देहरादून
देहरादून के इन इलाकों में जमीनों की खरीद-बिक्री पर रोक, राज्य सरकार ने लिया एक्शन
देहरादून: देहरादून के जिन क्षेत्रों में पहले चाय बागान हुआ करते थे, वहां जमीन मालिक नियमों की अनदेखी कर जमीनों का सौदा कर रहे हैं। जो चाय बागान कभी देहरादून की पहचान हुआ करते थे, वहां अब कंक्रीट के जंगल नजर आते हैं। ऐसे मामलों में अब उत्तराखंड सरकार सख्त एक्शन लेने वाली है। सरकार ने ऐसी जमीनों के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी है। दरअसल पहले भूमि मालिकों ने जमीन को ग्रामीण सीलिंग से बचाने के लिए इन्हें चाय बागान बताकर इन पर छूट ली थी, अब जमीन मालिक इनका सौदा कर रहे हैं, जो कि नियम विरुद्ध है।
शिकायत मिलने पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ. शिवकुमार बरनवाल ने मामले को उत्तर प्रदेश अधिकतम जोत सीमा आरोपण 1960 का उल्लंघन मानते हुए देहरादून सदर, विकासनगर एसडीएम के साथ ही दोनों सब रजिस्ट्रार को आदेश जारी करते हुए जमीनों के क्रय-विक्रय पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। रायपुर, प्रेमनगर, विकासनगर समेत कई इलाकों की करीब 11 एकड़ जमीन इस कार्रवाई के दायरे में आएगी।
बता दें कि इस संबंध में अधिवक्ता विकेश नेगी ने डीएम से शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि देहरादून के जमीनपुर, एटनबाग, रायपुर, नत्थनपुर, अंबाड़ी, जीवनगढ़,एनफील्ड ग्रांट, रायकुर, आरकेडिया ग्रांट, हरबंसवाला, मलुकावाला, खेमादोज, मोहकमपुर खुर्द, बंजारावालामाफी, ईस्ट होम टाउन और लाडपुर में चाय बागान की जमीन है। 1975 के बाद चाय बागान वाली भूमि को बिना सरकार की अनुमति के परिवर्तित नहीं किया जा सकता। इसका क्रय-विक्रय दंडनीय अपराध है। इसमें 2 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिबंध के बावजूद इन जमीनों का सौदा हो रहा है। रजिस्ट्री और दाखिल खारिज हो रहा है। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए डीएम सोनिका ने एसडीएम प्रशासन को कार्रवाई के आदेश दिए थे। जिसके बाद एडीएम डॉ. बरनवाल ने ऐसी जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक के आदेश जारी किए हैं। आदेश में संबंधित जमीनों के खसरा नंबरों का भी उल्लेख है।