उत्तराखण्ड
पिथौरागढ़ में मोदी की दहाड़: पहाड़ का पानी, जवानी यहां के काम नहीं आती….बदलकर रख दूंगा इस अवधारण को, ४२०० करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास, मोदी दौरे को ज्योलिंगकांग से पिथौरागढ़ का पूरा लेखा-जोखा यहां पढ़ें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिथौरागढ़ में 4200 करोड़ की 23 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर शुभारंभ किया। देवभूमि कुमाऊं जय उत्तराखंड..गीत के साथ योजनाएं सामने आईं। इस गीत के बजते वक्त खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार तालियां बजाते रहे। इस दौरान विकास कार्यों को लेकर लघु फिल्म भी दिखाई गई। इससे पहले मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को कुमाऊंनी टोपी पहनाकर उनका स्वागत किया।
ये हैं विकास कार्यों की लिस्ट
८०९ करोड़ सेब खेती, पाली हाउस निर्माण, १२९ करोड़ उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं ५३ करोड़ से सोमेश्वर १०० और चंपावत में ५० बैड का अस्पताल, आपदा प्रबंधन तंत्र के लिए ४७४ करोड़ पुल, फायर के लिए १७८, बलियानाला में भूस्खनल, खेलकूद के लिए ४२ करोड़, हल्द्वानी में एस्ट्रोटर्फ हाकी ग्राउंड, जागेश्वर धाम, नैना देवी मंदिर अवस्थापना विकास कार्य, कनेक्टिविटी विस्तार पांच स्थानों पर सड़क ठीक होंगी। ३९५ से सड़क सुधारीकरण, टू-लेन कार्य, पीएम मार्ग ७६ सड़कें ठीक, ग्रामीण विकास १५ ब्लॉक आफिस बनेंगे, जल जीवन ४६० पेयजल योजनाएं २६० करोड़, आपदा प्रबंधन के लिए २१४ करोड़ से पुल, पिथौरागढ़ में आर्टीफिशियल लेक, पावरग्रिड १३२ करोड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र के पिथौरागढ़ में आयोजित भाषण ….
भारत माता की जय, उत्तराखंड के लोकप्रिय, युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी, केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट, पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, मंत्री, सांसद, विधायक अन्य महानुभाव और देवभूमि के मेरे प्यारे परिवारजनों…आप सभी को प्रणाम। आज तो उत्तराखंड ने कमाल कर दिया, ऐसा दृश्य देखने का सौभाग्य शायद ही पहले किसी को मिला हो, आज सुबह से जहां गया अद्भुत प्यार, अपार आशीर्वाद मिला, ऐसा लग रहा था जैसे स्नेह की गंगा बह रही हो, आध्यात्म और अप्रतीम शौर्य की इस धरा का मैं वंदन करता हूं, वीर माताओं को विशेष रूप से वंदन करता हूं, जब बद्रीनाथ धाम में जब बद्री विशाल का उद्घोष होता है तो गढ़वाल राइफल, गंगोलीहाट में कालिका मां गूंजती हैं तो कुमाऊं रेजीमेोंट के वीरों में अदम्य साहस का संचार होने लगता है। मानसखंड में बागेश्वर, बैजनाथ, नंदादेवी, गोलू देव, पूर्णागिरी, करासरदेवी, कैंची, कटारमल, नामकमत्ता, रीठा साहिब अनगिनत देवस्थानंों की श्रंखला का वैभव हमारे पास बहुत बड़ी विरासत है। राष्ट्र सुरक्षा और वीरों की भूमि पर मैं जब जब आया हूं, जब भी स्मरण किया है मैं धन्य हो जाता हूं। मेरे पविारजनों यहां आने से पहले मुझे पार्वती कुंड और जागेश्वर धाम में पूजा का सौभाग्य मिला, मैंने हर देशवासी के अच्छे स्वास्थ्य और विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करने के लिए और मेरे उत्तराखंड के सारे सपने, संकल्प पूरे हों इसके लिए आशीर्वाद मांगा है, कुछ ही देर पहले मुलाकात सीमा प्रहरी जवानों के साथ हुई है, कुछ स्थानीय कला और स्वयंसेवी से जुड़ी बहन भाई से भी मिला, भारत की समृद्धि, से जुड़े हुए तीनों स्वरूप में इस प्रकार से मेरी नए प्रकार की यात्रा भी जुड़ गई, सभी के दर्शन एक साथ हो गए। उत्तराखंड का सामथ्र्य अद्भुत है, अतुलनीय है, इसीलएि मेरा विश्वास है और विश्वास बाबा केदार के चरणों में व्यक्त किया था, मेरा विश्वास है कि ये दशक उत्तराखंड का दशक होने वाला है और आज मैं आदि कैलाश के चरणों में बैठकर आया और मेरे विश्वास को दोहराता हूं, उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचे, आप लोगों का जीवन आसान हो, इसके लिए हमारी सरकार पूरी ईमानदारी से पूरे समर्पण भाव से और एक ही लक्ष्य लेकर काम कर रही ह।, अभी यहां चार हजार करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का शुभारंभ हुआ है, एक ही कार्यक्रम में चार हजार करोड़ रुपये, मेरे उत्तराखंड के भाई बहन आप कल्पना कर सकते हैं, मैं आप सभी को इन परियोजनाओं के लिए बहुत बधाई देता हूं। मेरे परिवाजनों, मेरे लिए न रास्ते नए हैं, न ही आप सभी साथी नए हैं, उत्तराखंड में अपनेपन की अनुभूति हमेशा मेरे साथ रहती है, और मैं देखता हूं कि आप भी अपनेपन के उसी हक के साथ, आत्मीसयता से मुझसे जुड़े रहते हैं, अनेक साथी उत्तराखंड, दूर गांव के भी चिट्ठी लिखते हैं, हर अच्छे बुरे वक्त पर साथ खड़े रहत ेहैं, परिवार में कोई नए मेहमान का जन्म हुआ हो तो भी खबर भेजते हैं, बेटी पढ़ाई में आगे बढ़ी हो तो भी चिट्ठी लिखते हैं, जैसे पूरे उत्तराखंड परिवार को मैं सदस्य हूं वैसा जुड़ा है। देश जब कोई बड़ी बुलंदी हासिल करता है तभी भी साझा, सुधार की गुंजाइश दिखती है तो बताने में पीछे नहीं रहते हैं बताने में। हाल ही में देश ने लोकसभा, विधानसभा में महिलाओं के लिए ३३ प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का एतिहासिक एक्शन, ३०, ४० साल से मामला लटका था। आप सबके आशीर्वाद से आज भारत विकास की नई बुलंदी की तरफ बढ़ है, पूरी दुयिना में भारत और भारतीयों का गौरव गान हो रहा है। एक समय चारोंं तरफ निराश का माहौल था, पूरा देश जैसे मानो निराशा में डूब गया था, तब हम लोग हर मंदिर में जाकर कामना करते थे कि भारत जल्द से जल्द मुश्किलों से बाहर निकले, हर भारतीय सोचता था कि हजारों करोड़ के घोटालों से देश को मुक्ति मिले, सबकी कामना थी कि भारत का यश बढ़े। आज देखिये चुनौतियों से गिरी दुनिया में भारत की आवाज कितनी बुलंद होती जा रही है, अभी कुछ सप्ताह पहले ही जी २० का इतना बड़ा शानदार आयोजन हुआ, उसमें भी आपने देखा कि कैसे दुनिया ने हम भारतीयों का लोहा माना है, आप मुझे बताएये जब दुनिया भारत का गौरव गान करती है जब डंका बजता है, ….नाम ऊंचा होता है आपको अच्छा लगता है, किसने किया है, ये मोदी ने नहीं किया है, ये सब कुछ आप मेरे रपरिवाजनों ने किया है, इनका यश आप सब जनता को जाता है, क्यों? याद रखिए क्योंकि आपने तीस साल के बाद दिल्ली में स्थिर और मजबूत सरकार बनाकर मुझे आपकी सेवा करने का मौका दिया, आपके वोट की ताकत है जब मैं दुनिया के बड़े लोगों से हाथ मिलाता हूं, आपने देखा होगा, अच्छे से अच्छों से हो रहा है मामला, जब मैं अच्छे अच्छों से हाथ मिलाता हूं, तब बराबर आंख मिलाता हूं, वो मेरी तरफ देखते हैं तो मुझे नहीं १४० करोड़ हिंदुस्तानियों को देखते हैं, मेरे परिवारजनों दूर-सुदूर पहाड़ों पर देश के कोने-कोने में जो लोग रहते हैं हमने उनकी भी चिंता की इसलिए सिर्फ पांच वर्ष में ही देश में साढ़े तेरह करोड़ गरीबी से बाहर आए। साथियो, पहले नारा दिया जाता था गरीबी हटाओ, मतलब आप हटो, मोदी कह रहा है, हम मिलकर गरीबी हटाकर रहेंगे, हम जिम्मेदारी लेते हैं और जी जान से जुट जाते हैं, आज हर तरफ हमारा तिरंगा ऊंचे से ऊूंचा लहरा रहा है। चंद्रयान हमारा जहां पहुंचा है जहां दुनया का कोई भी देश नहीं पहुंच पाया, और भारत ने जहां अपना चटंद्रयान गया है उस स्थान को नाम दिया शिवशक्ति, मेरे उत्तरखंड के लोग शिव शक्ति के नाम से खुश हैं कि नहीं, मन आनंदित हुआ कि नहीं, वहां भी उत्तराखंड की बात पहुंची, शिव शक्ति का भाव यहां मन में होता है दिखाने की जरूरत नहीं क्यों हर जगह पर साक्षात शिव हैं। एशियन गेम्स में उत्तराखंड के भी आठ बेटे बेटियां अपना दमखम दिखाने गए थे, इसमें हमारे लक्ष्य सेन की टीम ने भी मेडल जीता, वंदना कटारिया की टीम ने भी शानदार काम किया, एक काम करेंगे, उत्तराकडं के बचों ने कमाल की है, करेंगे..अपना मोबाइल फोन बाहर निकालएि, उन सबको फ्लश लाइट आन कर उनका अभिनंदन कीजिए, ये हमारे उत्तराखंड के बच्चों का अभवियान है, खिलाडिय़ों का अभिवादन है, फिर से देवभूमि के मेरे युवा बेटे बेटियों को खिलाडिय़ों को बधाई देता हूं, एक नया रंग भर दिया आपने भी आज। भारत के खिलाड़ी देश दुनिया में अपना परचम लहराएं इसके लिए सरकार खिलाडिय़ों की पूरी मदद कर रही है, खिालडिय़ों को खाने पीने से लेकर आधुनिक ट्रेनिंग तक सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। खिलाडिय़ों को दूर नहीं जाना पड़े इसलिए सरकार स्थान-स्थान पर मैदान बनवा रही है, आज भी हल्द्वानी में हॉकी ग्राउंड, रुद्रपुर में एरोड्राम का भी शिलान्यास हुआ है, इसका लाभ मेरे उत्तराखंड के युवाओं को मिलेगा, मैं धामी जी और उनकी पूरी टीम को भी बधाई देता हूं, शुभकामनां राष्ट्रीय खेलों की तैयारी में जुटी हुई है, आपको और टीम को बधाई। मेरे परिवारजनों उत्तराखंड के हर गांव में देश के रक्षक हैं, यहां की वीर माताओ ने वीर पुत्रों को जन्म दिया है जो मेरे देश की रक्षा कर रहे हैं, वन रैंक वन पैंशन की दशकों पुरानी मांग को हमारी सरकार ने पूरा किया, अब तक वन रैंक वन पैंशन के तहत ७० हजार करोड़ से भी ज्यादा पूर्व सैनिकों को दिए हैं, इसका लाभ उत्तराखंड के ७५ हजार से ज्यादा परिवारों को मिला है। हमारी प्राथमिकता बार्डर एरिया विकास की है, जहां पर सुविधाओं का निर्माण बहुत तेज गति से हो रहा है, आप सोच रहे होंगे कि क्या गलती थी, यह काम पहले की सरकारों ने क्यों नहीं किया, गलती आपसे नहीं पहले की सरकार ने इस डर से नहीं विकास किया कि कहीं दुश्मन हमारी सीमा में अंदर न आ जाए, आज का नया भारत हैं, न डरते हैं, न डराते हैं, भारत की पूरी सीमा पर आधुनिक सड़कें, सुरंगे, पुल बन रहे हैं, बीते नौ वर्षों में बार्डर पर ४ हजार दौ सौ किमी से लंबी सड़कें बनाईं गईं, बार्डर किनारे ढाई से बड़े पुल, २२ सुरंगे, आज भी तमाम पुलों का शिलान्यास हुआ, ट्रेनों को भी बॉर्डर तक लेकर आने की तैयारी कर रहे हैं, इस बदली हुई सोच का लाभ उत्तराखंड को भी मिलने का रहा है। पहले सीमावर्ती गांवोंको अंतिम गांव माना जाता था, जो अंतिम है विकास के मामले में भी उसका नंबर आखिर में आता था। यह एक पुरानी सोच थी मगर हमने गांवों को अंतिम नहीं देश के पहले गांव के रूप में विकसित करना शुरू किया, बाइव्रेट विलेज के तहत उनका विकास किया जा रहा है, कोशिश यही है यहां से जो पलायन कर गए वो फिर लौटकर आ जाएं, चाहते हैं गांवों में पर्यटन का विस्तार हो, पुरानी कहावत है, पहाड़ का पानी, पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती, मैने संकल्प लिया है कि मैं इस अवधारण को बदलकर रख दंूगा। आपने भी देखा है कि अतीत की गलतियों के कारण उत्तराखंड के गांव वीरेान हो गए, हर चीज का अभाव जिसके कारण लोगों को अपना घर छोडऩा पड़ा, अब स्थितियां बदल रही हैं, जैसे नए अवसर बन रहे हैं, सुविधाएं बन रही हैं, अनेक लोग लौट रहे हैं, डबल इंजन सरकार का प्रयास बिजली, सड़क, अस्पताल, स्कूल, मोबाइल टावर पर बड़ा निवेश किया जा रहा है।
इससे पहले इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि २०१४ के बाद देश में विकास की गंगा बह रही है। प्रधानमंत्री पूर्व में उत्तराखंड में केदारखंड में पहुंचे थे वहां विकास की गंगा बही। अब मानसखंड की यात्रा के बाद यहां का भी विकास निश्चित रूप से ऊंचाइयां छुएगा। कहा कि २०१४ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यभार ग्रहण करने के बाद देश की प्रगति हुई और भारत विश्व गुरु बनने की ओर बढ़ रहा है और देश का मान सम्मान वैश्विक पटल पर बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों जी २० सम्मेलन में देश का मान सम्मान और पहचान बढ़ी है। कहा कि जी २० सम्मेलन में गया था, आभार व्यक्त करना चाहता हूं, तीन-तीन समिट दीं, जिस प्रकार दिल्ली घोषणा पत्र सहमति हुई, उत्तराखंड में निवेश आए वहां, सरकार के मंत्रियों से मिला, जी २० की चर्चा करने पर सीना फूल रहा था
जी २० स्पीकर्स की समिट के चलते नहीं पहुंचे मायावती
प्रधानमंत्री नरेंद्र अद्वैत आश्रम मायावती दिल्ली में शुक्रवार को जी २० देशों के स्पीकरों की बैठक के चल ते नहीं जा पाए। अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें आश्रम से बहुत लगाव है, और कोशिश होगी कि वह जल्द ही यहां दर्शन करने आएंगे।
जागेश्वर में सैकड़ों साल पुराने वर्ष को देख अभिभूत हुए पीएम मोदी
उत्तराखंड की यात्रा के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार दोपहर पौने दो बजे जागेश्वर धाम पहुंच गए हैं। शौकियाथल इंटर कालेज मैदान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयर फोर्स के हैलीकॉप्टर से उतरे। उनके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह कोश्यारी भी यहां पहुंचे। यहां से प्रधानमंत्री का काफिल करीब १२ किमी की यात्रा करने के बाद जागेश्वर पहुंचा। जागेश्वर धाम पहुंचते ही प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया गया। जागेश्वर धाम के मुख्य द्वार पर जागेश्वर मंदिर के पुजारियों के दल ने वेद मंत्रोच्चार के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने मंदिर परिसर में पूजा अर्चना की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने यहां लगी एक प्रदर्शन का अवलोकन किया जिसमें उत्तराखंड के तमाम स्थानों के चित्र अंकित थे। मुख्यमंत्री धामी ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। प्रधानमंत्री ने यहां वर्षों पुराने देवदार के वृक्ष का भी अवलोकन किया जिसके बारे में मुख्य सचिव ने उन्हें जानकारी दी। इस दौरान सांसद अजट टम्टा भी मौजूद थे।
मोदी का देवदर्शन, देवभूमि में नमो नमो…
मनोज लोहनी
देवों की भूमि में गुरुवार का खास महत्व था। यहां हिमालय की श्रंखलाओं से निकल रहा तेज, साफ आसमान और चमकते शिखर जिनके आगे आज फिर वही नरेंद्र था जो आज से बरसों पहले इन्हीं शिखरों से शिखर जैसा संकल्प और निडर होने का मंत्र लेकर चला था। ऊं पर्वत जैसा धैर्य धारण कर उसने यह भी बताया कि शक्ति को खुद में समाहित कर शिव सा होने होने के क्या अर्थ हैं। भारतीय राजनीति में आए दिन कड़वी बातों का कड़वा घूंट पीकर एक शब्द भी न बोलना और विषधर बन जाता भी शायद नरेंद्र यहीं से सीखे जहां से वह फिर भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष नरेंद्र मोदी बनकर निकले, जिसके ईर्द-गिर्द आज देश ही नहीं वैश्विक राजनीति भी घूमती दिखती है।
देश सेवा के लिए कोई आदमी अपना जीवन जब समर्पण करने के भाव में आता है तो वह त्याग अथाह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने दिनों की बातें जब होती हैं तो उनमें इस बात का जिक्र जरूर होता है कि उन्होंने हिमालयी क्षेत्र यानि बदरीनाथ, केदारनाथ समेत तमाम स्थानों पर एक वक्त लंबा समय व्यतीत किया। इसका अंदाजा तब भी हुआ जब उन्होंने अपने केदारनाथ दौरे के दौरान एक पूरी रात गुफा में बिताई थी। यह बात तब की है जब प्रधानमंत्री पूरी तरह मुख्य धारा की राजनीति से दूर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के माध्यम से देश सेवा में तल्लीन थे। गुरुवार को जब प्रधानमंत्री जोलिंगकांग में थे तब यह बातें अनायास ही सामने आईं कि हिमालय में रहकर ही उन्होंने हिमालय जैसा साहस, धैर्य और विशाल हृदयता पाई।
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब जोलिंगकांग से ऊं पर्वत को निहार रहे थे वह दृश्य फिर एक संकल्प ही था ठीक ऊं पर्वत जैसा। प्रधानमंत्री का देवभूमि से लगाव और भगवान बदरीनाथ, केदारनाथ समेत तमाम स्थानों पर वह इससे पहले भी कई बार आ चुके हैं, मगर उनका आज का दौरा बेहद खास माना जा रहा है। देवभूमि में प्रधानमंत्री मोदी देवदर्शन करने आए तो जाहिर है पूरे उत्तराखंड में नमो-नमो की स्थिति थी, इसलिए कि यहां आकर उन्होंने वह राज्य को ४२०० करोड़ की सौगात भी दे रहे हैं। जोलिंगकांग, गूंजी, शौकियाथल, जागेश्वर होते हुए प्रधानमंत्री मोदी जब पिथौरागढ़ पहुंचकर जब जनसभा को संबोधित करेंगे, उससे पूर्व तमाम योजनाओं की सौगात देवभूमि को मिलेगी। देश-दुनिया के लिए जोलिंगकांग, गूंजी अब तक लगभग अनभिज्ञ ही रहा है, मगर स्थानीय लोगों को अब इस बात का पक्का भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा इस सीमांत क्षेत्र में अब पर्यटन के लिए संभावनाओं के नए द्वार भी खोलेगा। यहां अब तक आने वाले पर्यटकों की संख्या सीमित ही रहती है, मगर अब यह स्थान देश-दुनिया के लोगों के लिए अनजान नहीं रह गए हैं।
इसी तरह राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक पवित्र जागेश्वर धाम की भी है जहां प्रधानमंत्री पहुंचना अल्मोड़ा जिले के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जागेश्वर धाम अब तक धार्मिक पर्यटन के साथ ही पर्यटन की तमाम असुविधाओं से भी जूझ रहा है, मगर प्रधानमंत्री का दौरा क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा यह स्थानी लोगों का कहना है। जागेश्वर विधानसभा से पूर्व में विधायक का चुनाव लड़ चुके सुभाष पाण्डेय का कहना है कि प्रधानमंत्री का दौरा क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य का विकास अपने पथ पर है और उनके कार्यकाल में प्रधानमंत्री के राज्य में जो दौरे हो रहे हैं, उससे राज्य के विकास को नई गति मिलेगी ऐसा तय है। जागेश्वर निवासी पूर्व ज्येष्ठ उप-प्रमुख हरीश भट्ट का कहना है कि क्षेत्र के लोगों को प्रधानमंत्री के दौरे का बेसब्री से इंतजार रहा है। देश ही विदेश के लोगों के लिए भी जागेश्वर धार्मिक महत्व के हिसाब से महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अब प्रधानमंत्री के यहां आने से यहां लोगों के रोजगार को और पंख लगेंगे।
जागेश्वर दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे पिथौरागढ़ का रुख कर रहे हैं। यहां नैनी-सैनी हवाई पट्टी बहुत समय से पहचान के इंतजार में है। अब उनके यहां पहुंचने के बाद यहां के पर्यटन को भी नई ऊंचाई मिलेगी ऐसा माना जा रहा है।
मनोज लोहनी
देवों की भूमि में गुरुवार का खास महत्व था। यहां हिमालय की श्रंखलाओं से निकल रहा तेज, साफ आसमान और चमकते शिखर जिनके आगे आज फिर वही नरेंद्र था जो आज से बरसों पहले इन्हीं शिखरों से शिखर जैसा संकल्प और निडर होने का मंत्र लेकर चला था। ऊं पर्वत जैसा धैर्य धारण कर उसने यह भी बताया कि शक्ति को खुद में समाहित कर शिव सा होने होने के क्या अर्थ हैं। भारतीय राजनीति में आए दिन कड़वी बातों का कड़वा घूंट पीकर एक शब्द भी न बोलना और विषधर बन जाता भी शायद नरेंद्र यहीं से सीखे जहां से वह फिर भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष नरेंद्र मोदी बनकर निकले, जिसके ईर्द-गिर्द आज देश ही नहीं वैश्विक राजनीति भी घूमती दिखती है।
देश सेवा के लिए कोई आदमी अपना जीवन जब समर्पण करने के भाव में आता है तो वह त्याग अथाह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने दिनों की बातें जब होती हैं तो उनमें इस बात का जिक्र जरूर होता है कि उन्होंने हिमालयी क्षेत्र यानि बदरीनाथ, केदारनाथ समेत तमाम स्थानों पर एक वक्त लंबा समय व्यतीत किया। इसका अंदाजा तब भी हुआ जब उन्होंने अपने केदारनाथ दौरे के दौरान एक पूरी रात गुफा में बिताई थी। यह बात तब की है जब प्रधानमंत्री पूरी तरह मुख्य धारा की राजनीति से दूर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के माध्यम से देश सेवा में तल्लीन थे। गुरुवार को जब प्रधानमंत्री जोलिंगकांग में थे तब यह बातें अनायास ही सामने आईं कि हिमालय में रहकर ही उन्होंने हिमालय जैसा साहस, धैर्य और विशाल हृदयता पाई।
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब जोलिंगकांग से ऊं पर्वत को निहार रहे थे वह दृश्य फिर एक संकल्प ही था ठीक ऊं पर्वत जैसा।
प्रधानमंत्री का देवभूमि से लगाव और भगवान बदरीनाथ, केदारनाथ समेत तमाम स्थानों पर वह इससे पहले भी कई बार आ चुके हैं, मगर उनका आज का दौरा बेहद खास माना जा रहा है। देवभूमि में प्रधानमंत्री मोदी देवदर्शन करने आए तो जाहिर है पूरे उत्तराखंड में नमो-नमो की स्थिति थी, इसलिए कि यहां आकर उन्होंने वह राज्य को ४२०० करोड़ की सौगात भी दे रहे हैं। जोलिंगकांग, गूंजी, शौकियाथल, जागेश्वर होते हुए प्रधानमंत्री मोदी जब पिथौरागढ़ पहुंचकर जब जनसभा को संबोधित करेंगे, उससे पूर्व तमाम योजनाओं की सौगात देवभूमि को मिलेगी। देश-दुनिया के लिए जोलिंगकांग, गूंजी अब तक लगभग अनभिज्ञ ही रहा है, मगर स्थानीय लोगों को अब इस बात का पक्का भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा इस सीमांत क्षेत्र में अब पर्यटन के लिए संभावनाओं के नए द्वार भी खोलेगा। यहां अब तक आने वाले पर्यटकों की संख्या सीमित ही रहती है, मगर अब यह स्थान देश-दुनिया के लोगों के लिए अनजान नहीं रह गए हैं।
इसी तरह राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक पवित्र जागेश्वर धाम की भी है जहां प्रधानमंत्री पहुंचना अल्मोड़ा जिले के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जागेश्वर धाम अब तक धार्मिक पर्यटन के साथ ही पर्यटन की तमाम असुविधाओं से भी जूझ रहा है, मगर प्रधानमंत्री का दौरा क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा यह स्थानी लोगों का कहना है। जागेश्वर विधानसभा से पूर्व में विधायक का चुनाव लड़ चुके सुभाष पाण्डेय का कहना है कि प्रधानमंत्री का दौरा क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य का विकास अपने पथ पर है और उनके कार्यकाल में प्रधानमंत्री के राज्य में जो दौरे हो रहे हैं, उससे राज्य के विकास को नई गति मिलेगी ऐसा तय है। जागेश्वर निवासी पूर्व ज्येष्ठ उप-प्रमुख हरीश भट्ट का कहना है कि क्षेत्र के लोगों को प्रधानमंत्री के दौरे का बेसब्री से इंतजार रहा है। देश ही विदेश के लोगों के लिए भी जागेश्वर धार्मिक महत्व के हिसाब से महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अब प्रधानमंत्री के यहां आने से यहां लोगों के रोजगार को और पंख लगेंगे।
जागेश्वर दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे पिथौरागढ़ का रुख कर रहे हैं। यहां नैनी-सैनी हवाई पट्टी बहुत समय से पहचान के इंतजार में है। अब उनके यहां पहुंचने के बाद यहां के पर्यटन को भी नई ऊंचाई मिलेगी ऐसा माना जा रहा है।
अपने गुंजी दौरे के दौरान यहां पर स्थानीय निवासियों ने प्रधानमंत्री का पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन के साथ स्वागत किया। उन्होंने हिमालय की हसीन वादियों के बीच ढोल दमाऊ पर थाप दी तो माहौल शानदार हो गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी ढोल पर हाथ आजमाया। उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी यहां रंग संस्था के कार्यक्रम में पूरी तरह से यहां की संस्कृति से जैसे रच बस से गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुंजी गांव में उत्तराखंड के पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र पर हाथ आजमाया। ीएम मोदी स्थानीय कलाकारों, भारतीय सेना, आईटीबीपी और बीआरओ कर्मियोंं के साथ भी बातचीत की।
ज्योलिंगकांग से गुंजी पहुंचे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदि कैलाश के दशज़्न के बाद ज्योलिंगकांग से गुंजी पहुंच गए हैं। यहां पर रं समाज के लोग ढोल नगाड़ों के साथ उनका स्वागत कर रहे हैं।
पिथौरागढ़ पहुंची कांग्रेस की महिला अध्यक्ष नजरबंद
पिथौरागढ़ पहुंची महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला को पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। ज्योति रौतेला का कहना है कि जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो सकते हैं वहां विपक्ष नहीं हो सकता है क्या। पुलिस की इस तरह की कारज़्वाई निंदनीय है। गुरुवार को महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष भावना नगरकोटी के घर पहुंची महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला को पुलिस ने मौके पर पहुंचकर नजरबंद कर दिया। ज्योति रौतेला का कहना है कि इस तरह की कारज़्वाई निंदनीय है। पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कायज़्क्रम को लेकर नजरबंद किया है। पुलिस को अंदेशा था कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में विरोध किया जा सकता है। ज्योति रौतेला का कहना है कि क्या जहां प्रधानमंत्री होंगे वहां विपक्ष के नेता नहीं जा सकते हैं। वह सुबह घर में सोए हुए थे अचानक पुलिस का इस तरह से आकर कारज़्वाई करना गलत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपने एक दिनी दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे हैं तो यहां पहुंचकर वह देवभूमि के रंग में पूरी तरह रंग गए। राज्य के तमाम लोगों की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रधानमंत्री मोदी देवभूमि को क्या सौगात देकर जाते हैं। फिलवक्त मोदी गुंजी में भ्रमण पर हैं जहां वह स्थानीय व्यापारियों के उत्पाद देख रहे हैं। मोदी के दौरा लगातार लाइव कस्तूरी न्यूज पर…
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड के एक दिवसीय दौरे पर पिथौड़ागढ़ पहुंचे जहां उन्होंने भगवान शिव के धाम आदि कैलाश चोटी के दर्शन किए और पार्वती कुंड पहुंचकर पूजा—अर्चना की । अपने दिन भर के दौरे के दौरान सीमांत गुंजी गांव भी जाएंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री अल्मोड़ा में भगवान शिव के एक और प्रसिद्ध धाम जागेश्वर भी जाएंगे । जागेश्वर से वह वापस पिथौरागढ़ जाएंगे जहां वह एक जनसभा को संबोधित करेंगे । इस दौरान वह करीब 4200 करोड़ रूपये की लागत की योजनाओं का शिलान्यास तथा लोकार्पण भी करेंगे।
पिथौरागढ़ में पीएम मोदी का भव्य स्वागत
पीएम मोदी के स्वागत के लिए पिथौरागढ़ शहर तैयार है जहां नैनी सैनी हवाईअड्डे से जनसभा स्थल तक छह किलोमीटर लंबी सड़क को राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृतियों को दर्शाते भित्तिचित्रों और चित्रकारी से सजाया गया है । पीएम मोदी ने अपने दौरे की शुरूआत जोलिंगकोंग में भगवान शिव के धाम आदि कैलाश चोटी के दर्शन के साथ की । उसके बाद प्रधानमंत्री गुंजी गांव जाएंगे जहां वह स्थानीय लोगों तथा सुरक्षा बलों के जवानों से मिलेंगे ।
जागेश्वर धाम में भगवान शिव की करेंगे पूजा
अधिकारियों ने बताया कि उसके बाद प्रधानमंत्री अल्मोड़ा के प्रसिद्ध जागेश्वर धाम जाकर भगवान शिव की पूजा करेंगे और फिर पिथौरागढ़ शहर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 अक्टूबर को आदि कैलाश और पार्वती ताल के दर्शन करेंगे । उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री जी इस क्षेत्र को विभिन्न विकास योजनाओं की सौगात देंगे और उनके आगमन से आदि कैलाश पर्यटन क्षेत्र को भी एक नई पहचान प्राप्त होगी ।’’
गुंजी में पारंपरिक रूप से स्वागत
पिथौरागढ़ में प्रधानमंत्री के हवाई अडडे से जनसभा स्थल एसएस वल्दिया स्पोर्टस स्टेडियम तक पहुंचने के रास्ते में कई जगह उनका स्वागत करने के लिए कुमांउ के सभी कोनों से सांस्कृतिक दलों को बुलाया गया है । गुंजी में प्रधानमंत्री का ‘रं’ जनजाति के लोगों द्वारा पारंपरिक रूप से स्वागत किया जाएगा जहां उन्हें पारंपरिक पगड़ी और शरीर के उपरी क्षेत्र में पहना जाने वाला वस्त्र ‘रंगा’ दिया जाएगा ।
पौने दो बजे जनसभा को करेंगे संबोधित
‘रं’ कल्याण संस्था के संरक्षक अशोक नबियाल ने बताया कि प्रधानमंत्री को नेपाली व्यापारियों द्वारा मानसरोवर झील से लाया गया पवित्र जल भी भेंट किया जाएगा । गुंजी में स्थानीय लोगों तथा सुरक्षा बलों से भेंट करने के बाद प्रधानमंत्री अल्मोड़ा में जागेश्वर धाम पहुंचेंगे । इसके बाद प्रधानमंत्री करीब पौने दो बजे पिथौरागढ़ पहुंचेंगे जहां वह जनसभा को संबोधित करेंगे ।