उत्तराखण्ड
Ranikhet: सियासी भूचाल: इन्होंने मुझसे कहा कि मंत्री बनाऊंगा, धोखे में रखा, मुझसे 30 लाख रुपये ठगे, एफआईआर करता हूं, एकाउंट में आए हैं पैसे
भतरौंजखान में भाजपा के दो गुटों के बीच उपजे विवाद के बाद अब एक ऑडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक व्यक्ति मंत्री बनाने के लिए दूसरे व्यक्ति पर 30 लाख ठगने का आरोप लगा रहा है। इस ऑडियो को विधायक प्रमोद नैनवाल और उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष (दर्जाधारी) कैलाश पंत की अदावत से जोड़ा जा रहा है।
हालांकि अमर उजाला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता। ऑडियो के सार्वजनिक होने पर विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल ने इसमें अपनी आवाज होने से इन्कार किया है जबकि दर्जाधारी कैलाश पंत ने दावा किया है कि ऑडियो में जो आवाज सुनाई दे रही है वह विधायक प्रमोद नैनवाल की ही है।
ऑडियो के प्रमुख अंश
पहला व्यक्ति: सर नमस्कार
दूसरा व्यक्ति: आज तुम्हारे गुरुजी गए थे मेरे भाई को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर
पहला व्यक्ति: पंत जी का फोन आ गया था। उनका कहना था मैं भतरौंजखान थाने में हूं। आ जाओ.. जरा मुलाकात कर लो
दूसरा व्यक्ति: धोखाधड़ी की शिकायत दे रहा हूं। 30 लाख मुझसे ठगे हैं।
पहला व्यक्ति: आप जो कर रहे हैं करें।
दूसरा व्यक्ति: बहुत अच्छा सिला दिया तुम लोगों ने.. मेरे भाई को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर थाने में। हमने बिगड़ा क्या था।
पहला व्यक्ति: वहां जाकर पता चला कि ऐसा कैसे हो रहा है
दूसरा व्यक्ति: इनके मुंह में नहीं जाएंगे पांच अंगुलियां। सारे वायरल हो रहे फोटो। कहना.. चुल्लू भर पानी में डूब मरो। तुम्हें ईश्वर सजा देगा। परमात्मा यदि कहीं है तो मेरा फिटकार है तुमको। कितना भरोसा किया तुम पर। आज मेरे खिलाफ ही थाने में। मेरे भाई को गिरफ्तार कराने के लिए। उनसे कहना चुल्लू पर पानी में डूब मरो। परमात्मा देगा तुम्हें दंड, परमात्मा।
पहला व्यक्ति: मैं उनके साथ में हूं
दूसरा व्यक्ति: बहुत जल्दी अपनी आंखों से देखूंगा और कानों से सुनूंगा। तुम्हारी दुर्दशा। जैसा तुमने आज मेरी बेइज्जती कर रखी है। मेरे घर में आकर कोई गाली दे। कोई बदतमीजी करे इनको क्या मतलब था उससे..
पहला व्यक्ति: इनसे कोई मतलब नहीं था भाई साहाब
दूसरा व्यक्ति: तुम बताओ। आज तक इनसे तू शब्द कहा हमने
पहला व्यक्ति: ना..ना ऐसा तो नहीं हुआ
दूसरा व्यक्ति: मैं भी कहता हूं कि इन्होंने मुझसे कहा कि मंत्री बनाऊंगा। धोखे में रखा, मुझसे 30 लाख रुपये ठगे। एफआईआर करता हूं। बुलाता हूं सब गवाही। एकाउंट में आए हैं पैसे। पता चलेगा कि कितने बीस का सैकड़ा होता है। ठीक है हां, कह देना उनसे….
वायरल ऑडियो से मेरा कोई संबंध नहीं है। यह मेरी आवाज नहीं है। एक गिरोह मुझे बदनाम करने की साजिश कर रहा है। मैं इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करूंगा।-डॉ. प्रमोद नैनवाल, विधायक, रानीखेत।
वायरल ऑडियो मे गुरुजी का मतलब व्यास गोदास महाराज से है जो कि गोरक्षा दल के प्रांतीय अध्यक्ष हैं। जिस व्यक्ति से विधायक की बात हो रही है वह उनका शिष्य है। -कैलाश पंत, दर्जा मंत्री। साभार अमर उजाला
लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान होते ही भाजपा की अंदरूनी कलह और भीतरघात की बात खुलकर सामने आ गई है। अल्मोड़ा जिले के रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल और उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष (दर्जाधारी) कैलाश पंत के बीच तलवारें खींच गई हैं। दोनों ने एक-दूसरे पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए हाईकमान से कार्रवाई की मांग की है।भाजपा के मजबूत संगठन के दावों के बीच अल्मोड़ा सीट पर सबसे कम मतदान हुआ है। इसके बावजूद भाजपा ने संगठन और कार्यकर्ताओं के दम पर सभी सीटें जीतने का दावा कर हर मंच पर संगठन को मजबूत दिखाने को कोशिश की है। इन दावों की पोल उनकी ही पार्टी के विधायक और दर्जा मंत्री ने एक दूसरे खिलाफ बयानबाजी देकर खोल दी है।
अल्मोड़ा संसदीय सीट पर भतरौंजखान में एक प्रधान और विधायक के भाई-भांजे के बीच हुए विवाद के बाद उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष (दर्जाधारी) कैलाश पंत और विधायक प्रमोद नैनवाल आमने-सामने हैं। मंगलवार को सीम के प्रधान संदीप खुल्बे ने विधायक के भाई सतीश नैनवाल और भांजे संदीप बधानी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए भजरौंजखान थाने में तहरीर दी थी। इधर, सतीश नैनवाल ने और संदीप बधानी ने भी प्रधान पर गालीगलौज और मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। केस दर्ज नहीं होने पर अगले दिन प्रधान के पक्ष में दर्जा मंत्री कैलाश पंत अपने समर्थकों के साथ थाने मुकदमा दर्ज कराने पहुंचे। इधर, दूसरे पक्ष के समर्थक भी थाने पहुंचे, जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
आमने-सामने
कैलाश पंत हमेशा पार्टी विरोधी नीतियों में शामिल रहे हैं। वह विधानसभा चुनाव में टिकट की चाह रख रहे थे। टिकट नहीं मिला तो उन्होंने मेरे और पार्टी के खिलाफ कार्य किया। भतरौंजखान थाने में भी वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। साफ है कि इस लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम किया है। इन्हें पार्टी से निष्कासित कर दायित्व से हटाना चाहिए। प्रधान भी मेरा विरोधी रहा है। कई बार वह मुझे गालीगलौज कर चुका है। पहले मेरे भाई और भांजे ने इसके खिलाफ थाने में तहरीर दी थी।-डॉ. प्रमोद नैनवाल, विधायक, रानीखेत।
विधायक 2017 में संगठन की नीतियों के उलट पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विरोध में निर्दलीय चुनाव लड़े। बेतालघाट में उन्होंने अपनी बहन को ब्लॉक प्रमुख पद के लिए पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विपक्ष में उतारा। इस बार भी ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में उनकी पत्नी ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया। लोकसभा चुनाव में भी यह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। क्षेत्र में अराजकता फैलाकर वह पार्टी का नाम बदनाम कर रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मेरे साथ कांग्रेस का कोई भी कार्यकर्ता थाने नहीं पहुंचा। मैं प्रधान के पक्ष में कार्रवाई की मांग पर थाने पहुंचा था।-कैलाश पंत, उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष (दर्जाधारी)