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 हल्द्वानी मेडिकल कालेज में फिर रैगिंग, मैस में सीनियर्स ने दिखाया रौब; 3 छात्रों को हॉस्‍टल से निकाला

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हल्द्वानी: राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी तीन महीने बाद फिर से रैगिंग का मामला सामने आया है। मैस में सूक्ष्म जलपान के समय सीनियर छात्रों ने जूनियर पर अभद्रता की।

नौबत मारपीट तक पहुंच गई थी। इससे एक छात्र दहशत में आने से घबरा गया। इसके चलते एंटी रैगिंग कमेटी ने तीन सीनियर छात्रों को छह महीने के लिए हाॅस्टल से निकाल दिया है। शैक्षणिक गतिविधियों पर रोक लगाने के साथ ही 25-25 हजार रुपये भी जुर्माना लगाया है।

25 मार्च की शाम साढ़े चार बजे की घटना

यह घटना 25 मार्च की शाम साढ़े चार बजे की है। मेडिकल कालेज हॉस्टल की मैस में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र बैठे हुए थे। इस बीच वर्ष 2022 बैच के करीब 14 सीनियर छात्र भी पहुंच गए। किसी बात पर बहस होने लगी। कुछ सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों से अभद्रता शुरू कर दी।

गाली-गलौज करते हुए गर्दन का पिछला हिस्सा पकड़कर धक्का भी दिया। मैस में हल्ला मच गया। इस शोर में एक जूनियर छात्र घबरा कर गिर गया। मौके पर तत्काल गार्ड पहुंच गए। उन्होंने सीनियर छात्रों को वहां से हटा दिया।

घटना की सूचना प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी तक पहुंच गई। इस मामले में किसी ने शिकायत नहीं की लेकिन प्राचार्य ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए 27 मार्च को दोपहर ढाई बजे एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुला ली। कमेटी ने सभी के बयान लिए। सीसीटीवी फुटेज देखे।

25-25 हजार रुपये अर्थदंड लगाया

घटना की पुष्टि होने पर वर्ष 2022 बैच के एक एमबीबीएस छात्र को मुख्य आरोपित मानते हुए छह महीने के लेकर हॉस्टल से निकाल दिया है। साथ ही छह महीने के लिए शैक्षणिक गतिविधियों पर भी रोक लगा दी है। दो अन्य सीनियर छात्रों को एक महीने के लिए शैक्षणिक गतिविधियों पर रोक लगाते हुए छह महीने के लिए हॉस्टल से बाहर कर दिया है।

इन तीनों पर 25-25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने कहा कि कालेज में किसी भी तरह की अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की गई है।

इसमें सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, सीओ सिटी बीएस धौनी, डा. एएन सिन्हा, डा. दीपा देउपा, डा. हरप्रीत सिंह, डा. कुनाल शर्मा, पारितोष पंत, हरिमोहन उपाध्याय, अमित दुम्का, कुसमु दिगारी आदि शामिल रहे।

सीनियर छात्रों पर हुई थी कड़ी कार्रवाई, फिर भी नहीं लिया सबक

हल्द्वानी में पिछले वर्ष रैगिंग की दो बड़ी घटनाएं हुई थी। इससे कालेज प्रशासन भी हिल गया था। दिसंबर, 2022 में ही रैगिंग की घटना के बाद 42 सीनियर छात्रों पर कार्रवाई हुई थी। इसके बावजूद तीन महीने बाद ही राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में रैगिेंग का मामला सामने आना गंभीर है।

लगातार चेतावनी मिलने पर भी सीनियर छात्रों को एंटी रैगिंग के सख्त नियमों का भी डर नहीं रहा। यही कारण है कि एक बार फिर से सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों से अभद्रता कर दी। इस बार और कड़ी कार्रवाई करते हुए न केवल हॉस्टल से बाहर किया, बल्कि शैक्षणिक गतिविधियों से भी बाहर कर दिया है।

पांच साल में हुई रैगिंग की घटनाएं

  • सितंबर, 2018 को भी प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को झुककर चलने, मारपीट करने और परेशान करने की शिकायत की थी।
  • अक्टूबर, 2018 में भी एमबीबीएस तीसरे सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने दूसरे सेमेस्टर के विद्यार्थियों से मारपीट की थी। तब तीन छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया था।
  • जुलाई, 2019 को एमबीबीएस के तृतीय वर्ष के छात्रों ने द्वितीय वर्ष के छात्रों के साथ मारपीट की थी। इसमें एक छात्र का कान का परदा फट गया था। तब सात छात्रों को तीन महीने के लिए हॉस्टल से निष्कासित किया था और 10-10 हजार रुपये जुर्माना लगाया था।
  • चार मार्च, 2022 को वीडियो वायरल हुआ था। एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 43 छात्रों के सिर मुड़वाए थे वे सिर झुकाकर परिसर में चल रहे थे। 123 से अधिक छात्रों पर पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया और 19 मार्च को अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
  • नौ दिसंबर, 2022 को आडियो काल के जरिये एमबीबएस के एक छात्र को सीनियर छात्रों ने गालीगलौज की थी। इसमें से एक पर 50 हजार व 42 छात्रों पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया था। मुख्य आरोपित को तीन महीने के लिए हॉस्टल से निष्कासित किया था।
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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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