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विधायक मोहन सिंह बिष्ट को दिल्ली सरकार में डिप्टी स्पीकर बनाने की तैयारी, नाम कट गया था पहली सूची में टिकट मिलते वक्त
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दिल्ली में गुरुवार को भाजपा की रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। उनके साथ कैबिनेट के छह अन्य मंत्रियों का भी शपथग्रहण हुआ। इस बीच जिन दो और नामों को दिल्ली में जबरदस्त चर्चा हुई है, उनमें विजेंद्र गुप्ता और मोहन सिंह बिष्ट का नाम शामिल है। वजह है विजेंद्र गुप्ता का नाम दिल्ली विधानसभा के स्पीकर पद और मोहन सिंह बिष्ट को डिप्टी स्पीकर पद के लिए नामित किया जाना। जहां विजेंद्र गुप्ता अपनी रोहिणी सीट को लगातार तीन चुनावों से किला बनाए हुए हैं, वहीं मोहन सिंह बिष्ट ने भाजपा को मुस्लिम बहुल सीट पर जीत दिलाई है।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर मोहन सिंह बिष्ट कौन हैं? दिल्ली में उनका सियासी कद कितना बड़ा है? विधानसभा चुनाव के दौरान कब ऐसा मौका आया था, जब बिष्ट ने पार्टी से नाराजगी जाहिर की थी और फिर भाजपा ने उन्हें कैसे मनाया? आइये जानते हैं…दिल्ली में कितना बड़ा है मोहन सिंह बिष्ट का सियासी कद?
मोहन सिंह बिष्ट 2013 में भाजपा की दिल्ली इकाई के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए थे। तब विजय गोयल अध्यक्ष बनाए गए थे। – उनकी पत्नी का नाम लक्ष्मी बिष्ट है। उनके दो बच्चे- एक बेटा और एक बेटी है।
इस विधानसभा चुनाव में नाटकीय रहा सीट बदलने का वाकया
गौरतलब है कि मोहन सिंह बिष्ट लंबे समय से दिल्ली की करावल नगर सीट से भाजपा के विधायक रहे हैं। अगर 2015 की बात छोड़ दी जाए तो उन्हें सभी चुनावों में जीत मिली। हालांकि, इस बार भाजपा ने करावल नगर सीट से कपिल मिश्रा को उतारने का फैसला किया। कपिल मिश्रा वही नेता हैं, जिन्होंने आम आदमी पार्टी की तरफ से लड़ते हुए 2015 में करावल नगर सीट से मोहन बिष्ट को हरा दिया था। भाजपा ने इसी आधार पर 2025 में मोहन सिंह बिष्ट का टिकट काटते हुए कपिल मिश्रा को इस सीट से चुनाव लड़ाने का फैसला किया।
दूसरी लिस्ट से नाम गायब तो बिष्ट ने बताया बड़ी गलती
भाजपा ने अपनी तैयारी के तहत दूसरी लिस्ट में करावल नगर से कपिल मिश्रा को चुनाव लड़ाने का एलान कर दिया। पार्टी के इस फैसले को लेकर मोहन बिष्ट खासे नाराज दिखाई दिए। उन्होंने इसे भाजपा की बड़ी गलती करार दिया। बिष्ट ने यहां तक कहा था कि अगर भाजपा बिष्ट को टिकट नहीं देती तो करावल नगर से ही निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। यह भी दावा किया कि 17 जनवरी से पहले करावल नगर सीट से नामांकन दाखिल करेंगे।भाजपा आलाकमान को मोहन सिंह बिष्ट के जिताऊ चेहरे पर कितना ज्यादा भरोसा रहा है, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब बिष्ट ने अपनी उम्मीदवारी घोषित न किए जाने पर नाराजगी जताई तो पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय हो गया। इसके बाद सिर्फ उनकी उम्मीदवारी का एलान करने के लिए भाजपा ने एक नाम वाली सूची जारी की। 12 जनवरी को जारी हुई तीसरी सूची में मोहन सिंह बिष्ट को दिल्ली की मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद सीट से उतारने का एलान किया गया।
मुस्तफाबाद की अनजान सीट पर कम नहीं थीं चुनौतियां
गौरतलब है कि मुस्तफाबाद में 39.5 फीसदी मुस्लिम आबादी है। इस सीट पर आप, कांग्रेस के अलावा ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी अपना प्रत्याशी उतारा। उसने आप के पूर्व पार्षद और 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को टिकट दिया। गौरतलब है कि 2020 के दंगों में मुस्तफाबाद सबसे बुरे प्रभावित क्षेत्रों में से एक था। तब दंगों में यहां 53 लोगों की मौत हो गई थी।
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