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पंजाबः रेत की महंगाई ने बिगाड़ा कंस्ट्रक्शन सेक्टर का बजट, कीमतें काबू करने को AAP सरकार ने निकाला ये उपाय

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चंडीगढ़ः चौतरफा महंगाई के बीच पंजाब में लोगों और आम आदमी पार्टी सरकार को एक और संकट का सामना करना पड़ रहा है. ये संकट है रेत की आसमान छूती कीमतों का. भगवंत मान सरकार बनने के बाद राज्य में रेत के दाम तीन गुना तक बढ़ गए हैं. इसकी वजह से कंस्ट्रक्शन सेक्टर के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है. अब भगवंत मान सरकार ने रेत की कीमतों पर लगाम कसने के लिए इसके खनन का काम अपने हाथ में लेने की कवायद शुरू कर दी है.

पंजाब सरकार ने फरवरी में दो खनन समूहों के ठेके खत्म कर दिए थे. 90 करोड़ रुपये के अनुबंध शुल्क का भुगतान करने में विफल रहे दो अन्य समूहों के ठेके भी निलंबित कर दिए गए थे. इसके बाद से राज्य में रेत की कीमतें 40 रुपए प्रति घन फुट तक पहुंच गई हैं. आप सरकार के आने से पहले रेत के दाम 14-15 रुपये प्रति घन फुट थे. 1000 क्यूबिक फुट रेत की ट्रॉली 14 -18 हजार रुपये में मिल जाती थी, जो अब 40 हजार रुपये तक पहुंच गई है. पंजाब में कुल सात खनन समूहों में से चार के ठप हैं. केवल तीन- होशियारपुर, लुधियाना और पठानकोट क्लस्टर फिलहाल चालू हैं. मोहाली क्लस्टर भी राज्य सरकार की जांच के दायरे में है. क्लस्टर में मोहाली, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब जिलों में उत्खनन स्थल हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार इसी हफ्ते फिरोजपुर क्लस्टर का अधिग्रहण कर सकती है, जिसके तहत मोगा, फिरोजपुर, मुक्तसर, फाजिल्का, बठिंडा और फरीदकोट जिलों की रेत खदानें आती हैं. खनन मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि अमृतसर और फिरोजपुर खनन क्लस्टर के अनुबंध को समाप्त कर दिया गया है. शुल्क का भुगतान न करने पर रूपनगर और मोहाली क्लस्टर के संचालन को भी निलंबित कर दिया गया है. बैंस ने कहा कि हम निलंबित समूहों के अनुबंधों की समीक्षा कर रहे हैं. बाकी दो ठेके जो खत्म किए गए हैं, सरकार की योजना उन्हें खुद संचालित करने की है. राज्य के जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता देविंदर सिंह ने कहा कि हमारी योजना है कि हम क्लस्टर में एक पायलट प्रोजेक्ट चलाएं और खनन स्थलों पर खरीदारों के लिए सीधे स्टॉक उपलब्ध कराएं.

पंजाब के विधानसभा चुनावों में भी रेत खनन एक प्रमुख मुद्दा रहा था. राजनीतिक दलों ने एक-दूसरे पर अवैध खनन कारोबार चलाने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के खूब आरोप लगाए थे. हाल ही में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध रेत खनन मामले में पांच घंटे तक पूछताछ की थी. चन्नी पर अवैध रेत खनन और अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से करोड़ों की कमाई करने का आरोप है. अवैध खनन मामले में चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को फरवरी में गिरफ्तार किया जा चुका है. हनी और उसके सहयोगियों पर फर्जी कंपनियां बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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