Connect with us

क्राइम

दुष्कर्म पीड़िता पर ‘दबाव’ बनाना थानेदार को पड़ा भारी, मुकदमा दर्ज

खबर शेयर करें -

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष पर दुष्कर्म करने के मामले उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। मामले को सुनने के बाद न्यायमुर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने अगली सुनवाई हेतु 22 जुलाई की तिथि नियत की है। बीते मंगलवार को पीड़िता की ओर से कोर्ट को अवगत कराया कि एसएचओ मुखानी दीपक बिष्ठ उनके केस में जांच नही कर रहे है इसके बदले वे उनसे पाँच लाख रुपये व सम्बन्ध बनाने के लिए दबाव डाल रहे है। जिसकी उनके पास रिकॉर्डिंग भी है। इसकी शिकायत उन्होंने डीजीपी से भी की। उसके बाद भी एसएचओ के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई। कोर्ट के संज्ञान में लाने के बाद एसएसपी ने एसएचओ के खिलाफ बीते मंगलवार करीब 8:45 बजे मुकदमा दर्ज कर दिया। इस मामले की जाँच हेतु सीओ रामनगर बलजीत सिंह को जाँच अधिकारी नियुक्त किया। एसओ रामनगर आज कोर्ट में पेश हुए उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि एसएचओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चल रही है।अभियुक्त के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि तरुण साह पर महिला द्वारा झूठे आरोप लगाए गए है। जो दुष्कर्म के अंतर्गत नही आता है। पीड़िता ने ये आरोप 2018 से लगाए थे । चार साल बीत जाने के बाद अब उनके खिलाफ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है । जो गलत है। दोनों शादी शुदा है। उन्हें गलत फंसाया जा रहा है। मामले के अनुसार 2013-2014 में एनएसयूआई नैनीताल जिलाध्यक्ष रह चुके तरुण साह के खिलाफ एक महिला ने मुखानी थाना पुलिस को तहरीर देकर कहा था कि तरुण साह ने 2018 में उससे अवैध संबंध बनाए। उसके पति की बीमारी का फायदा उठाकर आरोपी ने उसके साथ जबरदस्ती की। वह उसके घर आकर अवैध संबंध बनाता था। लोक-लाज का हवाला देकर उसे चुप कराता रहा और बार-बार धमकी देकर शारीरिक शोषण करता रहा। 2019 में महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। महिला के अनुसार वह बच्चा भी तरुण साह का है।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in क्राइम

Advertisiment

Recent Posts

Facebook

Trending Posts

You cannot copy content of this page