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हल्द्वानी मेयर: अब परख खुद भाजपा के जौहरियों की…24 कैरेट शुद्ध प्रत्याशी लाने की चुनौती सामने और गजराज की चर्चा के पीछे क्या है राज… रोचक रिपोर्ट

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मनोज लोहनी, हल्द्वानी। परख तो जौहरी करते हैं मगर यहां जौहरियों की परख होने वाली है… परख भारतीय जनता पार्टी के उन जौहरियों की जिन्हें अब हल्द्वानी में नगर निगम की सीट पर प्रत्याशी का चयन करना है। तो अब तक क्या सब कुछ साफ और कई परिस्थितियों के हिसाब से ही आगे बढ़ रहा था…। ऐसा होता हुआ दिखा और उसमें फिर बिघ्न भी आया और अंततः ऐसा हुआ भी। यह बात व्यापारी नेता नवीन चंद्र वर्मा के परिप्रेक्ष्य में कही जा रही है जिन्होंने अंततः कल भाजपा की सदस्यता ले ली।

अब जरा बदली हुई स्थिति पर गौर करें…परिस्थितियां इसलिए बदल गई हैं कि पूर्व दर्जा मंत्री गजराज सिंह बिष्ट के समर्थकों ने उन्हें प्रत्याशी बनाने की मांग आगे कर दी है। इस मुद्दे पर आज के दैनिक जागरण को देखें जहां पूर्व दर्जा मंत्री गजराज सिंह बिष्ट से संबंधित खबर को लीड खबर बनाया गया है.

अगर ऐसा है तब तो यह बात साफ है कि, अब भाजपा की जोहरियों की परख होगी इसीलिए हम ऐसा कह रहे हैं। गजराज सिंह के समर्थक दैनिक जागरण की इस कटिंग के साथ ही तमाम अन्य सारी बातों को सोशल मीडिया पर जमकर प्रसारित कर रहे हैं। हल्द्वानी नगर निगम की सीट जब अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुई तो उसे समय ज्यादा हलचल इसलिए नहीं मची की शायद ही बहुत कम लोगों को पता था कि गजराज सिंह बिष्ट अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण की श्रेणी में आ रहे हैं। हालांकि खुद गजराज सिंह बिष्ट इस बारे में कुछ कहने को तैयार नहीं है और कई बार प्रयास के बाद भी उनका फोन नहीं उठा। मगर उनके समर्थक इस मुद्दे पर पूरी तरह से अब सामने आने लगे हैं।

भाजपा के अंदरूनी सूत्र बता रहे हैं कि नवीन चंद्र वर्मा की जॉइनिंग के पीछे उन्हें नगर निगम मेयर के लिए प्रत्याशी बनाया जाना है। सूत्रों के मुताबिक नवीन चंद्र वर्मा को भारतीय जनता पार्टी में लाने के पीछे कालाढूंगी के विधायक बंशीधर भगत का बड़ा हाथ बताया जा रहा है। अब अगर कालाढूंगी विधानसभा की बात करें तो इस सीट पर बंशीधर भगत के स्थान पर खुद को विधायक का टिकट देने के लिए पिछले दो विधानसभा चुनाव में गजराज सिंह बिष्ट ने एड़ी चोटी का जोर लगाया था। इस विधानसभा चुनाव में तो उन्होंने बाकायदा कालाढूंगी सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर ली थी और एक बहुत बड़ी जनसभा का भी आयोजन किया था। मगर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जब गजराज सिंह बिष्ट को मनाने उनके घर पहुंचे तो तब उन्होंने इस बात पर हम ही भारी कि वह कालाढूंगी सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। यानी कालाढूंगी सेट को लेकर विधायक बंशीधर भगत और पूर्व दर्जा राज्य मंत्री गजराज सिंह बिष्ट के बीच का प्रेम किसी से छिपा हुआ नहीं है।

तो हल्द्वानी के राजनीतिक कार्यकर्ता इस बात पर चर्चा करते हुए दिख रहे हैं कि अगर नवीन चंद्र वर्मा की भाजपा में जॉइनिंग विधायक बंशीधर भगत ने कराई है और दूसरी तरफ अगर गजराज सिंह बिष्ट मेयर पद की दावेदारी करते हैं तो यह मामला एक बार फिर बंशीधर भगत बनाम गजराज सिंह बिष्ट का बनता हुआ ही नजर आ रहा है। कल भाजपा संभाग कार्यालय में नवीन चंद्र वर्मा के पक्ष में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के तमाम बड़े नेता नजर आए उसे यह तो साफ लग रहा है कि यह सब इस बात को लेकर पूरी तरह से नवीन चंद्र वर्मा को समर्थन कर रहे हैं कि उन्हें ही भारतीय जनता पार्टी नगर निगम प्रत्याशी बनायेगी।

मगर सवाल यह खड़ा होता है कि अगर गजराज सिंह बिष्ट मेयर की दावेदारी करते हैं तो फिर इस राजनीतिक समीकरण का क्या होने वाला है। वैसे भी तीन विधानसभाओं में शामिल हल्द्वानी नगर निगम की सीट को विधायक की की सीट से भी बड़ा माना जाता है। यहीं से फिर बाद भारतीय जनता पार्टी के जौहरियों की हो जाती है। अब 22 दिसंबर के बाद ही इस बात का खुलासा होगा कि हल्द्वानी सीट पर क्या होने वाला है क्योंकि 22 दिसंबर तक नगर निगम से संबंधित आपत्तियां दर्ज की जानी हैं।

पूर्व राज्य मंत्री गजराज सिंह बिष्ट के अन्य पिछड़ा वर्ग का होने के बाद और उस संबंध में आगे उनके पास इस सीट पर चुनाव लड़ने या ना लड़ने का क्या विकल्प है यह तो उन्हें ही मालूम होगा मगर गजराज सिंह बिष्ट का नाम उनके समर्थकों द्वारा आगे किए जाने के बाद फिलहाल हल्द्वानी नगर निगम में मेयर की सीट पर प्रत्याशी को लेकर एक घमासान होता हुआ साफ नजर आ रहा है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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