स्वास्थ्य
ऑन्कोलॉजी रिहैब एक नया और अनोखा विषय:डॉ. कौल
टीएमयू में डॉ. आनंदाबाई का कैंसर फिजियो पर व्याख्यान
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फिजियोथेरेपी विभाग की ओर से कैंसर पुनर्वास पर आयोजित अतिथि व्याख्यान में सुभारती यूनिवर्सिटी फिजियोथेरेपी कॉलेज, मेरठ की डीन डॉ. जासमीन आनंदाबाई ने बतौर मुख्य अतिथि कैंसर के प्रकार और उससे प्रभावित होने वाले शरीर के अंगों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने सिर, गले, पेट आदि के कैंसर के लक्षणों पर प्रकाश डालते हुए इनके इलाज के लिए कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और सर्जरी के बारे में गहनता से बताया। इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रतिबंधक रिहैब, सहयोग रिहैब, पुष्टिकर रिहैब आदि के बारे में बताया। अंत में उन्होंने कैंसर रोग के इलाज में फिजियोथेरेपी के नए एवम् अद्भुत तरीके बताए। इससे पूर्व मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके अतिथि व्याख्यान का शुभारंभ हुआ। फिजियोथेरेपी विभाग की एचओडी डॉ. शिवानी एम. कौल ने अतिथि को स्मृति चिन्ह दिया। एक घंटे के इस व्याख्यान में सवाल-जवाब का दौर भी चला।
डॉ. आनंदाबाई ने टयूमर, नोड, मलिग्नेंसी-टीएनएम की स्टेजिंग बर्ताइं। उन्होंने कहा, सिर, गले और मुंह के कैंसर में निगलने खाने-पीने और सांस लेने में परेशानी होती है। स्तन के कैंसर में फेफड़े में भारी जोखिम होने के आसार रहते हैं। पेट के कैंसर में पाचन क्रिया प्रभावित होती है। निगलने के उपचार के लिए पेय पदार्थ नहीं बल्कि अर्द्ध ठोस पदार्थ दिए जाते हैं। उन्होंने लिम्फेडेमा के बारे में भी बताया। इसमें मसाजथेरेपी नहीं दी जाती है। डॉ. शिवानी एम. कौल ने बताया, ऑन्कोलॉजी रिहैब एक नया और अनोखा विषय है, जिससे अधिकतर लोग अनजान है। कार्यक्रम में डॉ. कोमल नागर, डॉ. उज़मा सैयद, डॉ. अंकिता सक्सेना, डॉ. प्रिया शर्मा के साथ-साथ एमपीटी और बीपीटी के छात्र-छात्राओं की मौजूदगी रही । अंत में डॉ. फरहान खान ने अतिथि का आभार व्यक्त किया। संचालन छात्रा उमरा खान ने किया।

