन / अवैध भण्डारण की शिकायत प्राप्त होने पर सम्बन्धित पर नियमानुसार कार्यवाही सम्पादित की जाती है।खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा-23 सी द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके उत्तराखण्ड खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियमावली 2021 यथासंशोधित-2024 प्रख्यापित की गयी है। उक्त नियमावली के नियम-14 में अवैध खनन / अवैध परिवहन / अवैध भण्डारण किये / पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही किये जाने प्रावधान निहित हैं।

