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जीबी पंत विश्वविद्यालय के किसान मेले में जाने खेतीबाड़ी के नए तरीके
पंतनगर : गोविद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में चल रहे चार दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला एवं उद्योग प्रदर्शनी में शुक्रवार को खरीफ की फसलों के बीजों की जमकर बिक्री हुई। फसल अनुसंधान केंद्र, प्रजनक बीज उत्पादन केंद्र तथा एटिक ने सात लाख रुपये के बीज बेचे। उद्यान अनुसंधान केंद्र, सब्जी अनुसंधान केंद्र, कृषि वानिकी अनुसंधान केंद्र, औषधीय एवं सगंध पौध अनुसंधान केंद्र तथा पुष्प उत्पादन केंद्र के स्टालों से दो लाख रुपये के बीज व पौधे बिके।
निदेशक संचार एवं किसान मेला समन्वयक डा. एसके. बंसल ने बताया कि मेले में कृषि उपयोगी तकनीकों से किसान लाभान्वित हो रहे हैं। शैक्षणिक पशुधन प्रक्षेत्र पर संकर बछियों की नीलामी में किसानों ने हिस्सा लिया। दो हजार किसानों ने अपना पंजीकरण कराया। करीब एक हजार अपंजीकृत किसानों के भी मेले का भ्रमण करने का अनुमान है।
सतत कृषि तकनीक ने खींचा ध्यान
मेले में सतत कृषि तकनीकों एवं कृषि पद्धतियों का प्रदर्शन किसानों के मध्य मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सतत कृषि को लेकर विवि के महाविद्यालयों के स्टालों पर विद्यार्थियों ने माडल बनाया है। कृषि महाविद्यालय के स्टाल में मधुमक्खी पालन, फसल सुरक्षा, फसल उत्पादन, मशरूम उत्पादन, कृषि निवेश, कृषि प्रसार एवं संचार में सतत विकास के विभिन्न आयामों को दर्शाया गया है। विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय ने बायोफर्टिफिकेशन को सतत कृषि से जोड़कर माडल प्रस्तुत किया है। गृह विज्ञान महाविद्यालय के स्टाल पर महिला सशक्तिकरण के आयामों को दर्शाया गया है। प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय, पशुविज्ञान महाविद्यालय ने भी माडल दर्शाए हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से आए आइवीआरआइ एवं केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली ने सघन चारा एवं उन्नत पोल्ट्री प्रजाति की जानकारी दी।
कृषि के सर्वांगीण विकास की दिखी झलक विवि के नौ कृषि विज्ञान केंद्रों ने एक संयुक्त स्टाल लगाया है। इसमें राज्य में कृषि के सतत व सर्वांगीण विकास की गाथा दर्शाई है। स्टाल में अजोला उत्पादन इकाई, मधुमक्खी पालन इकाई, गैनोडर्मा मशरूम उत्पादन के माध्यम से उच्च संरक्षित कृषि उत्पाद दिखाए गए हैं। उच्च गुणवत्ता एवं अधिक बाजार भाव वाली बेमौसमी सब्जियों तथा उच्च गुणवत्ता वाले मुर्गी की उन्नत नस्ल के अंडों को दर्शाया है। हथकरघा, लोकल उत्पाद एवं मोमबत्ती उद्योग लगाने की जानकारी देते माडल भी ध्यान खींच रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभाव व उपलब्धियों को दर्शाता चलचित्र भी केंद्र के स्टाल में चलाया जा रहा है।

