उत्तराखण्ड
बागेश्वर में बगावत से कांग्रेस और भाजपा में मचा घमासान, डैमेज कंट्रोल में जुटे नेता
बागेश्वर : टिकट बंटवारे के बाद भाजपा और कांग्रेस में काफी हलचल है। भीतरघात की संभावनाओं से भी मना नहीं किया जा सकता है। बागेश्वर विधानसभा में कांग्रेस के बागी खुलकर सामने आए हैं। लेकिन कपकोट में भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज कार्यकर्ताओं की चुप्पी ने घमासान मचा हुआ है। अलबत्ता पार्टी के शीर्ष नेता बागियों को मनाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। नामवापसी तक अभी यह कोशिश जारी रहेगी।
विधानसभा बागेश्वर से कांग्रेस ने रंजीत दास को प्रत्याशी बनाया है। जिसके कारण बालकृष्ण और भैरवनाथ टम्टा बागी हो गए हैं। उन्होंने बकायदा नामांकन भी करा लिया है। दोनों चुनाव मैदान में हैं। दोनों बागियों के बीच अंदर ही अंदर बातचीत भी चल रही है। नामांकन वापसी से पहले दोनों में एक के चुनाव लड़ने की चर्चा भी है। वहीं कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज सज्जन लाल टम्टा ने भी पार्टी की प्राथमिक से लेकर अन्य पदों से इस्तीफा दे दिया है। वह भी दूसरी पार्टी ज्वाइंन कर सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार कांग्रेस विधानसभा बागेश्वर में बागियों को मनाने में देर कर रही है। जिसके परिणाम क्या होंगे यह तो चुनाव मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
वहीं, कपकोट विधानसभा से भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज शेर सिंह गढ़िया ने अभी नामांकन नहीं किया है। उनके समर्थकों ने पार्टी को इस्तीफा सौंपा है। इसके अलावा पूर्व विधायक बलवंत भौर्याल को भी टिकट नहीं मिल सका है। हालांकि भौर्याल प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार में डटे हुए हैं। लेकिन राजनीति को समझने वालों को यह बताने की जरूरत नहीं है कि भाजपा को कपकोट विधानसभा से जनता जर्नादन कितना समझती है।
क्या बोले पार्टी के जिम्मेदार
पार्टी संगठन मजबूत है। कार्यकर्ता उसकी रीढ़ हैं। टिकट एक को ही मिलना था। सभी मिलजुकर प्रत्याशी के पक्ष में काम कर रहे हैं। नाराज कार्यकर्ताओं को मना लिया जाएगा।
-शिव सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष, भाजपा।
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कांग्रेस से बगावत करने वालों को फिर मौका दिया जा रहा है। वह अपने नामांकन वापस कर सकते हैं।पार्टी प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी एकजुट हैं।
-लोकमणि पाठक, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस।