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सरकारी प्राथमिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों के एक लाख छात्र-छात्राओं को छह माह में फर्नीचर: धन सिंह

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देहरादून : शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि छह माह के भीतर सरकारी प्राथमिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों के एक लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं को फर्नीचर उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर करीब 24 करोड़ की राशि खर्च होगी। प्राथमिक शिक्षकों के 2650 से ज्यादा और एलटी व प्रवक्ता के करीब 2500 पदों पर भर्ती एक से दो माह के भीतर संपन्न कराई जाएगी।

धन की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा

गुरुवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में शिक्षा मंत्री डा. रावत ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में संसाधनों की उपलब्धता पर विशेष जोर दिया जा रहा है। शिक्षकों को चाक-डस्टर जैसी आवश्यकता की पूर्ति के साथ ही पुस्तकालय और खेलकूद के लिए धन की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा।

चाक-डस्टर के लिए 30 तक छात्रसंख्या पर 10 हजार रुपये, 30 से 100 छात्रसंख्या पर 25 हजार रुपये, 101 से 200 छात्रसंख्या पर 75 हजार रुपये और 1000 तक छात्रसंख्या वाले विद्यालयों को एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी।

इसी तरह पुस्तकालयों के लिए प्राथमिक विद्यालय को 5000 रुपये, उच्च प्राथमिक विद्यालय को 10 हजार रुपये, हाईस्कूल को 15 हजार रुपये और इंटर कालेज को 20 हजार रुपये दिए जाएंगे।

पुस्तकालयों में 80 प्रतिशत पुस्तकें नेशनल बुक ट्रस्ट और 20 प्रतिशत पुस्तकें स्थानीय लेखकों की होंगी। स्थानीय लेखकों के चयन को विभागीय समिति गठित की जाएगी। खेलकूद आयोजन के लिए विद्यालयों को धन की कमी नहीं होगी।

विद्यालयों को वित्तीय संकट से राहत

प्राथमिक विद्यालय को पांच हजार रुपये, उच्च प्राथमिक विद्यालय को 10 हजार रुपये, हाईस्कूल को 15 हजार रुपये और इंटर कालेज को 20 हजार रुपये दिए जाएंगे। विद्यालयों में रंगाई-पुताई, बिजली कनेक्शन, दीवारों पर ध्येय वाक्य लिखने के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इस बार राज्य को मिलने वाली समग्र शिक्षा अभियान की राशि में 25 प्रतिशत की वृद्धि होगी। 1200 करोड़ की वार्षिक कार्ययोजना तैयार की जा रही है। 1000 विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाएं इसी सत्र में शुरू होंगी। अगले शैक्षिक सत्र से पाठ्यपुस्तकों का समय पर वितरण सुनिश्चित किया जाएगा।

प्रधानाचार्य के पद विभागीय परीक्षा से भरेंगे

उन्होंने बताया कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में एक से अधिक स्थानों पर नियुक्ति का विकल्प समाप्त किया जा रहा है। एक ही विकल्प मिलेगा। शिक्षकों के रिक्त पद इसी माह भरे जाएंगे। एलटी के 1400 पदों पर भर्ती जल्द पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रवक्ता के रिक्त 550 पदों और पदोन्नति के 600 पदों को 31 मई तक भरा जाएगा। प्रधानाचार्यों के रिक्त 950 पदों को भरने के लिए नीति तय की जा रही है। 50 प्रतिशत पद पदोन्नति और 50 प्रतिशत पद विभागीय परीक्षा से भरे जाएंगे। इसका प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा।

चतुर्थ श्रेणी के 2400 पद होंगे पुनर्जीवित

खंड शिक्षाधिकारियों के 52, उपखंड शिक्षाधिकारियों के 45, उप निदेशक के 23, संयुक्त निदेशक के तीन और अपर निदेशक के दो रिक्त पदों को इसी माह पदोन्नति से भरा जाएगा। शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पुनर्जीवित कर उन्हें आउटसोर्स से भरा जाएगा।

स्वच्छक, परिचारक के 2400 रिक्त पदों को जल्द भरने के निर्देश दिए गए हैं। लिपिकों के रिक्त 800 पद जल्द भरेंगे। अटल आदर्श विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर की जाएगी।

जिलों में हफ्तेभर में शिक्षाधिकारियों की तैनाती

शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर सभी जिलों में मुख्य शिक्षाधिकारी के साथ जिला शिक्षाधिकारी के रिक्त पद भरे जाएंगे। छोटे जिलों में एक जिला शिक्षाधिकारी की तैनाती की जाएगी। डायट, नवोदय विद्यालय, एससीईआरटी और सीमेट के लिए नियमावली तैयार की जा रही है।

500 माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इसी सत्र से इसे लागू किया जाएगा। अच्छा कार्य करने वाले शिक्षकों के साथ गोष्ठी की जाएगी।

हाईस्कूल-इंटर परीक्षाफल 90 प्रतिशत करने का लक्ष्य

शिक्षा की गुणवत्ता के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में उन्होंने बताया कि हाईस्कूल और इंटर के परीक्षाफल के लिए 90 प्रतिशत का लक्ष्य दिया गया है। बीते वर्ष हाईस्कूल में 76 प्रतिशत और इंटर में 78 प्रतिशत परीक्षाफल रहा था। नौवीं कक्षा में कमजोर प्रदर्शन वाले छात्र-छात्राओं को पदोन्नत करने की प्रवृत्ति को हतोत्साहित किया जाएगा।

नौवीं में मासिक परीक्षा के माध्यम से पढ़ाई में कमजोर छात्र-छात्राओंं को उपचारात्मक शिक्षण की मदद दी जाएगी। ड्रापआउट की समस्या के निराकरण को अलग प्रकोष्ठ गठित किया जाएगा। विद्यालयों में सकल नामांकन दर 102 से बढ़ाकर 112 करने का लक्ष्य रखा गया है। नेत्रहीन छात्र-छात्राओं के लिए ब्रेल लिपि में पढ़ाई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकारी विद्यालयों में यह व्यवस्था नहीं होने पर अन्य संस्थानों की मदद ली जाएगी।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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