हल्द्वानी
देश में धार्मिक उन्माद सामाजिक सौहार्द के लिए घातक-डिम्पल पांडे
हल्द्वानी। धर्म के नाम पर अपने देश में जो कुछ भी हो रहा है वो सही नहीं हो रहा है। इससे देश की एकता और भाईचारे पर बुरा असर पड़ रहा है। केन्द्र सरकार को इस तरह के मामलों में तुरंत ध्यान देना चाहिए। ताकि देश का माहौल खराब होने से बचा रहे। यह कहना है समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष डिंपल पांडे का। उन्होने कहा कि धर्म हर इंसान के लिए उसका व्यक्तिगत मामला है। लेकिन मौजूदा समय में जिस तरह से विद्रूप राजनीति की जा रही है, उसे देश की एकता और अखंडता के लिए शुभ संकेत नहीं कहा जा सकता है। आज हर ओर धर्म की नुमाइश का जो नंगा नाच हो रहा है, वह देश के लिए बेहद घातक है। यह न केवल देश के सामाजिक ताने बाने को छिन्न-भिन्न कर रहा है बल्कि सामाजिक सौहार्द में जहर घोलने का काम कर रहा है। डिंपल पांडे ने कहा कि यह दुर्भाग्य ही है इस देश का कि इतनी मंहगाई, भुखमरी, बेरोजगारी के बीच हम लोग इन मसलों में उलझे हुए हैं कि कौन सा धर्म ऊंचा है और किस धर्म को नीचा दिखाना है। उन्होंने कहा कि देश में अति कुत्सित हो चुकी राजनीति ने बांटो और राज करो की जो नीति बंटवारे की जो चाल चली है उसमें उलझकर लोग यह भूल गए हैं कि उनकी असल समस्या आखिर है क्या? मंदिर मस्जिद से इस देश के आम नागरिक को क्या मतलब है। उसे तो सिर्फ दो वक्त की रोजी-रोटी का जुगाड़ करना है। उसे यह फिक्र दिनभर सताती है कि कैसे वो शाम को अपने बच्चों के लिए दो पैसे जोड़कर ले जा सके। देश में ऐसे हालातों में जैसे-तैसे अपने परिवार की गाड़ी खींच रहे आम तबके को कहां फुरसत है कि वे मंदिर-मस्जिद के झगड़े में उलझे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर धर्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है। जिसे देखकर ऐसा लगता है यह देश गृहयुद्ध की ओर बढ़ रहा है।

