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प्रमोद बोले…इन लोगों ने जो भी किया… कोई बात नहीं… पुष्कर धामी जिंदाबाद
हल्द्वानी की प्रतिष्ठित रमणीय आज सिंह सीट पर जीत हासिल करने के बाद डॉक्टर छवि कांडपाल बोर के पति और प्रमोद बोरा ने कहा कि चुनाव में यह जीत उनकी नहीं बल्कि समस्त उन क्षेत्र वासियों की है जिन्होंने के बाद चढ़कर वोट देकर यह सिद्ध कर दिया कि सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाला एक व्यक्ति कभी जीवन में असफल नहीं होता है। जनता के बीच उनका जुड़ाव आखिरकार इस जीत के रूप में सामने आया है जिसे वह जनता को ही समर्पित करते हैं। प्रमोद ने कहा कि पनियाली ग्राम सभा के लोगों का जो प्यार उन्हें मिला इसके लिए वह उनके बहुत आभारी हैं. बनियाली ग्राम सभा का जिक्र प्रमोद बोराने दरअसल इसलिए किया क्योंकि वहां से जिला पंचायत अध्यक्ष वर्तमान में और छवि बोरा के खिलाफ चुनाव लड़ रही बेल तोलिया का गढ़ माना जाता है मगर यहां शुरूआती राउंड में ही छवि कांडपाल बोरा काफी वोटो से आगे निकल गई थी।
पत्रकारों के यह पूछने पर कि उनके खिलाफ भाजपा के तमाम बड़े नेताओं और सांसद विधायकों का जोरदार जनसंपर्क था, ऐसे में छवि बोर की जीत को वह किस तरीके से लेते हैं, इस पर प्रमोद बोर का कहना था कि उन लोगों ने जो किया चलिए कोई बात नहीं… हम प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिंदाबाद कहते हैं और कहते थे कहते हैं और कहते ही रहेंगे….।
बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नैनीताल जिले की रामणी आन सिंह सेट इस बार प्रतिष्ठा का सवाल बन गई थी। प्रतिष्ठा का सवाल इसलिए कि इस सीट पर जिला पंचायत की वर्तमान अध्यक्ष बेला तोलिया एक तरफ मैदान में थी. बेलाटोलिया के समर्थन में सभा करने के लिए पूरी भारतीय जनता पार्टी लगी हुई थी. स्थानीय विधायक बंशीधर भगत तो हर वक्त चुनाव प्रचार में थे ही थे सांसद अजय भट्ट ने भी उनके पक्ष में जमकर प्रचार किया था। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ प्रमोद बोर की पत्नी डॉक्टर छवि कांडपाल सामने थी. चुनाव के दौरान इस सीट पर तमाम तरीके का संगम देखने को मिला और सोशल मीडिया समेत तमाम अन्य जगहों पर भी एक दूसरे पर आरोपी की बौछार होते रही। प्रमोद बोर के लिए भी यह चुनाव उनके प्रतिष्ठा से जुड़ गया था। पूरे नैनीताल जिले की अगर बात करें तो इस सीट पर प्रमोद दौर की यह जीत एक तरह से सनसनी ही है। तमाम अन्य सीटों को छोड़कर लोगों का रुझान केवल इस बात पर था कि वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया चुनाव जीती है या हारती हैं. यहां एक और बात स्पष्ट है कि लोग इस जीत को प्रमोद बोर की चुनावी जीत से कम बेला तोलिया की हार को लेकर ज्यादा कयास बाजी लगाने में व्यस्त थे। यानी यह एक ऐसी सीट बन गई है जहां जीत से ज्यादा एक प्रत्याशी की हार के चर्चा ज्यादा हैं।

