उत्तराखण्ड
10 मार्च को तीन तरीकों से गिने जाएंगे वोट, क्या हैं ये तीन माध्यम
हल्द्वानी: उत्तराखंड में 10 मार्च का सबको बेसब्री से इंतजार है। इस दिन माननीयों के भाग्य का फैसला होगा। प्रदेश की किसकी सरकार चुनी जाएगी यह तय होगा। मतगणना के लिए पुलिस-प्रशासन मुस्तैद है। मतगणना में तीन तरह से हुई वोटिंग की गिनती की जाएगी। आइए जानते हैं मतगणना के ये तीन तरीके कौन से हैं-
1- ईटीपीबीएस
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि दस मार्च को तीन तरीकों (ईटीपीबीएस, पोस्टल बैलेट और ईवीएम) से मतों की गिनती होगी। पहला है ETPBS अर्थात इलेक्ट्रानिक ट्रांसमिशन पोस्टल बैलेट सिस्टम (Electronically Transmitted Postal Ballot System) इसका प्रयोग उन सर्विस वोटरों के लिए किया जाता है, जो कि देश की अलग-अलग जगहों पर तैनात हैं। जैसे सेना, सीआरपीएफ व बीएसफ आदि। जिन लिफाफों में यह वोट पहुंचे हैं। उनमें एक क्यूआर कोर्ड अंकित होता है। इस वर्ग के मतों की गिनती से पहले क्यूआर कोर्ड की स्क्रीनिंग की जाती है। इससे वोट की वास्तिवकता पता चलती है।
2- पोस्टल बैलेट या डाक मत पत्र
जैसा कि नाम से स्पष्ट हो रहा है कि यह मत पत्र होगा। इसमें पहले जैसे ही बैलेट पेपर होगा जिस पर हम मतदान करते हैं। यह दिव्यांग, बुजुर्ग, चुनाव ड्यूटी में लगे लोग जो बूथ पर मौजूद नहीं हो सकते या पा रहे हैं उनके लिए आयोग ने व्यवस्था की है। इन्हें Service voters या absentee voters भी कहा जाता है।
3- ईवीएम
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से वोटिंग व काउंटिंग दोनों में बैलेट पेपर की तुलाना में कम समय लगता है। यह मतपत्र की अपेक्षाकृत पारदर्शी प्रणाली भी है। ईवीएम से एक व्यक्ति-एक वोट का सिद्धांत पूरी तरह से लागू हाेता है। कोई भी एक से अधिक वोटिंग नहीं कर सकता। एक ईवीएम में अधिकतम 3840 मतों को रिकॉर्ड किया जा सकता है और एक ईवीएम में अधिकतम 64 उम्मीदवारों के नाम अंकित किए जा सकते हैं। अब प्रत्याशियों के फोटो भी अंकित रहते हैं।
मतगणना की तैयारी
कमिश्नर रावत ने मतगणना अधिकारी-कर्मचारियों को निर्देश दिया कि वीवीपैट की पर्चियों की गिनती के दौरान पिंजरा टाइप जालियों से कवर किया जाए। ताकि पर्चियां इधर-उधर न बिखरे। इसके अलावा दस मार्च को रूट डायवर्जन की जानकारी लोगों तक पहुंचाने को कहा। कमिश्नर ने सभी आरओ से कहा मतगणना का चक्रवार परिणाम मीडिया सेंटर को समय से उपलब्ध करवाए।